अच्छे व्यवहार और आचरण से समाज में व्यक्ति की अच्छी छवि बनती है पर सोशल मीडिया पर अच्छी छवि आपको सस्ती ब्याज दरों पर लोन दिला सकती है। सोशल मीडिया पर किसी को परेशान करना अब आपको महंगा पड़ सकता है। कुछ आधुनिक मनी लेंडर्स कंपनियां जैसे इंस्टापैसा, गोपेसेंस, फेयरसेंट, कैशकेयर और वोट फॉर कैश किसी क्लाइंट को लोन मुहय्या कराने से पहले क्लाइंट के बाकग्राउंड चेक के दौरान पेस्लिप और बैंक स्टेटमेंट के अलावा सोशल मीडिया पर उनका व्यवहार कैसा है यह भी चेक करती हैं।इसी के आधार पर ये कंपनिया लोन देने या न देने का फैसला लेती हैं और सोशल मीडिया पर क्लाइंट के व्यवहार के आधार पर ब्याज दर भी निर्धारित की जाती है। इन सब चीजों के आधार पर क्लाइंट का पर्सनालिटी स्कोर तय किया जाता है।

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कैश-ई के संस्थापक वी रमन कुमार बताते हैं किसी क्लाइंट को लोन मुहय्या कराने से पहले इसके बैकग्राउंड चेक के दौरान सोशल मीडिया का सहारा लिया जाता है। सोशल मीडिया से व्यक्ति के चरित्र का काफी पता लगाया जा सकता है। जैसे ट्विटर पर व्यक्ति का व्यवहार कैसा है, इसके अलावा गूगल की वर्ड्स और क्लाइंट द्वारा विजिटेड वेबसाइट्स से भी व्यक्ति के बारे में काफी कुछ पता लगाया जा सकता है। उन्होंने आगे बताया कि कि वकील, फ्री लांसर और अन्य कई लोग जिन्हें सैलरी नहीं मिलती उनके बैंक ग्राउंड चेक में सोशल मीडिया से खास मदद मिलती है।

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