मोबाइल और बाकी गैजेट्स बनाने वाली अमेरिकी कंपनी ऐप्पल इन्कॉरपोरेशंस (Apple Inc: AAPL.O) ने दुनिया भर के साइबर रिसर्चर्स को सात करोड़ रुपए अपने आईफोन्स में गड़बड़ी निकालने के लिए खुले तौर पर ऑफर किए हैं। कंपनी ने साफ कहा है कि वे फोन में तकनीकी खामी और अन्य दिकक्तों को उजागर करें और उसके बदले में एक मिलियन डॉलर (लगभग सात करोड़ रुपए) हमसे ले जाएं।
किसी भी कंपनी की ओर से अब तक की यह सबसे बड़ी ईनामी रकम है, जिसे वह हैकर्स से लड़ने के लिए खर्च रही है। ऐप्पल ने यह ऑफर ऐसे वक्त पर पेश किया है, जब सरकार साइबर सुरक्षा को लेकर बेहद चिंतित है। वैसे, ऐप्पल पहले बाकी टेक्नोलॉजी कंपनियों की तरह सिर्फ उन्हीं रिसर्चर्स को इस तरह के ईनाम और रकम देता था, जिन्हें वह खुद अपने फोन्स और क्लाउ बैक-अप्स में गड़बड़ियां खोजने के लिए बुलाता था।
गुरुवार (आठ अगस्त, 2019) को यूएस के लास वेगास शहर में वार्षिक ब्लैक हैट सिक्योरिटी कॉन्फ्रेंस में कंपनी ने कहा कि यह चीज सभी रिसर्चर्स पर लागू होगी। मैक सॉफ्टवेयर और अन्य टारगेट्स के साथ और चीजों में सबे बड़ी और अहम दिक्कतें ढूंढ निकालने वालों को कई किस्म के ईनाम दिए जाएंगे, जिन्हें ‘बाऊंटीज’ भी कहा जाता है।
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ऐप्पल ने इससे पहले सर्वाधिक बाउंटी अपने फोन और गैजेट्स में बग्स की शिकायतें आने के बाद घोषित की थी। जानकारी के मुताबिक, लोगों की डिवाइस से सूचना हासिल करने के लिए सरकारी कॉन्ट्रैक्टर्स और ब्रोकर्स हैकिंग तकनीक पर लगभग 14 करोड़ रुपए तक खर्च करते हैं, जबकि ऐप्पल की हालिया ईनामी रकम इस रेंज की आधी है। ऐप्पल इसके अलावा शोध को आसान बनाने की दिशा में जरूरी कदम उठा रहा है, जिसमें मॉडिफाइड फोन भी शामिल है।