Madhubala 86th Birthday Google Doodle: गूगल ने आज बॉलीवुड एक्ट्रेस मधुबाला को डूडल बनाकर याद किया है। ‘The Marilyn Monroe of Bollywood’ के नाम से मशहूर मधुबाला को उनकी खूबसूरती, व्यक्तित्व और फिल्मों में महिलाओं के प्रति संवेदनशील किरदारों के लिए जाना जाता है। मुंबई की मलिन बस्तियों में पली-बढ़ीं। उन्होंने बाल कलाकार के रूप में भी फिल्मों में काम किया और जल्द ही वह एक प्रमुख महिला बन गई जो स्क्रीन पर अपने लालित्य और काफी अभिनय क्षमताओं के लिए जानी जाती है। 14 फरवरी 1933 को दिल्ली में उनका जन्म हुआ था। इनका नाम मुमताज जेहान बेगम देहलवी था। इनका पालन-पोषण बॉम्बे टॉकीज फिल्म स्टूडियो के पास स्थित एक कस्बे में हुआ था।
मधुबाला ने 9 साल की उम्र में बेबी मुमताज के रूप में उन्होंने अपनी पहली फिल्म में काम किया। 1947 में उन्होंने 14 साल की उम्र में मधुबाला नाम लेकर नील कमल में मुख्य भूमिका निभाई। उन्होंने आर्थिक रूप से भी अपने परिवार को सपोर्ट किया। उसने अपने माता-पिता और चार बहनों को सपोर्ट करने के लिए अथक प्रयास किए।

Highlights
मधुबाल का फिल्मी सफर लंबा नहीं चल सका। लंबी बीमारी के बाद 23 फरवरी 1969 को मात्र 36 साल की उम्र में मधुबाला का निधन हो गया था। मधुबाला ने अपने करियर में 70 से अधिक फिल्मों में काम किया था।
14 वर्ष की उम्र में उन्होंने फिल्म 'नील कमल' से बॉलीबुड में कदम रखा। 1949 के बाद मधुबाला ने बॉम्बे टॉकिज की फिल्म 'महल' में अभिनय किया और फिल्म की सफलता के बाद उन्होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा।
मधुबाला और दिलीप कुमार के बारे में कहा जाता है कि मधुबाला पिता आयातुल्ला खान नहीं चाहते थे कि दोनों की शादी हो। हालांकि दिलीप कुमार ने अपनी ऑटोबायोग्राफी द सब्सटेंस एंड द शैडो में कुछ और वजह बताई थी। दिलीप कुमार के मुताबिक- मधुबाला के पिता नहीं बल्कि उनकी प्रोडक्शन कंपनी हमारी शादी के खिलाफ थी।
मधुबाला ने अपने माता-पिता और चार बहनों के लिए खुद कड़ी मेहनत की। वह साल 1949 में 9 फिल्मों में नजर आईं जिसमें अशोक कुमार के साथ ब्लॉकबस्टर फिल्म 'महल' भी शामिल थी और इसी फिल्म में उन्होंने अपने शानदार अभिनय से लोगों का दिल जीत लिया।
दिलीप कुमार ने कहा कि- अगर तुमने मेरी बात नहीं मानी तो मैं कभी तुम्हारे पास लौटकर नहीं आऊंगा। इसके बाद दिलीप कुमार कभी नहीं लौटे। मधुबाला पर दिल हार बैठे शम्मी कपूर ने भी दिलीप कुमार और मधुबाला के प्यार का जिक्र अपनी किताब में किया था। शम्मी कपूर के मुताबिक दिलीप कुमार केवल मधुबाला को देखने मुंबई से पूना गाड़ी चलाकर आया करते थे।
मधुबाला (Madhubala) ने लगभग 70 से अधिक फिल्मों में काम किया। उन्होंने 'बसंत', 'फुलवारी', 'नील कमल', 'पराई आग', 'अमर प्रेम', 'महल', 'इम्तिहान', 'अपराधी', 'मधुबाला', 'बादल', 'गेटवे ऑफ इंडिया', 'जाली नोट', 'शराबी' और 'ज्वाला' जैसी फिल्मों में भूमिका निभाई और दर्शकों को अपनी अदा का कायल कर दिया।
दिलीप कुमार मधुबाला से शादी के लिए तैयार थे। बीबीसी की एक रिपोर्ट के मुताबिक, साल 1956 में ढाका की मलमल फिल्म की शूटिंग के दौरान दिलीप कुमार ने मधुबाला से कहा था- चलो मेरे घर, हम आज ही शादी कर लेते हैं। घर में काजी इंतजार कर रहे हैं। दिलीप कुमार की ये बात सुनकर मधुबाला रोने लगी।
1960 के दशक में मधुबाला (Madhubala) एक भयानक रोग से पीड़ित हो गईं। शादी के बाद रोग के इलाज के लिए दोनों लंदन चले गए। लंदन के डॉक्टर ने मधुबाला को देखते ही कह दिया कि वह दो साल से ज्यादा जीवित नहीं रह सकतीं।
कई फिल्में फ्लॉप होने के बाद 1958 में उन्होंने एक बार फिर अपनी प्रतिभा को साबित किया और उसी साल उन्होंने भारतीय सिनेमा को 'फागुन', 'हावड़ा ब्रिज', 'काला पानी' और 'चलती का नाम गाड़ी' जैसी सुपरहिट फिल्में दीं।
मधुबाला (Madhubala) ने उस समय के सफल अभिनेता अशोक कुमार, रहमान, दिलीप कुमार और देवानंद जैसे दिग्गज कलाकारों के साथ काम किया था। साल 1950 के दशक के बाद उनकी कुछ फिल्में असफल भी हुईं। असफलता के समय आलोचक कहने लगे थे कि मधुबाला में प्रतिभा नहीं है बल्कि उनकी सुंदरता की वजह से उनकी फिल्में हिट हुई हैं।
'नील कमल' में अभिनय के बाद से (Madhubala) सिनेमा की 'सौंदर्य देवी' कहा जाने लगा। इसके दो साल बाद मधुबाला ने बॉम्बे टॉकिज की फिल्म 'महल' में अभिनय किया और फिल्म की सफलता के बाद उन्होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा। उस समय के सभी लोकप्रिय पुरुष कलाकारों के साथ उनकी एक के बाद एक फिल्में आती रहीं।
साल 1947 में आई फिल्म 'नील कमल' मुमताज के नाम से उनकी आखिरी फिल्म थी। इसके बाद वह मधुबाला (Madhubala) के नाम से जानी जाने लगीं। इस फिल्म में महज चौदह वर्ष की मधुबाला ने राजकपूर के साथ काम किया।
मधुबाला (Madhubala) के अभिनय को देखकर उस समय की जानी-मानी अभिनेत्री देविका रानी बहुत प्रभावित हुई और मुमताज जेहान देहलवी को अपना नाम बदलकर 'मधुबाला' के नाम रखने की सलाह दी।
इनके पिता का नाम अताउल्लाह और माता का नाम आयशा बेगम था। शुरुआती दिनों में इनके पिता पेशावर की एक तंबाकू फैक्ट्री में काम करते थे। वहां से नौकरी छोड़ उनके पिता दिल्ली, और वहां से मुंबई चले आए, जहां मधुबाला का जन्म हुआ।
उन्हें अभिनय के साथ-साथ उनकी अभुद्त सुंदरता के लिए भी जाना जाता है। उन्हें 'वीनस ऑफ इंडियन सिनेमा' और 'द ब्यूटी ऑफ ट्रेजेडी' जैसे नाम भी दिए गए। बेहद कम ही लोग जानते हैं कि मधुबाला (Madhubala) के बचपन का नाम 'मुमताज जहां देहलवी' (Mumtaz Jahan Dehlvi) था।
मधुबाला को भले ही फिल्मों में बहुत सफलता मिली हो, लेकिन उनकी पर्सनल लाइफ हमेशा मुश्किलों से भरी रही। इसी वजह से मधुबाला को ट्रेजडी क्वीन भी कहा जाता है। उन्होंने एक्टर किशोर कुमार से शादी की, लेकिन बीमार पड़ने के बाद वह बिल्कुल अकेली हो गई थी। किशोर कुमार 2 महीनों में एक बार उनसे मिलने आते थे।
1949 के दौरान मधुबाला नौ फिल्मों में दिखाई दीं, जिसमें बॉक्स ऑफिस पर हिट महल में एक शानदार ब्रेकआउट प्रदर्शन शामिल था।