भारत सरकार इंटरनेट सर्विस प्रोइवाइडर और कोर्ट के दिशा-निर्देशों के तहत हजारों की संख्या में वेबसाइट्स और यूआरएल को पिछले 5 सालों में बैन कर चुकी है। लेकिन अब इन ब्लॉक यूआरएल (Blocked URL’s) पर विजिट करने पर सख्त कदम उठाया गया है। जानकारी के मुताबिक इस तरह की साइट्स (Blocked URL’s) पर विजीट और कंटेंट देखने पर 3 साल की जेल या फिर 3 लाख रुपए का जुर्माना भरना पड़ सकता है।
इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक अगर आप टोरेंट फाइल को देखेंगे या फिर किसी होस्ट से डाउनलोड करेंगे, जो कि भारत में प्रतिबंधित हो तो सजा मिल सकती है। यह जरुरी नहीं कि सजा केवल टोरेंट फाइल को डाउनलोड करने पर हो बल्कि किसी भी प्रतिबंधित वेबसाइट को देखने और सूचना प्राप्त करने से जेल की सजा और तीन लाख रुपए का जुर्माना हो सकता है। रिपोर्ट के मुताबिक अगर आप प्रतिबंधित यूआरएल पर विजीट करते हैं तो ये चेतावनी दिखाई देगी।
इस यूआरएल को सरकारी प्राधिकरण के निर्देशों के तहत या न्यायालय के आदेश के तहत ब्लॉक कर दिया गया है। इस यूआरएल पर किसी भी कंटेट को देखना, डाउनलोड करना, प्रदर्शन करना या नकल करना भारत के कानून के तहत दंडात्मक अपराध है। यही नहीं कॉपीराइट एक्ट 1957 की धारा 63, 63-A, 65 और 65-A के तहत तीन साल का जुर्माना और तीन लाख तक के जुर्माने का प्रावधान है। इस यूआरएल के अवरुद्ध होने से व्यथित कोई भी व्यक्ति 48 घंटे के भीतर इस URL- block@tatacommunications.com पर संपर्क कर सकते हैं, जो कि इस प्रासंगिक कार्यवाही के संबंध में जानकरी देता है। जिसके तहत आप अपनी शिकायत के निवारण के लिए उच्च न्यायालय या प्राधिकरण रुख कर सकते हैं।
भारत में ज्यादातर यूआरएल और वेबसाइट्स को डीएनएस- फिल्टरिंग (DNS-filtering) के जरिए ब्लॉक किया गया है। इसका मतलब है कि इंटरनेट सर्विस प्रोवाइडर की लिस्ट में ब्लॉक साइट का डीएनएस एड रहता है और जब कि कोई उस साइट से कनेक्ट होने की कोशिश करता है तो इंटरनेट सर्विस प्रोवाइडर का डीएनएस सर्वर उसकी रिक्वेस्ट को ब्लॉक कर देता है।