फिल्म पद्मावती पर चल रहे हंगामे के बीच एक फिल्ममेकर ने विवादित बयान दिया है। मुंबई के एक फिल्ममेकर ने ट्वीट किया है कि जो कोई शख्स प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर जूता या चप्पल उछालेगा उसे वो एक लाख रुपये का ईनाम देगा। इस फिल्ममेकर का नाम राम सुब्रह्मण्यम है। इस शख्स का दावा है कि वो कई आंदोलन खड़े कर चुका है। फिल्म पद्मावती पर चल रहे विवाद से ये शख्स काफी नाराज नजर आ रहा है। इस शख्स ने एक ट्वीट पर प्रतिक्रिया देते हुए लिखा है, ‘एकदम नहीं, मैं उसे एक लाख रुपये देने की घोषणा करता हूं, जो नरेंद्र मोदी जी पर चप्पल या जूता फेंकता है। भारत की नयी संस्कृति में आपका स्वागत है, इस संस्कृति की आधारशिला बीजेपी ने रखी है।’ दरअसल ये शख्स उस ट्वीट पर प्रतिक्रिया दे रहा था, जिसमें कर्नाटक के ऊर्जा मंत्री डी के शिवकुमार ने पद्मावती विवाद से जुड़ा एक ट्वीट किया था। डी के शिवकुमार ने लिखा था, ‘ ये निंदा योग्य है कि बीजेपी का पदाधिकारी अभिनेत्री दीपिका पादुकोण के सर पर 10 करोड़ रुपये के ईनाम की घोषणा कर रहा है, जो कि हमारे राज्य की रहने वाली हैं और भारत के प्रतिष्ठित खिलाड़ी की बेटी हैं। क्या यही बीजेपी की संस्कृति है, क्या वे लोग इसी तरह महिलाओं का सम्मान करते हैं? इस शख्स के खिलाफ तुरंत कार्रवाई की जानी चाहिए।
Not at all… I am offering 1 Lakh to anyone who throws a chappal/shoe at @narendramodi ji. Welcome to the new Indian culture. Foundation laid by @BJP4India https://t.co/gEh5nxUGq7
— Ram Subramanian (Voice Of Ram) (@VORdotcom) November 20, 2017
बता दें कि हरियाणा बीजेपी के नेता सूरज पाल अमू ने फिल्म पद्मावती की अभिनेत्री दीपिका पादुकोण का सर काटने वाले शख्स को 10 करोड़ रुपये का ईनाम देने की घोषणा की थी। सूरज पाल अमू के इस बयान पर फिल्म इंडस्ट्री समेत समाज के हर तबके से जबरदस्त प्रतिक्रिया मिली थी। बीजेपी ने भी इस शख्स को नोटिस भेजकर इससे जवाब मांगा था। सूरज पाल अमू ने कहा था कि कांट-छांट के बावजूद वे इस फिल्म को रिलीज नहीं होने देंगे। उन्होंने कहा था कि चाहे क्यों ना उन्हें बीजेपी छोड़नी पड़े लेकिन वे फिल्म रिलीज नहीं होने देंगे।
फिल्म पद्मावती पर देश में लगभग 10 दिनों से संग्राम जारी है। राजपूत संगठनों का कहना है कि डायरेक्टर संजय लीला भंसाली ने इस फिल्म में तथ्यों के साथ छेड़छाड़ की है, और राजपूत इतिहास को गलत नजरिये से दिखाया है। करणी सेना जैसे संगठन इस फिल्म को कूड़ेदान में फेंकने की मांग कर रहे हैं।