देश के आम जनों की सुरक्षा और अन्य राज्यों को एक नेटवर्क से जोड़ने के लिए केंद्र सरकार ने बड़ी पहल की है। केंद्र सरकार 19 फरवरी को इमरजेंसी रिस्पांस सपोर्ट सिस्टम यानी ईआरएसएस (ERSS) लॉन्च करने जा रही है। जिसके बाद भारत में भी अमेरिका की तरह एक इमरजेंसी नंबर होगा। इसका मतलब यह है कि अब पुलिस (100), फायर (101), हेल्थ (108) और महिला हेल्पलाइन नंबर (1090) को एक ही नंबर से जोड़ दिया जाएगा जिससे किसी भी आपदा की स्थिति में आपको सिर्फ 112 डायल करना होगा और आपको आपदा के अनुसार त्वरित मदद दी जाएगी।

112 मूलत: हिमाचल प्रदेश में शुरू किया गया था लेकिन अब इसकी सेवा देश के 9 अन्य राज्यों में भी मिल सकेगी। इस सेवा का विस्तार अब उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, मध्य प्रदेश, केरल, राजस्थान, पंजाब, तमिलनाडू, आंध्र प्रदेश और तेलंगाना तक किया जा रहा है। यह हेल्पलाइन, कनाडा और अमेरिका में चलने वाले हेल्पलाइन नंबर 911 की तरह है। सभी इमरजेंसी हेल्पलाइन नंबर एक होने से देश के नागरिकों को मदद के लिए आसानी होगी। उन्हें अलग- अलग नंबर याद नहीं करने पड़ेंगे।

गृह मंत्रालय निर्भया फंड के तहत राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों के लिए यह इमरजेंसी रिस्पांस सपोर्ट सिस्टम लॉन्‍च कर रहा है। इसके लिए केंद्र सरकार ने 321.69 करोड़ रुपए खर्च करने का प्लान तैयार किया है।(ERSS) सीडैक यानी कि सेंटर फॉर एडवांस कंप्यूटिंग द्वारा विकसित किया गया है। बता दें कि 112 नंबर पहले से ही सभी नए स्मार्टफोन और फीचर फोन में इमरजेंसी नंबर के तौर पर मौजूद है।

कैसे करें इस्तेमाल –
आपदा की स्थिति में अगर किसी को 112 नंबर पर कॉल करना है तो वह सीधा 112 डायल कर सकता है या फिर पावर बटन को तीन बार दबाने पर भी इमरजेंसी कॉल शुरू हो जाएगी। इसके अलावा 5/9 नंबर की बटन दबाए रखने पर भी खुद से कॉल कनेक्ट हो जाएगी।
इसके अलावा 112 का इमरजेंसी ऐप भी डाउनलोड किया जा सकता है जहां आपको तमाम इमरजेंसी नंबर मिल जाएंगे। ऐप में यह खूबी है कि यह ERSS को आपात स्थिति में घटनास्थल की सीधा जानकारी देगा जिससे की बचाव कार्य तेजी से किया जा सकेगा। वहीं, महिलाओं और बच्चों के लिए इस ऐप में SHOUT नामक फीचर है जिससे किसी अप्रिय घटना के दौरान स्थानीय सुरक्षाकर्मियों को फौरन सूचना मिल जाएगी जिससे मदद में आसानी होगी।