यूपी में खाद की किल्लत खत्म होने का नाम नहीं ले रही है। यही वजह रही कि किसान नेता राकेश टिकैत को खुद हाथ में माइक लेकर आना पड़ा। टिकैत मौके पर पहुंचे और खाद की लाईन में लगे लोगों से रूबरू हुए। उन्होंने लाइव रिपोर्टिंग करके आम जन को भी किसानों की समस्या से अवगत कराया। टिकैत यूपी के ललितपुर में जाकर ग्राउंड रिपोर्टिंग करते दिखे।

ध्यान रहे कि बीते कई दिनों से मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश और हरियाणा से खाद की किल्लत की खबरें लगातार आ रही हैं। लोग लंबी-लंबी लाइनें लगाकर खाद की खरीदारी कर रहे हैं। हालांकि सरकार का कहना है कि देश में खाद की कमी की एक वजह अंतरराष्ट्रीय बाजार में इसकी आसमान छूती कीमतें हैं, लेकिन किसान बोल रहे हैं कि कालाबाजारी की वजह से किसान को खाद नहीं मिल पा रही है।

हालांकि, रसायन एवं उर्वरक मंत्री मनसुख मंडाविया ने किसानों से अपील की है कि सरकार ने नवंबर महीने में जरूरी जरूरत से ज्यादा खाद उपलब्ध कराने का प्रबंध किया है, इसलिए खाद नहीं मिलेगी। ऐसी अफवाह पर बिल्कुल ध्यान ना दे और खाद का संग्रह ना करें। उनका कहना है कि सरकार किसानों की समस्या को दूर करने की तरफ गंभीरता से ध्यान दे रही है। जल्दी ही किसानों को जरूरत के मुताबिक खाद मिलेगी।

उधऱ, सोशल मीडिया पर लोग राकेश टिकैत की प्रशंसा करते दिखे। जय किसान के हैंडल से ट्वीट किया गया कि टिकैत साहब अब ग्राउंड रिपोर्ट कर रहे हैं, क्योंकि देश में खाद की किल्लत से जूझ रहा किसान। सरकार ओर गोदी मीडिया कृषि प्रधान देश में चाटुकारिता में मग्न है। एक यूजर ने लिखा किसी भी टीवी रिपोर्टर से अधिक टीवी की समझ है टिकैत साहब को।

एक यूजर ने लिखा- महोदय क्या सरकार ने धान की पराली जलाने पर 2500 रूपए पर एकड़ का दंड रखा है। इस बात का बहाना बनाकर लेखपाल/कानूनगो किसानों का ब्लैकमेल कर रहे हैं और पैसा वसूल रहे हैं रामपुर जिले में। प्रभात मिश्रा ने लिखा-सरकार ने नियम यही बनाया है। 2 एकड़ तक के लिए 2500 रु, दो से पांच एकड़ के रकबे के लिए 5000 और पांच एकड़ से अधिक रकबे के लिए 15000 रुपये का जुर्माना है।