यूपी के बागपत से एक हैरान करने वाली घटना सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है। घटना का सीसीटीवी फुटेज भी वायरल हो रहा है। बागपत में एक आरोपी शख्स बच्ची संग रेप की कोशिश कर रहा था तभी वहां बंदरों को झुंड पहुंचा और आरोपी पर हमला कर दिया। डर के मारे आरोपी वहां से भाग गया और इस तरह बच्ची बच गई।
आरोप है कि शख्स बच्ची को अपने साथ सुनसान जगह पर ले गया और उसके साथ रेप की कोशिश करने लगा। तभी वहां बंदरों का झुंड आ पहुंचा, बंदरों को देखकर आरोपी वहां से भाग गया और इस तरह बच्ची बच गई। मामला बागपत के एक गांव का है। हालांकि जनसत्ता वायरल वीडियो की पुष्टि नहीं करता है।
न्यूज 24 के अनुसार, 6 साल की बच्ची को शख्स बहला-फुसलाकर अपने साथ सुनसान जगह पर ले गया। बच्ची के कपड़े उतारकर उसने गंदी हरकत करने की कोशिश की। इसी बीच अचानक वहां बदंरों का झुंड एक-दूसरे से लड़ते-झगड़ते आ पहुंचाा। बंदरों ने शख्स पर हमला किया। बंदरों को देखकर आरोपी वहां से भाग निकला और बच्ची बच गई। बच्ची के घरवालों ने आरोपी के खिलाफ मामला दर्ज कराया है। सीसीटीवी फुटेज के आधार पर पुलिस आऱोपी की तलाश कर रही है। सीसीटीवी में आरोपी बच्ची को साथ लेकर जाता हुआ दिखाई दे रहा है।
बागपत के गांव में रहने वाले बच्ची के माता-पिता ने दावा किया है कि शख्स बच्ची को फुसलाकर अपने साथ ले गया। शख्स पर आरोप है कि उसने बच्ची के कपड़े उतार दिए और यौन उत्पीड़न करने की कोशिश की। बच्ची जब घर पहुंची तो सदमे में थी। उसने परिवार को आपबीती बताई कि कैसे बंदरों ने उसे आरोपी शख्स से बचा लिया।
बच्ची के पिता ने कहा- वह मेरी बेटी को मार सकता था
वहीं बच्ची के पिता का कहना है कि आरोपी शख्स ने मेरी बेटी का जान से मारने की कोशिश की थी। पिता के अनुसार, बेटी बाहर खेल रही थी। तभी आरोपी उसे अपने साथ लेकर गया। सीसीटीवी कैमरे में देखा सकता है कि वह मेरी बेटी को लेकर पतली गली में चला गया। हालांकि शख्स की पहचान नहीं हो पाई है। उसने मेरी बच्ची को धमकी दी कि वह उसे मार देगा। बदंरों का झुंड वहां नहीं जाता तो मेरी बेटी मर चुकी होती। मामले में सीओ हरीश भदौरिया ने कहा है कि पुलिस मामले की जांच में जुटी है। हम आरोपी की पहचान करने औऱ उसे पकड़ने की पूरी कोशिश में हैं।
इस घटना पर लोग भर-भर के कमेंट कर रहे हैं। एक शख्स ने कहा है कि उत्तर प्रदेश पुलिस और सरकार से अच्छे तो बेजुबान बंदर हैं जिन्होंने मासूम बच्ची को बचाया। वहीं दूसरे ने कहा, लगता है पिछले जन्म में मनुष्य रहा है तभी समझदार है? एक अन्य ने लिखा है कि इन्हें पुलिस की जगह नियुक्त किया जाना चाहिए। कम से कम किसी की जान और इज्जत तो बचाई। बधाई के पत्र हैं, केला खिला कर जिला अधिकारी को सम्मानित करना चाहिए।
एक ने लिखा है कि इंसानों से अधिक इंसानियत नजर आई बंदरों में। अन्य ने लिखा है, जो काम इंसान को करना चाहिए।, वो बंदर करे रहे हैं। दूसरे ने कहा है कि जब इंसान हैवान बन गए हैं, तो जानवरो को तो इंसान बनना ही पड़ेगा। उत्तर प्रदेश पहले रोक नहीं पाती, बाद में रिपोर्ट करती है, करवाई करती है बस इसलिए जानवरों को ठेका लेना पड़ रहा है। अब तो पुलिस प्रशासन जागो? इंसान से क्या ही उम्मीद की जाये वो तो जानवर हैं जिनमें “इंसानियत” बची है। आपकी क्या राय है।