Surya Grahan kab hai: 2 अगस्त, 2027 को यूरोप, उत्तरी अफ्रीका और मध्य पूर्व के कुछ हिस्सों के आसमान में एक अद्भुत खगोलीय घटना का नजारा दिखेगा। यह घटना होगी- लंबी अवधि का पूर्ण सूर्य ग्रहण। यह कोई नियमित ग्रहण (regular eclipse)नहीं होगा। इस सूर्य ग्रहण (Solar Eclipse) की कुल अवधि छह मिनट और 23 सेकंड तक होगी। यह सदी की सबसे महत्वपूर्ण खगोलीय घटनाओं में से एक होगी। दुनियाभर में इस सूर्य ग्रहण को लेकर खगोलविदों और वैज्ञानिकों में उत्सुकता है। बता दें कि 2025 में अभी तक एक सूर्य ग्रहण मार्च में लग चुका है जबकि दूसरा ग्रहण सितंबर 2025 में लगेगा। चलिए आपको बताते हैं कि 100 सालों के इस सबसे बड़े सूर्य ग्रहण (2027) को क्यों कहा जा रहा है सबसे खास…
सदी का सबसे लंबा पूर्ण सूर्य ग्रहण
आपको बता दें कि पूर्ण सूर्य ग्रहण अधिकतर आकर्षक होते हैं, अगस्त 2027 में होने वाली सूर्य ग्रहण की घटना अपनी असाधारण लंबाई के लिए चर्चा में है। अधिकांश पूर्ण ग्रहण (Total Solar Eclipse) सूर्य के कोरोना की केवल एक संक्षिप्त झलक पेश करते हैं, अक्सर तीन मिनट से भी कम समय के लिए। हालाxकि, space.com के अनुसार, 2 अगस्त 2027 को लगने वाला यह ग्रहण इस शर्त को तोड़ता है, जिससे यह 1991 और 2114 के बीच भूमि से दिखाई देने वाला सबसे लंबा पूर्ण सूर्य ग्रहण बन जाएगा।
6 मिनट से भी ज्यादा समय तक पृथ्वी पर इस सूर्य ग्रहण के चलते अंधेरा छा जाएगा और निश्चित तौर पर जिन लोगों को और जिन जगहों पर यह दिखाई देगा, उनके लिए यह Once in a Lifetime एक्सपीरियंस होगा।
कथित तौर पर, 2 अगस्त, 2027 को पृथ्वी अपहेलियन के निकट होगी, जो सूर्य से इसका सबसे दूर बिंदु है। इससे हमारे आकाश में सूर्य थोड़ा छोटा दिखाई देता है। इसके साथ ही, चंद्रमा पेरिजी के निकट होगा, जो पृथ्वी का सबसे निकटतम बिंदु है, जिससे यह बड़ा दिखाई देगा। प्रतीत होता है कि छोटे सूर्य और बड़े चंद्रमा के संयोजन से अवधि अधिक लंबी हो जाती है।
इस दुर्लभ अलाइनमेंट को जोड़ते हुए, ग्रहण का पथ भूमध्य रेखा के करीब से गुजरेगा। यह महत्वपूर्ण है क्योंकि चंद्रमा की छाया निचले अक्षांशों पर पृथ्वी की सतह पर अधिक धीमी गति से चलती है। यह कम गति सीधे चंद्रमा की पूर्ण छाया के तहत बिताए गए लंबे समय में तब्दील हो जाती है, जिससे समग्रता की अवधि बढ़ जाती है।
कहां-कहां दिखाई देगा सदी का सबसे लंबा सूर्य ग्रहण?
ग्रहण की यात्रा अटलांटिक महासागर के ऊपर से शुरू होगी, जिसकी छाया लगभग 258 किलोमीटर चौड़ी पूर्व की ओर होगी। space.com के अनुसार, इसकी टोटलिटी का रास्ता विभिन्न क्षेत्रों में होगा…
-स्पेन
-मोरक्को, अल्जीरिया और ट्यूनीशिया के कुछ हिस्से
-लीबिया और सेंट्रल ईजिप्ट का हिस्सा
-सूडान
-यमन, सऊदी अरबिया और सोमालिया का इलाका
अंत में, ग्रहण चागोस द्वीपसमूह (Chagos Archipelago से गुजरते हुए हिंद महासागर के ऊपर से निकल जाएगा।
2027 के पूर्ण सूर्यग्रहण को “ग्रेट नॉर्थ अफ्रीकन एक्लिप्स” (Great North African Eclipse) कहा जा रहा है और इसे “सदी का सूर्यग्रहण” (eclipse of the century) भी माना जा रहा है।
क्या भारत में दिखाई देगा 100 सालों में दिखने वाला सबसे लंबा सूर्य ग्रहण?
टाइम एंड डेट वेबसाइट के अनुसार यह आंशिक सूर्य ग्रहण इंडियन स्टैंडर्ड टाइम (IST) के मुताबिक, दोपहर को 3.34 बजे लगेगा और शाम को 5.53 मिनट पर समाप्त होगा। यह ग्रहण भारत में दिखाई देगा।
Timeanddate के अनुसार, 2 अगस्त 2027 के इस पूर्ण सूर्यग्रहण का पथ लगभग 8.9 करोड़ (89 मिलियन) लोगों को प्रभावित करेगा — जो कि 8 अप्रैल 2024 को उत्तरी अमेरिका में लगे पूर्ण सूर्यग्रहण की तुलना में दोगुनी आबादी है।
2025 में सूर्य ग्रहण कब है?
साल 2025 के दूसरे और आखिरी सूर्य ग्रहण की शुरुआत 21 सितंबर को होगी। Solar Eclipse की शुरुआत रात 11 बजे से होगी। ग्रहण 22 सितंबर की सुबह 3 बजकर 24 मिनट तक चलेगा। यानी सूर्य ग्रहण की कुल अवधि 4 घंटे 24 मिनट तक होगी। आपको बता दें कि यह एक आंशिक सूर्य ग्रहण (Partial Solar Eclipse 2025) होगा।