हम सभी अपने स्मार्टफोन में मौजूद डेटा को सेफ रखने के लिए कई तरीकों का इस्तेमाल करते हैं। इंटरनेट मौजूद अलग अलग ऐप्स का भी सहारा लेते हैं। लेकिन कई बार हम जरूरी काम या सिर्फ टाइम पास करने के लिए फ्री वाई फाई का का सहारा ले लेते हैं। लेकिन शायद ही आपको पता को कि यह चस्का आपके स्मार्टफोन को संकट में डाल सकता है। खुद में टेक्नोलॉजी समेटे हैकिंग से बड़े बड़े देश परेशान हैं। हैकिंग के तरीके दिन प्रतिदिन बढ़ते ही जा रहे हैं। हैकर हमारे स्मार्टफोन में मौजूद डेटा को उडाने के लिए नए नए तरीके खोज ही लेते हैं।
हालांकि इसके बावजूद लोग हैकर को अपना डेटा चुराने का मौका देते ही रहते हैं। जिसमें सबसे बड़ा तरीका हैकर के लिए वाई फाई है। हैकर ज्यादातर लोगों को फंसाने के लिए वाई फाई नेटवर्क खुला छोड़ देते हैं। फ्री वाई फाई देख जो भी अपने डिवाइस को इससे कनेक्ट करता है, उसके मैक एड्रेस और आईपी एड्रेस राउटर में रजिस्टर हो जाता है।
हैकर इसके बाद स्नीफिंग टूल का इस्तेमाल कर ट्रैफिक रोकता है। फिर पैकेट के रूप में डेटा ट्रांसफर किया जाता है। हैकर्स द्वारा इन ब्राउज़रों को आसानी से आपके ब्राउज़िंग इतिहास का पता लगाने के लिए अवरुद्ध किया जाता है। हैकर इन पैकटों को ब्राउजिंग हिस्ट्री को डिटेक्ट करने के लिए आसानी से इन्क्रिप्टेड कर लेते हैं।
हैकर के जाल में फंसने से पहले ज्यादातर लोग एक जैसी ही गलती करते हैं। लोग डिफ़ॉल्ट वाईफाई पासवर्ड का उपयोग करते हैं। हैकर भी इसी पासवर्ड का इस्तेमाल करते हैं। न सिर्फ हैकर कनेक्शन में सेंधमारी करते हैं बल्कि आपकी डिवाइस में एक्सेस भी ले लेते हैं।
हालांकि, हैकर के इन हमलों से अपने स्मार्टफोन को बचाने के लिए हम कुछ तरीके अपना सकते हैं। कम अंतराल पर वाई फाई का पासवर्ड का बदलकर बचा जा सकता है। किसी भी अंजाने नेटवर्क से अपने डिवाइस को न जोड़ें। साथ ही अपने वाई फाई नेटवर्क को खुला न छोड़ें। इसके लिए आप फिंग ऐप (Fing app) का भी इस्तेमाल कर सकते हैं। इस ऐप को ऐसे इस्तेमाल कर सकते हैं-
गूगल प्ले स्टोर से फिंग ऐप डाउनलोड करें।
डाउनलोड होने के बाद इसे ओपन करें और होम स्क्रीन पर वाई फाई कनेक्टिविटी ऑप्शन पर जाएं।
वाई फाई कनेक्टिविटी में जाने पर आपको रिफ्रेश और सेटिंग ऑप्शन मिलेगा।
रिफ्रेश ऑप्शन पर क्लिक कर आप देख पाएंगे कि आपके राउटर से कितनी डिवाइस कनेक्ट हैं। साथ ही यह भी पता चलेगा कि लैपटॉप कनेक्ट है या मोबाइल।
इसके साथ ही आप कनेक्ट हुए डिवाइस का मैक एड्रेस भी देख सकेंगे। इसके बाद उस मैक एड्रेस को कॉपी करें अगर आप उसे ब्लॉक करना चाहते हैं तो कर पाएंगे।