मुस्लिमों में तीन तलाक पर इलाहाबाद हाईकोर्ट की टिप्पणी का कांग्रेस ने स्वागत किया है। मगर कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह की राय पार्टी से अलग है। उन्होंने अदालत से धर्म के मामले में दखलअंदाजी न करने की ताकीद की है। दिग्विजय ने ट्विटर पर लिखा, ”मैं बड़ी विनम्रतापूर्वक से माननीय अदालतों से अनुरोध करना चाहूंगा कि उन्हें धर्म और धर्मों के रीति रिवाज में दख़लंदाज़ी नहीं करना चाहिये।” इलाहाबाद हाईकोर्ट ने गुरुवार को एक याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा था कि तीन तलाक असंवैधानिक है और कोई पर्सनल लॉ बोर्ड संविधान से ऊपर नहीं है। अदालत के अनुसार, ‘तीन तलाक असंवैधानिक है, यह मुस्लिम महिलाओं के अधिकारों का उल्लंघन है। संविधान से ऊपर कोई पर्सनल लॉ बोर्ड नहीं है।’ सत्ताधारी भाजपा के सांसद आरके सिंह ने फैसले का स्वागत करते हुए कहा, ”तीन तलाक पर कोर्ट का यह प्रगतिशील फैसला है। इसका सभी संगठनों को स्वागत करना चाहिए। इससे मुस्लिम समुदाय को फायदा होगा।” कांग्रेस ने भी इस फैसले को सही बताया है। रेणुका चौधरी ने कहा, ”यह बहुत पहले ही हो जाना चाहिए था। मैं खुश हूं कि अब मेरी मुस्लिम बहनों को और अधिकार मिल जाएंगे।”
दिग्विजय सिंह के अदालत को नसीहत देने पर ट्विटर यूजर्स ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है। कांग्रेस नेता के ट्वीट के जवाब में यूजर्स ने उन्हें घेर लिया। अभिषेक लिखते हैं, ”कभी श्रीराम मंदिर के लिये भी विनम्रतापूर्वक आग्रह किया होता न्यायालयों से और देश के मुसलमानों से।”
ममता ने चुटीले अंदाज में लिखा, ”और मैं बड़ी विन्रमता से दिग्विजय जी को ये कहना चाहती हूं, ज्यादा ध्यान उसपर दीजिये जिसे आप खुद ब्याह करके लाये है ,पड़ोसी की नहीं।” प्रमिला ने कहा कि ‘आप को मुस्लिम महिलाओं के हक और अधिकार की थोड़ी भी फ़िक्र नही ,केवल वोट बैंक की है? शर्म आनी चाहिए महिलाओं के प्रति ऐसी सोच रखते।’
देखें सोशल मीडिया पर कैसे घिरे दिग्विजय:
कभी श्रीराम मंदिर के लिये भी विनम्रतापूर्वक आग्रह किया होता न्यायालयों से और देश के मुसलमानों से ।
— Abhishek Mishra (@Abhishek_Mshra) December 8, 2016
और मैं बड़ी विन्रमता से .@digvijaya_28 जी को ये कहना चाहती हूं
ज्यादा ध्यान उसपर दीजिये जिसे आप खुद ब्याह करके लाये है ,पड़ोसी की नहीं ??— _ममता_ (@Mamta_Sharma_) December 8, 2016
https://twitter.com/sssingh21/status/806785373816766465
आप को मुस्लिम महिलाओं के हक और अधिकार की थोड़ी भी फ़िक्र नही ,केवल वोट बैंक की है?शर्म आनी चाहिए महिलाओं के प्रति ऐसी सोच रखते
— pramila (@pramila2710) December 8, 2016
धर्मों के रीति-रिवाज या सिर्फ धर्म विशेष के रीति-रिवाज … आपका ज्ञान राम मंदिर और अभी शनि-सिगनापुर मामले मे कहाँ गया था !!!
— धीरेन्द्र पाण्डेय 'ब्राह्मण' ?? (@itsdhirofficial) December 8, 2016
https://twitter.com/sssingh21/status/806777246086111232
,मै बड़ी विनम्रता से कह रही हू कि अदालत के फैसले पर बिना वजह टॉग न अड़ाए क्योंकि भारत के संविधान से बढ़ कर कोई र्धम नही है
— kanti (@kanti81877247) December 8, 2016
मुस्लिम महिलाओं को इस प्रथा की वजह से हो रही परेशानी पर भी यूजर्स ने चिंता जताई। एक शख्स लिखते हैं, ”ट्रिपल तलाक कोई रिवाज, संस्कार या परंपरा नहीं है। ये एक सामाजिक बुराई है जो कितनी महिलाओं को बिना वजह सड़क पर खड़ा कर देता है।”
https://twitter.com/desi_villain/status/806780980186910720
attempt to lure muslim votes again… but not gonna happen ????
— Vande Bharat ?? (@sacho_patidar) December 8, 2016
,मै बड़ी विनम्रता से अनुरोध करना चाहुंगी की अपना दिमागी ईलाज किसी अच्छे डॉक्टर से कराये और कोर्ट के मामले में दख़लंदाज़ी ना करे
— CS Nita (@CS_Nita9) December 8, 2016
जब किसी के हितो के लिये फैसले होते है तब उस पर गंदी राजनीति नही करनी चाहिये… ..वही विनम्रतापूर्वक उसे स्वीकार करना चाहीये
— Bhavin ?? (@bhavinambaliyal) December 8, 2016