Sake Dean Mahomed Birthday Google Doodle, शेख दीन मोहम्मद: 15 जनवरी, 2019 को Google Doodle द्वारा प्रसिद्ध एंग्लो-इंडियन यात्री और बिजनेसमैन शेख दीन मोहम्मद की 260 वीं जयंती मना रहा है। मोहम्मद ने यूरोप में भारतीय व्यंजनों और शैम्पू की शुरुआत की। शेख ईस्ट इंडिया कंपनी की बंगाल रेजिमेंट में एक सैनिक रहे, वे पहली बार आयरलैंड में 1784 में कप्तान की सेवा में आए थे, जिसके साथ उन्होंने कई वर्षों तक काम किया। शेख दीन मोहम्मद का जन्म 15 जनवरी, 1759 को पटना, बिहार में हुआ था। बड़े होने के बाद, उन्हें एक प्रशिक्षु सर्जन के रूप में ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी की सेना में भर्ती किया गया था।

1786 में मोहम्मद ने अंग्रेजी का अध्ययन करने के लिए आयरलैंड में प्रवेश किया और कुछ समय कॉर्क में रहे। आठ साल बाद, 1794 में मोहम्मद ने अपनी पहली पुस्तक लिखी, जिसका नाम था द ट्रैवल्स ऑफ दीन मोहम्मद, जिसमें उन्होंने कई भारतीय शहरों का उल्लेख किया और अपने अनुभवों और सैन्य संघर्षों के पहले गवाह और भारतीय उपमहाद्वीप में ब्रिटेन की विजय का उल्लेख किया। यह पुस्तक आकर्षक कहानियों से समृद्ध है कि कैसे भारतीय शासकों और लोगों ने, कंपनी के साथ एक दोस्ताना-सह-बातचीत संबंध स्थापित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

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Highlights

    21:27 (IST)15 Jan 2019
    मोहम्मद दीन ने लिखी थी दो किताबें

    शेख दीन मोहम्मद ने दो किताबें लिखी थी, एक The Travels of Dean Mahomed और दूसरी Shampooing or Benefits Resulting from the use of Indian Medical Vapour Bath। पहली किताब में अपनी यात्रा वृतांत और देश-दुनिया के बारे में लिखा था। दूसरी किताब में चंपी करने के फायदे बताए थे।

    20:14 (IST)15 Jan 2019
    माइकल एच फिशर ने दीन मोहम्मद पर लिखी किताब

    अंग्रेजी में पहली किताब लिखने वाले भारतीय दीन मोहम्मद को लगभग भुला दिया गया था। लेकिन 80 के दशक में माइकच एच फिशर ने उनके ऊपर एक किताब The First Indian Author in English: Dean Mahomet in India, Ireland and England लिखी। इस किताब को ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी प्रेस, दिल्ली से प्रकाशित किया गया था।

    19:41 (IST)15 Jan 2019
    1851 में हुआ था निधन

    शेख दीन मोहम्मद का निधन वर्ष 1851 में ब्राइटन में हुआ था। उन्हें ब्राइटन स्थित सेंट निकोलस चर्च में दफनाया गया था।

    19:16 (IST)15 Jan 2019
    किंग जार्ज ने निजी 'शैम्पूइंग सर्जन' किया था नियुक्त

    वर्ष 1822 में किंग जार्ज चतुर्थ ने शेख दीन मोहम्मद को अपना निजी 'शैम्पूइंग सर्जन' नियुक्त किया था। आज भी ब्राइटन संग्रहालय में मोहम्मद की तस्वीर लगी हुई है।

    18:23 (IST)15 Jan 2019
    इंग्लैंड के ब्राइटन शहर में खोला था बाथ स्पा

    रेस्तरां बंद होने के बाद शेख मोहम्मद दीन अपनी पत्नी के साथ लंदन के ब्राइटन शहर चले गए। यहां उन्होंने अपने पिता से मिली विरासत का फायदा उठाया। पहला बाथ स्पा खोला और यहां वे ग्राहकों को स्टीम बाथ देते थे। सिर की मालिश करते थे। वहां के अखबारों में विज्ञापन देकर दावा किया कि ये स्टीम बाथ कई बीमारियों को दूर करता है। उनका यह धंधा चल निकला। वे प्रसिद्ध हो गए।

    17:49 (IST)15 Jan 2019
    दीन मोहम्मद को रेस्तरों बंद करने के लिए किया गया था मजबूर

    शेख दीन मोहम्मद ने 1810 में लंदन जाने के बाद भारीतय रेस्तरां 'हिंदुस्तान कॉफी हाऊस' खोला था। ब्रिटेन के लोगों को भारतीय टेस्ट से वाकिफ करवाया। हालांकि,  मात्र दो वर्ष बाद ही उन्हें इस रेस्तरां को बंद करने के लिए मजबूर कर दिया गया था।

    17:27 (IST)15 Jan 2019
    अपनी किताब में कई बातों का किया उल्लेख

    दीन मोहम्मद ने अपनी आत्मकथा 'द ट्रेवल ऑफ दीन मोहम्मद' में चंगेज खां, तैमूर सहित पहले के मुगल शासक के बारे में लिखा है। भारत के कई शहरों के बारे में भी विस्तार से बताया है। साथ ही देशी रियासतों के साथ ब्रिटिशों के सैन्य संघर्ष का भी जिक्र किया गया है।

    17:04 (IST)15 Jan 2019
    ब्राइटन स्पा खोल ब्रिटेन के लोगों को किया था आकर्षित

    दीन मोहम्मद के पिता नाई जाति के थे और वे कीमियागिरी अर्थात रासायन बनाने में पारंगत थे। दीन मोहम्मद को अपने पिता से विरासत में यह चीज मिली। दीन मोहम्मद जब ब्रिटेन पहुंचे तो उन्होंने विरासत में मिले इस ज्ञान का प्रयोग किया और ब्राइटन स्पा खोल यहां के लोगों को आकर्षित किया।

    16:55 (IST)15 Jan 2019
    एक किताब की वजह से हो गए मशहूर

    शेख दीन मोहम्मद एक किताब की वजह से मशहूर हो गए थे। उस किताब का नाम है, " द ट्रेवल ऑफ दीन मोहम्मद (The Travels of Dean Mahomed)।" ये किताब उन्होंन खुद लिखी थी, जो उनकी आत्मकथा थी। जब 15 जनवरी 1794 को यह किताब छपी, वे रातों-रात प्रसिद्ध हो गए। वजह ये थी कि वे पहले भारतीय बन गए थे, जिसकी किताब अंग्रेजी में छपी थी।

    16:29 (IST)15 Jan 2019
    दीन मोहम्मद के पोते बने अंतरराष्ट्रीय स्तर के डॉक्टर

    दिन मोहम्म्द के पोते फ्रेडरिक हेनरी होराशियो अकबर मोहम्मद अंतरराष्ट्रीय स्तर के डॉक्टर बनें। वे लंदन के गायज अस्पताल में काम करते थे। उच्च रक्तचाप के अध्ययन में उन्होंने काफी योगदान दिया।

    16:22 (IST)15 Jan 2019
    दीन मोहम्मद और जेन के पांच बच्चे हुए

    दीन मोहम्मद और जेन के पांच बच्चे हुए। उनके नाम रोजाना, हेनरी, होराशिया, फ्रेडरिक और आर्थर थे।

    16:14 (IST)15 Jan 2019
    शादी के लिए बदल लिया था धर्म

    1784 में दीन मोहम्मद कैप्टन गॉडफ्रे इवान बेकर के साथ आयरलैंड के कॉर्क शहर पहुंचे थे। यहां बेकर ने उनका एडमिशन एक स्कूल में करवा दिया था, जहां वे इंग्लिश व लिटरेचर की पढ़ाई करने लगे। इसी दौरान उनको जेन डेली नामक एक लड़की से प्यार हो गया। दोनों ने शादी करने का फैसला किया। हालांकि, जेन के परिजन इस शादी के लिए तैयार नहीं थे। इस वजह से दोनों दूसरे शहर भाग कर चले गए और 1786 में शादी कर ली। उस दौरान प्रोटेस्टेंड ईसाई का दूसरे धर्म में शादी करना अवैध था। इस वजह से मोहम्मद ने भी अपना धर्म परिवर्तन कर लिया और वे प्रोटेस्टेंड ईसाइ बन गए। इसके बाद इंग्लैंड के ब्राइटन शहर चले गए।

    16:05 (IST)15 Jan 2019
    यूरोप को चखाया था भारतीय व्यंजन का स्वाद

    शेख दीन मोहम्मद ने भारतीय व्यंजन का स्वाद यूरोप के लोगों को चखाया था। भारतीय खान-पान से उनका परिचय करवाया था। उन्होंने लंदन में पहला भारतीय रेस्टूरेंट खोला था।

    15:37 (IST)15 Jan 2019
    ब्रिटेन और यूरोप में इस तरह फेमस हो गई चंपी

    वक्त के साथ मोहम्मद की चंपी पूरे ब्रिटेन और यूरोप में काफी प्रसिद्ध हो गई। इतना ही नहीं उनकी चंपी के बारे में सुन कर सन् 1822 में चौथे किंग जॉर्ज ने उन्हें अपने निजी चंपी सर्जन के तौर पर नियुक्त कर लिया। ऐसा होने के बाद शेक दीन मोहम्मद के कारोबार में काफी बढ़ोतरी हुई।

    15:05 (IST)15 Jan 2019
    हर्बल स्टीम बाथ देते थे

    शेफ दीन मोहम्मद अपने स्पा में हर्बल स्टीम बाथ देते थे। इसके अलावा उनकी चंपी भी करते थे। चंपी मतलब सिर की मालिश करते थे। इस पूरे प्रोसेस से लोगों को अपनी बॉडी में काफी रिलेक्स महसूस होता था, और लोग इसका आनंद लेते थे।

    14:35 (IST)15 Jan 2019
    Sake Dean Mahomed Google Doodle: यहां मिलता था हुक्का

    शेख मोहम्मद के रेस्त्रां में भारतीय व्यंजनों के साथ ही हुक्का भी उपलब्ध था। हालांकि उनका यह रेस्त्रां उम्मीद के मुताबिक नहीं चल सका। लिहाजा आर्थिक तंगी के बाद उन्हें दो साल के भीतर ही बंद करना पड़ा।

    14:18 (IST)15 Jan 2019
    सेना में अपनी सेवा देने के बाद किया ये काम

    काफी दिनों तक सेना में अपनी सेवा देने के बाद शेक मोहम्मद सन् 1782 में ब्रिटेन आ गए। ब्रिटेन में आठ साल रहने के बाद उन्होंने 1810 में वहां पहला भारतीय व्यंजन परोसने वाला एक रेस्तरां खोला।

    13:38 (IST)15 Jan 2019
    ये भी मिलता था शेख दीन मोहम्मद के रेस्तरां में

    शेख दीन मोहम्मद के रेस्तरां का नाम हिन्दुस्तान कॉफी हाउस था। हालांकि यह रेस्तरां 2 साल ही चल पाया। इसमें पाइनएप्पल पुलाव और चिकन करी भी मिलते थे।

    13:11 (IST)15 Jan 2019
    इंग्लैंड में रेस्तरां खोलने वाले पहले शख्स

    शेख दीन मोहम्मद ने भारत और इंग्लैंड के बीच बेहतर संबंध बनाने का काम किया था। वह पहले भारतीय लेखक थे जिनकी अंग्रेजी में किताब छपी थी।

    12:53 (IST)15 Jan 2019
    आज ही के दिन प्रकाशित हुई थी किताब

    आज भी ब्राइटन संग्राहालय में शेख मोहम्मद की तस्वीर मौजूद है। 1794 में आज ही दिन उन्होंने इंग्लैंड में पहली अंग्रेजी किताब को प्रकाशित किया, भारत और इंग्लैंड के बीच रिश्ते बढ़ाने में उनका अहम योगदान रहा है।

    12:27 (IST)15 Jan 2019
    1794 में प्रकाशित हुई शेख मोहम्‍मद की किताब

    1794 में शेख दीन मोहम्‍मद ने अपना यात्रा वृतांत The Travels of Dean Mahomed नाम से प्रकाशित किया। इस किताब में चंगेज खान, तैमूर और पहले मुगल बादशाह बाबर की तारीफ की गई है। इस पुस्‍तक में भारत के कई अहम शहरों और स्‍थानीय राज्‍यों से सैन्‍य संघर्ष का भी विवरण मौजूद है।

    11:56 (IST)15 Jan 2019
    Sake Dean Mahomed Google Doodle: इसके बाद बढ़ गया शेख का बिजनेस

    1822 में शेख दीन मोहम्मद को चौथे किंग जॉर्ज ने अपना पर्सनल "शैंपूइंग सर्जन" रख लिया था। इससे उनके बिजनेस को एक शानदार बूस्ट मिला।

    11:11 (IST)15 Jan 2019
    7.5 लाख रुपए में बिका था मेन्यू कार्ड

    जून 2018 में, एक हस्तलिखित कुकरी पांडुलिपि जिसमें उनके रेस्तरां के मेनू की झलक थी, जिसमें "पाइनएप्पल पुलाव" ’और "चिकन करी" जैसे विशिष्ट व्यंजन थे, लंदन के पुस्तक मेले में किताब को 11,344 डॉलर (लगभग 7.6 लाख रुपये) में बेचा गया था।

    10:48 (IST)15 Jan 2019
    Sake Dean Mahomed Google Doodle: और ऐसे बन गए डॉ.ब्राइटन

    उनका बिजनेस बढ़ता गया, बीमारियों को ठीक करने का वादा किया और विभिन्न शारीरिक दर्द से राहत दिलाई। इसने उन्हें डॉ. ब्राइटन के रूप में लोकप्रिय बना दिया।

    10:35 (IST)15 Jan 2019
    Sake Dean Mahomed Google Doodle: ऐसे हुए थे फेमस

    शेख दीन मोहम्मद का जन्म पटना में हुआ थो, उन्होंने इंग्लैंड में जाकर भारतीय खाने का रेस्टोरेंट खोला। हालांकि रेस्टोरेंट को 2 साल में ही बंद करना पड़ा। इसके बाद उन्होंने स्पा खोला और पूरी दुनिया में फेमस हो गए।

    10:07 (IST)15 Jan 2019
    दो देशों की संस्कृति को जोड़ने के लिए करते हैं याद

    आज भी इंग्लैण्ड के ब्राइटन संग्रहालय में शेक मोहम्मद की एक भव्य तस्वीर मौजूद है और लोग उन्हें दो देशों की संस्कृति को जोड़ने के लिए याद करते हैं। मोहम्मद की मृत्यु 1851 में 32 ग्रैंड परेड, ब्राइटन में हुई। उन्हें सेंट निकोलस चर्च, ब्राइटन के ही एक कब्रिस्तान में दफनाया गया।

    09:59 (IST)15 Jan 2019
    और ब्रिटेन और यूरोप फेमस हो गई चंपी

    वक्त के साथ मोहम्मद की चंपी पूरे ब्रिटेन और यूरोप में काफी प्रसिद्ध हो गई। इतना ही नहीं उनकी चंपी के बारे में सुन कर सन् 1822 में चौथे किंग जॉर्ज ने उन्हें अपने निजी चंपी सर्जन के तौर पर नियुक्त कर लिया। ऐसा होने के बाद शेक दीन मोहम्मद के कारोबार में काफी बढ़ोतरी हुई।

    09:31 (IST)15 Jan 2019
    रेस्तरां बंद होने के बाद खोला स्पा

    रेस्तरां के बंद होने के बाद वह इंग्लैण्ड के ब्राइटन शहर में बस गए। वहां उन्होंने अपने नाम से एक बाथ स्पा खोला। इस बाथ स्पा में वह अपने ग्राहकों को हर्बल स्टीम बाथ देते थे। इसके साथ ही वह अपने ग्राहकों की चंपी यानी कि सिर की मालिश भी करते थे। इस चंपी को उन्होंने वहां के हिसाब से 'शैंपू' का नाम दे दिया।

    09:15 (IST)15 Jan 2019
    हिंदुस्तान कॉफी हाउस था रेस्टोरेंट का नाम

    ब्रिटेन में 8 साल रहने के बाद उन्होंने वहां पहला भारतीय व्यंजन परोसने वाला एक रेस्तरां खोला। इस रेस्तरां को हिंदुस्तान कॉफी हाउस के नाम से जाना जाता था। हालांकि उनका यह रेस्त्रां उम्मीद के मुताबिक नहीं चल सका। लिहाजा उन्हें इसे खोलने के दो साल के भीतर ही बंद करना पड़ा।

    08:57 (IST)15 Jan 2019
    पहले भारतीय थे जिन्होंने इंगलैंड में रेस्तरां खोला

    इन्होंने भारत और इंग्लैंड के बीच सांस्कृतिक संबंध बनाकर खुद का नाम बनाया। वह पहले भारतीय लेखक थे जिन्होंने अंग्रेजी में एक पुस्तक प्रकाशित की और इंग्लैंड में एक भारतीय रेस्तरां खोला।