भारतीय क्रिकेट टीम के तूफानी गेंदबाज रहे इरफान पठान ने म्यांमार में रोहिंग्या मुसलमानों के साथ हो रही हिंसा पर अपना दर्द बयां किया है। इरफान पठान ने ट्वीट कर दुनिया में लोगों की सोच पर सवाल उठाया है। हालांकि इरफान पठान के इस ट्वीट पर बहुत से लोग उनसे असहमत हैं और उल्टा निशाना साधते हुए कह रहे हैं कि तब आपको दर्द नहीं हुआ जब कश्मीर में पंडितों पर अत्याचार हो रहे थे। दरअसल म्यांमार में कट्टरपंथी बौद्ध संगठनों और कट्टरपंथी रोहिंग्या मुसलमानों के बीच कई बार खूनी झड़प हो चुकी है। मौजूदा विवाद भी 25 अगस्त को रोहिंग्या मुसलमानों के एक हथियारबंद संगठन द्वारा सुरक्षा बलों पर किए गए हमले से शुरू हुआ। रोहिंग्या मुसलमानों के अनुसार कई गांवों में सेना ने निहत्थे लोगों पर गोली चलाई। संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार के अनुसार 25 अगस्त को भड़की हिंसा के बाद करीब 400 लोग मारे जा चुके हैं।
म्यांमार में रोहिंग्या मुसलमानों के साथ हो रहे खून-खराबे पर इरफान पठान ने ट्वीट करते हुए लिखा कि लगता है दुनिया और इसके लोग ये तय कर चुके हैं कि उन्हें शांति नहीं चाहिए। आज इंसान सिर्फ दूसरे इंसान को तकलीफ पहुंचाना चाहता है।
Looks like the world n it’s ppl have decided not to get peace.Humans only want to hurt other human #MyanmarGenocide
— Irfan Pathan (@IrfanPathan) September 7, 2017
इरफान पठान ने अपने इस ट्वीट में म्यांमार नरसंहार का हैश टैग भी इस्तेमाल किया है। इरफान पठान का ये ट्वीट देख बहुत से लोगों ने उनसे असहमति जताई है। ऐसे लोग कह रहे हैं कि भारत दुनिया में मुसलमानों के लिए सबसे सुरक्षित जगह है। ये लोग पठान को लिख रहे हैं कि तुम करियर पर ध्यान दो इस तरह की बहस के लिए बहुत से लोग हैं। इन लोगों ने ये भी लिखा कि जब भी तुम लोग मुंह खोलते हो मुसलमानों के लिए ही खोलते हो। ऐसे ही कुछ दूसरे यूजर्स ने लिखा कि इन रोहिंग्या मुसलमानों को कोई मुस्लिम देश अपने पास लेने को तैयार क्यों नहीं हो रहा। बहुत से यूजर्स ने पठान के इस ट्वीट पर सहमति भी जताई है। इन यूजर्स ने लिखा कि इस हिंसा के खिलाफ आवाज़ उठाने के लिए आपका शुक्रिया। वहीं कुछ यूजर्स ये भी लिख रहे हैं कि जिस दिन मुसलमान हिंसा का रास्ता छोड़ प्यार और सद्भाव की बात करेगा उस दिन अपने आप ये सारी चीजें रुक जाएंगी।


