कांग्रेस नेता पी चिदंबरम ने आज मोदी सरकार की आय घोषणा योजना (आईडीएस) के बारे में सवाल उठाते हुए कहा कि इस योजना में ‘और खामियां’ हो सकती हैं। उन्होंने यह बयान कुछ दिन पहले 13860 करोड़ रुपए की अघोषित आय की घोषणा करने वाले अहमदाबाद के रियल इस्टेट कारोबारी महेश शाह के कल आये नये दावे की पृष्ठभूमि में दिया है जिसमें उन्होंने कहा कि पैसा उनका नहीं बल्कि अन्य लोगों का है। चिदंबरम ने ट्वीट किया, ‘‘65000 करोड़ रुपए की आईडीएस में 13860 करोड़ रुपए का सुराख है। और कितने सुराख होंगे।’’ कुछ दिन पहले 13860 करोड़ रुपए की अघोषित आय की घोषणा करने वाले अहमदाबाद के रियल इस्टेट कारोबारी महेश शाह कल एक टेलीविजन शो में आये और उन्होंने दावा किया कि वह केवल दूसरों की रकम का चेहरा मात्र हैं। शाह के इस दावे के बाद पूर्व केंद्रीय मंत्री का बयान आया है। शाह ने कल टीवी चैनल से कहा था कि उनके पास कालाधन नहीं था और उन्होंने कुछ भारतीयों की अघोषित पूंजी की घोषणा की थी।
शाह ने टीवी पर कहा कि वह आयकर विभाग से संपर्क करेंगे और उन लोगों के नाम देंगे जिन्होंने उन्हें इस बात के लिए मनाया कि उनकी बेहिसाब रकम को अपनी बताएं। शाह जैसे ही चैनल पर दिखाई दिये, कुछ ही देर में आयकर अधिकारी उन्हें पूछताछ के लिए स्थानीय चैनल के दफ्तर से ले गये। उन्हें वरिष्ठ आयकर अधिकारियों की रात भर चली पूछताछ के बाद आज सुबह घर जाने दिया गया।
There is a Rs 13,860 crore hole in the Rs 65,000 crore IDS! How many more holes?
— P. Chidambaram (@PChidambaram_IN) December 4, 2016
चिदंबरम के ट्वीट पर यूजर्स ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। कई यूजर्स ने कहा कि महेश शाह की घोषणा सरकार की आईडीएस के तहत नहीं आएगी। ऋषि नाम के यूजर ने लिखा कि ‘पी चिदंबरम जैसे वरिष्ठ नेता को जनता को गलत जानकारी नहीं देनी चाहिए। इस तरह की घोषणाएं 67,000 करोड़ की आईडीएस में शामिल नहीं हैं।’ एक अन्य यूजर ने लिखा, ”संबंधित एजेंसियों को अपना काम पूरी करनी चाहिए। पहले ही आरोप मत लगाइए। टूजी में जीरो लॉस याद है?”
https://twitter.com/rishibagree/status/805407967918993408
Mr. Former Finance Minister and an acclaimed economist, this declaration has not been considered for computation..
— Jayesh Mehta (@JMehta65) December 4, 2016
#DynastySlave @pchidambaram_in M Shah's 13,860 Cr under IDS wasn't considered. Total under IDS stands at 67,382 crore!
— Dikshit Kumar A?? (@perestroikaindu) December 4, 2016
@pujamehra Sir, the govt has clarified that the 13,860 crores was not included in the final tally in Sept 2016.
— Vasu (@vasudevan_k) December 4, 2016
https://twitter.com/tishtriya/status/805397374851903489
why a former FM is acting like a school kid.Karnataka govt officials close to siddhu was caught with 152 cr &counting !
— raghuram Tarekere (@TSRBSKBLR) December 4, 2016
All logic fails when you suffer from Hate Modi desease.
— ram subramanian (@srsbang) December 4, 2016
@JhaSanjay Opinion or illusion? Fact – this 13k odd crore was never a part of the 65k odd crore declared by Govt under IDS
— Kshitij Sheth (@kshitijksheth) December 4, 2016
https://twitter.com/pliersnwires/status/805409717006766080
Sir we have huge respect for your financial intelligence. Pl don't stoop to level of others
— Sidharth Jain (@sidharth_jain) December 4, 2016
पूर्व केंद्रीय वित्त मंत्री ने इससे पहले कहा था, ”अगर प्रधानमंत्री मुझसे कहते कि मुझे 1000 और 500 रूपये के नोट को अवैध घोषित करने का फैसला करना है, तो मै ऐसा नहीं करने के लिए कहता। फैसला नहीं लेता। मैं उन्हें तथ्य और आंकड़े देता। लेकिन, अगर वह कहते माफ कीजिए यह मेरा फैसला है मुझे यह करना है, तो मैं आपसे बेलाग लपेट कहता हूं, मैं इस्तीफा दे देता।”