गूगल ने महान एविएटर जीन गार्डनर बेटन के 107वें जन्मदिन पर डूडल के जरिए श्रद्धांजलि दी। जीन मील रुप से न्यूजीलैंड की रहने वाली थी। 1930 के दशक में जीन ने दुनिया भर में काफी नाम कमाया। उन्होंने दुनिया के अलग हिस्सों में अकेली उड़ान भर के कई रिकॉर्ड बनाए। उन्होंने अपनी पहली उड़ान इंग्लैण्ड से न्यूजीलैंड तक 1936 में भरी। जीन का शुरुआती नाम जेन था बाद में उनका नाम बदलकर जीन रखा गया। जीन का जन्म 15 सितंबर1909 को हुआ था। जीन के पिता फ्रेडरिक बेटन एक डेंटल सर्जन थे। साल 1924 में जीन ने ऑंकलैंड के एक कॉलेज में संगीत की पढ़ाई शुरू की। संगीत में दिलचस्पी होने के बाद भी 18 साल की पूरी होने पर जीन ने पायलट बनने की ठानी। दरअसल जीन जब ऑस्ट्रेलियन पायलट चार्ल्स किंग्सफोर्ड स्मिथ के साथ एक हवाई सैर पर गई उसके बाद उन्होंने यह निश्चय किया कि अब वह पायलट बनेंगी। साल 1930 में जीन ने अपनी पहली अकेली उड़ान भरी।

इसके दो साल बाद उन्होंने अपना प्राइवेट और कमर्शियल लाइसेंस हासिल कर लिया। साल 1934 में जीन ने इंग्लैण्ड से ऑस्ट्रलिया तक अकेली उड़ान भरी। इस उड़ान में जीन ने 14 दिन 22 घंटों का समय लेकर नया रिकॉर्ड बनाया।  उन्होंने इंग्लैण्ड की एविएटर एनी जॉनसन का रिकॉर्ड तोड़ा। ऐसी ही कई रिकॉर्ड ब्रेकिंग फ्लाइट्स के लिए उन्हें 1935, 1936, 1937 में हारमन ट्रॉफी से सम्मानित किया गया। साल 1934 में जीन की एक किताब ‘सोलो फ्लाइट’  जैक्सन एंड ओ’ सुलिवन लिमिटेड ने प्रकाशित की। इंग्लैण्ड से ब्राजील तक की सोलो फ्लाइट में उन्होंने एक नया विश्व कीर्तिमान बनाया। इसके लिए उन्हें ऑर्डर ऑफ द साउदर्न क्रॉस से सम्मानित किया गया था। यह पहली बार था कि रॉयल फैमिली के अलावा किसी और को यह सम्मान दिया गया हो। साल 1938 में फेडरेशन एयरोनॉटिक्स इंटरनेशनल से उन्हें सम्मानित किया। यह अवार्ड एविएशन क्षेत्र का सबसे बड़ा सम्मान है। द्वितीय विश्व युद्ध के समय जीन को उड़ान भरने से मना कर दिया गया और इसके बाद ही उनका एविएशन जीवन खत्म हो गया। युद्ध काल में जीन कई अभियानों में शामिल हुई और इंग्लैण्ड के लोगों को पैसे और बंदूकें इकट्ठा करने के लिए प्रेरित करती रहीं। 2 नवंबर 1982 को 73 साल की उम्र में उनका निधन हो गया।