Teachers Day 2024: आज 4 सितंबर को देश भर में टीचर्स डे धूमधाम से मनाया जा रहा है। कई स्कूलों में कार्यक्रम हो रहे है वहीं कई स्कूलों में आज छुट्टी है। बच्चे मैसेज भेजकर अपने टीचर्स को विश कर रहे हैं। 5 सितंबर को भारत के भूतपूर्व राष्ट्रपति डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन (Dr. Sarvepalli Radhakrishnan) का जन्मदिन होता है. कई स्कूलों में एक दिन पहले ही इस खास मौके को सेलिब्रेट कर लिया गया है। टीचर्स के मौके पर सोशल मीडिया पर कई टीचर्स की कहानी वायरल हो रही हैं।

ऐसे ही एक शिक्षक की मोटिवेशनल कहानी वायरल हो रही है, जिसमें दावा किया जा रहा है कि टीचर के दोनों हाथ बचपन में एक हादसे के दौरान कट गए थे। उस समय टीचर की उम्र 14 साल के थे। पशुओं के लिए चारा काटने वाली मशीन में टीचर के दोनों हाथ कट गए थे। एक समय ऐसा आया जब उन्हें लगा था कि अब वे अपनी जिंदगी में कुछ नहीं कर पाएंगे हालांकि उन्होंने हौसला नहीं हारा और अपने जुनून और हौसले से बाजी पलट दी।

दरअसल, शिक्षक दिवस (Teachers’ Day) भारत के भूतपूर्व राष्ट्रपति डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन (Dr. Sarvepalli Radhakrishnan) के जन्मदिन के अवसर पर मनाया जाता है। इस दिव्यांग टीचर की कहानी छात्रों को प्रेरणा देने का काम करेगी। टीचर का नाम प्रदीप बघेल मध्य प्रदेश के भिंड जिले के मिमसाई के रहने वाले हैं।

बचपन में चारा काटने वाली मशीन में इनके दोनों हाथ कट गए। इन्हें तब लगा कि सब बर्बाद हो गया अब ये कुछ नहीं कर पाएंगे। हालांकि इन्होंने अपनी सोच बदली और अपने ऊपर काम करने में लग गए। इन्होंने ठान लिया कि हाथ गवाने के बावजूद ये कुछ कर सकते हैं। उन्होंने पढ़ाई पर फोकस किया और सरकारी टीचर बन गए। प्रदीप का कहना है कि जिद्द करो दुनिया बदलो। उन्होंने शिक्षक बनने के लिए मध्यप्रदेश शिक्षक भर्ती परीक्षा पास की थी। अब वे पहाड़गढ जिले के रामनगर गांव के सरकारी स्कूल के छात्रों को पढ़ाते हैं। वे बच्चों को आगे बढ़ने की प्रेरणा देते हैं।

लैपटॉप और मोबाइल पर करते हैं काम

प्रदीप लैपटॉप और मोबाइल भी चलाते हैं। पेन से लिखते भी हैं। इतनी ही नहीं वे ब्लैक बोर्ड पर चॉक से लिखकर बच्चों को पढ़ाते भी हैं। वे खेतों में अपनी मां का हाथ भी बटाते हैं।