Baba Amte 104th Birthday Google Doodle: गूगल ने बुधवार को भारतीय समाजसेवी मुरलीधर देवीदास आमटे को उनकी 104वीं जयंती पर डूडल के जरिए याद किया। उन्हें बाबा आमटे के नाम से जाना जाता है। डूडल के स्लाइड शो में आमटे के जीवन की झलक दिखाई गई, जिसे उन्होंने जरूरतमंद लोगों की सेवा खासकर कुष्ठ रोगियों की सेवा करने के लिए समर्पित किया। कानून के अच्छे जानकार मुरलीधर देवदास आमटे को हम बाबा आमटे के नाम से भी जानते हैं। वे उन भारतीय स्वतंत्रता सेनानियों में से थे जिन्होंने ब्रिटिश राज में अंग्रेजों के खिलाफ बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया था। उन्होंने भारतीय स्वतंत्रता नेताओ के लिए बचावपक्ष वकील का काम किया। आज बाबा आमटे का 104वां जन्मदिन है, उनकी याद में गूगल ने खास स्लाइडशो डूडल तैयार किया है। इस स्लाइडशो में आजादी की लड़ाई में महात्मा गांधी के साथ बाबा आमटे को भी दिखाया गया है। बाकी स्लाइड में सामाजिक कार्यकर्ता और एक्टिविस्ट की भूमिका को दर्शाया गया है।

मुरलीधर देवदास आमटे का जन्म 26 दिसंबर 1914 को महाराष्ट्र के वर्धा जिले के हिंगनघाट शहर में हुआ था। उनके पिता का नाम देविदास आमटे और उनकी माता का नाम लक्ष्मीबाई आमटे था। उनके पिता ब्रिटिश गवर्नमेंट में ऑफिसर थे, उन्हें डिस्ट्रिक्ट एडमिनिस्ट्रेशन और रेवेन्यु कलेक्शन की जिम्मेदारी सौंपी गई थी।

मुरलीधर देवदास आमटे को बचपन से ही बाबा उपनाम दिया गया था, उनके माता-पिता उन्हें बाबा कहकर बुलाते थे। बाद में उन्हें सभी बाबा आमटे कहकर बुलाने लगे। उन्होंने अपने जीवन में मुख्य रूप से लोगो में सामाजिक एकता की भावना को जागृत करना और जानवरों का शिकार करने से रोकने के लिए काम किया। उनके कार्यो को देखते हुए 1971 में उन्हें पद्म श्री अवार्ड से सम्मानित किया गया था।

 

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Baba Amte Google Doodle

Highlights

    16:12 (IST)26 Dec 2018
    पद्मश्री के अलावा बाबा आमटे को मिले थे ये सम्मान

    बाबा आमटे के अथक परिश्रम के सम्मान में उन्हें 1971 में पद्म श्री पुरस्कार से सम्मानित किया गया। 1988 में मानव अधिकारों के क्षेत्र में संयुक्त राष्ट्र पुरस्कार से और 1999 में गांधी शांति पुरस्कार से सम्मानित किया गया।

    15:51 (IST)26 Dec 2018
    'निट इंडिया मार्च' के बाद की असम से गुजरात तक की यात्रा

    बाबा आमटे ने 'निट इंडिया मार्च' के तीन साल बाद दूसरा मार्च निकाला और 1,800 मील का सफर करते हुए असम से गुजरात तक की यात्रा की।

    15:28 (IST)26 Dec 2018
    'निट इंडिया मार्च' के दौरान तय किया था 3,000 से ज्यादा का सफर

    राष्ट्रीय एकता में दृढ़ विश्वास रखने वाले बाबा आमटे ने 1985 में 72 वर्ष की उम्र में 'निट इंडिया मार्च' शुरू किया और 3,000 मील से ज्यादा का सफर तय कर कन्याकुमारी से कश्मीर तक की यात्रा की।

    14:57 (IST)26 Dec 2018
    बाबा आमटे ने इसलिए छोड़ी थी वकालत

    बाबा आमटे ने कानून की पढ़ाई की और उम्र के दूसरे दशक में पहुंचने तक अपनी सफल कंपनी संचालित करना शुरू किया। लेकिन उम्र के तीसरे दशक में उन्होंने वंचितों के साथ काम करने के लिए वकालत की प्रैक्टिस छोड़ दी। वे बचपन से समाज में मौजूद असमानताओं के बारे में वाकिफ थे।

    13:40 (IST)26 Dec 2018
    लक्जीरियस थी बाबा आमटे की लाइफ

    महाराष्ट्र के एक संपन्न परिवार से ताल्लुक रखने वाले आमटे जंगली जानवरों का शिकार करने, खेल खेलने और लक्जरी कारें चलाने के शौकीन हुआ करते थे।

    13:06 (IST)26 Dec 2018
    कांग्रेस पार्टी ने बाबा आमटे के प्रति सम्मान प्रकट किया

    बाबा आमटे की 104वीं जयंती पर कांग्रेस पार्टी ने ऑफिशियल ट्विटर हैंडल के जरिए उनके प्रति सम्मान प्रकट किया है।

    12:46 (IST)26 Dec 2018
    बाबा आमटे को गूगल ने किया सलाम

    26 दिसंबर 1914 को जन्मे आमटे को डूडल समर्पित करते हुए गूगल ने कहा, 'हम मानवता के लिए जीवन भर सेवा करने वाले बाबा आमटे को सलाम करते हैं।'

    12:05 (IST)26 Dec 2018
    बाबा आमटे को वर्ष 1971 को किया गया था पद्मश्री से सम्‍मानित

    वर्ष 1971 मे उन्‍हें पद्मश्री से भी सम्‍मानित किया गया। 1988 में मानवाधिकारों के क्षेत्र में उन्‍हें संयुक्‍त राष्‍ट्र के पुरस्‍कार से नवाजा गया तो 1999 में उन्‍हें गांधी शांति पुरस्‍कार भी दिया गया।

    11:39 (IST)26 Dec 2018
    सामाजिक कार्यकर्ता और एक्टिविस्ट मुरलीधर देवदास आमटे की 104वीं जयंती आज

    गूगल की तीसरी स्लाइड में उनके 'आनंदवन' को दिखाया गया है, जो कुष्ठ रोगियों के लिए उनके द्वारा स्थापित किया गया एक गांव और केंद्र था। यहां मुरलीधर देवदास आमटे की सोशल वर्कर और सोशल एक्टिविस्ट की भूमिका को दर्शाया गया है।

    11:08 (IST)26 Dec 2018
    72 वर्ष की उम्र में शुरू की थी भारत यात्रा

    गूगल द्वारा बनाए गए डूडल स्लाइड शो में बाबा आमटे की भारत यात्रा को दर्शाया गया है। 72 वर्षीय बाबा आमटे ने 1985 में भारत यात्रा शुरू की थी, उन्होंने कन्‍याकुमारी से कश्‍मीर तक का दौरा किया। इस दौरान उन्‍होंने 3,000 मील से अधिक दूरी की यात्रा की और इस दौरान लोगों को राष्‍ट्रीय एकजुटता के लिए प्रेरित किया।

    10:34 (IST)26 Dec 2018
    बाबा आमटे ने की थी कुष्ठ रोगियों की सेवा

    जिस दौर में कुष्ठ रोगियों से बहुत ज्यादा परहेज किया जाता था, उन्हें समाज से बाहर रखा जाता था। माना जाता था कि कुष्ठ रोग पीड़ित रोगियों के संपर्क में आने से कुष्ठ रोग होता है। ऐसे दौर में भी बाबा आमटे ने कुष्ठ रोगियों की काफी सेवा की थी। उन्होंने सभी बातों को दरकिनार करते हुए कुष्ठ रोगियों के इलाज के लिए हर संभव प्रयास किए।

    10:04 (IST)26 Dec 2018
    एकता मार्च में शामिल हुए थे बाबा आमटे

    वृंदा जावेरी द्वारा निर्मित, डूडल भविष्य बाबा आमटे के चित्र के साथ शुरू होता है, जिसमें वह भविष्य की ओर देखते मालूम पड़ते हैं, इसके बाद उनकी एकता मार्च को दिखाया गया है।

    09:19 (IST)26 Dec 2018
    बाबा आमटे के 104वें जन्मदिवस पर गूगल ने बनाया डूडल

    गूगल ने मुरलीधर देविदास आमटे की 104वीं जयंती पर सम्मान देने के लिए स्लाइड शो डूडल तैयार किया है।

    08:58 (IST)26 Dec 2018
    भारतीय स्वतंत्रता सेनानियों को किया बचाव

    भारत छोड़ों आंदोलन (1942) के दौरान ब्रिटिश सरकार ने भारतीय स्वतंत्रता सेनानियों को जेल में डाल दिया था। उस वक्त बाबा आमटे ने आगे आकर सभी नेताओं का बचाव किया था।