अभिजय अरोड़ा (एक भारतीय प्रोफेशनल) ने वर्ष 2022 में स्विट्जरलैंड में अपनी अच्छी-खासी नौकरी छोड़ने का बड़ा फैसला किया। उन्हें इस नौकरी से हर वर्ष 90 लाख रुपये की सैलरी मिल रही थी। हालांकि, अभिजय के लिए एक टॉप US बिजनेस स्कूल में पढ़ने का अपना बड़ा सपना पूरा करना ज्यादा जरूरी था। उन्होंने MBA में एडमिशन ले लिया, उन्हें यकीन था कि इससे नए रास्ते खुलेंगे।

अभिजय को जाने-माने इंस्टीट्यूशन हार्वर्ड से ग्रेजुएशन करने के बाद एक कड़वी सच्चाई का सामना करना पड़ा। पुराने स्टूडेंट होने और अच्छा एकेडमिक रिकॉर्ड होने के बावजूद, उन्हें जॉब ऑफर नहीं मिल रहे थे। उन्होंने असल में 400 से ज्यादा पोस्ट के लिए अप्लाई किया, लेकिन हर बार उन्हें सिर्फ चुप्पी ही मिली।

पुराने नेटवर्किंग तरीके उनके काम नहीं आए। उन्हें लिंक्डइन से भी कोई मदद नहीं मिली। MBA के बाद स्टेबल इनकम का आइडिया उन्हें दूर का सपना लग रहा था। हालांकि बहुत से लोग हार मान लेते, लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया।

WhatsApp Update 2025: व्हाट्सऐप में आया एक ‘अनोखा’ फीचर, बदल जाएगा चैट एक्सपीरियंस, जानें कैसे करता है काम

नई स्ट्रेटेजी और लगन

उन्होंने अपनी नौकरी खोजने की  स्ट्रेटेजी पूरी तरह से बदल दी। उन्होंने अपना CV बदला, अलग-अलग तरह के रोल और कंपनियों के लिए तरीके अपनाए। उन्होंने कहा कि उन्होंने रिजेक्शन को खुद पर असर नहीं पड़ने दिया। इसके बजाय लगातार सीखने, खुद को ढालने और डटे रहने पर ध्यान दिया।

Aadhaar पर योगी सरकार का बड़ा फैसला: यूपी में अब आधार कार्ड को जन्म प्रमाणपत्र नहीं माना जाएगा

Google में मिला रोल

उन्होंने अपनी स्ट्रेटेजी बदलने के 6 महीने के बाद आखिरकार कामयाबी मिली। क्योंकि उन्हें एक बड़ी टेक्नोलॉजी कंपनी में नौकरी मिल गई। उन्हें  Google (YouTube) में प्रोडक्ट मैनेजर का रोल मिला। निराशा से जीत की ओर इस बदलाव ने उनकी काबिलियत और लंबे समय तक फायदे के लिए रिस्क लेने पर उनके भरोसे को सही साबित किया।

उनके लिए, यह सिर्फ एक नौकरी नहीं है, यह इस बात का सबूत है कि हिम्मत, लचीलापन और खुद को ढालने की काबिलियत सैकड़ों रिजेक्शन के बाद भी टिक सकती है।