सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय की ओर से पठानकोट हमले की कवरेज को लेकर एनडीटीवी इंडिया को एक दिन के लिए बैन कर दिया गया है। जिस प्रसारण के कारण ndtv पर बैन लगाया जा रहा है, बहुत से लोगों को तो पता भी नहीं होगा कि एनडीटीवी इंडिया ने किया क्या था? चैनल के जिस वीडियो को लेकर बैन लगाया गया है कि वह चार जनवरी का है। इसमें आतंकियों की लोकेशन को लेकर जानकारी दी गई थी। इस पर सरकारी पैनल का कहना है कि दी गई जानकारी राष्‍ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा बन सकती थी। साथ ही इससे सुरक्षाकर्मियों को भी दिक्‍कत हो सकती थी।

पठानकोट हमले के बाद लाइव रिपोर्टिंग के इस वीडियों में बताया गया कि आतंकी आयुध भंडार से मात्र 100 मीटर की दूरी पर पहुंच चुके हैं जहां से दक्षिण में मिसाइल्स और रॉकेट्स रखे जाते हैं।

वायुसेना का हेलीकाप्टर उड़ान भर चुका है और किसी भी समय आतंकियों के छिपे हुए स्थान पर गोलियां बरसा सकता है।

तीन तरफ से एनएसजी कमांडों आतंकियों को घेर चुके हैं और दक्षिण की तरफ जंगल का एरिया है शायद इस वजह से उस तरफ से घेराबंदी नहीं की गई है।

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हालांकि एनडीटीवी की जिस रिपोर्ट को लेकर उसपर कार्रवाई हो रही है उसके जैसी ही रिपोर्ट कई न्यूज चैनल 2 जनवरी से ही दिखा रहे थे। साथ ही गूगल मैप पर भी पठानकोट एयरफोर्स बेस की ‘अच्छी और साफ’ तस्वीरें थी जिसमें उन लोकेशन को साफ देखा जा सकता था जहां पर भारतीय एयरक्राफ्ट खड़े थे। ऐसे में आतंकी जानकारी के लिए किसी न्यूज चैनल पर निर्भर हों इसके आसार कम ही लगते हैं।

अपने वीडियो के बारे में एनडीटीवी इंडिया ने कहा, ”सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय का आदेश प्राप्‍त हुआ है। बेहद आश्चर्य की बात है कि NDTV को इस तरीके से चुना गया। सभी समाचार चैनलों और अखबारों की कवरेज एक जैसी ही थी। वास्‍तविकता में NDTV की कवरेज विशेष रूप से संतुलित थी। आपातकाल के काले दिनों के बाद जब प्रेस को बेड़ियों से जकड़ दिया गया था, उसके बाद से NDTV पर इस तरह की कार्रवाई अपने आप में असाधारण घटना है। इसके मद्देनजर NDTV इस मामले में सभी विकल्‍पों पर विचार कर रहा है।”