Smartphone: टेक्नोलॉजी के बढ़ते इस्तेमाल से आम लोगों का जीवन तो आसान हो गया है, लेकिन उनसे होने वाले दुष्प्रभावों पर भी चर्चा शुरू हो गई है। इन्हीं में से एक है ‘स्मार्टफोन’। स्मार्टफोन आज लगभग हर व्यक्ति की जरूरत बन चुकी है। पैसे ट्रांसफर करने हो या रेल टिकट काटना हो, बात करने से लेकर वीडियो कॉलिंग और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म का धड़ल्ले से इस्तेमाल करने के लिए स्मार्टफोन का उपयोग हो रहा है। लेकिन पिछले कुछ वर्षों से स्मार्टफोन से निकलने वाला रेडिएशन चिंता का विषय बना हुआ है। शोधकर्ताओं का मानना है कि फोन कॉल्स के दौरान निकलने वाले रेडिएशन मानव को सीधे तौर पर प्रभावित करते हैं, लेकिन यह इंसानों के लिए कितना बुरा है?

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जैसे ही स्मार्टफोन ऑन होता है, इससे इलेक्ट्रोमैग्नेटिक तरंगें निकलती है, जिसकी वजह से फोन सिग्नल भेजता है। स्मार्टफोन रेडिएशन आपके शरीर द्वारा इलेक्ट्रोमैग्नेटिक तरंगों से अवशोषित ऊर्जा की मात्रा है। एक स्मार्टफोन द्वारा निकले रेडिएशन की मात्रा को विशिष्ट अवशोषण दर (Specific Absorption Rate- SAR) में मापा जाता है। अमेरिकी रिपोर्ट के अनुसार, यदि फोन का एसएआर रेटिंग 1.6 वाट्स प्रति किलोग्राम या उससे नीचे है तो उसका उपयोग सुरक्षित है।

आयनिंग रेडिएशन शरीर में एट्मस (परमाणु) से इलेक्ट्रॉनों को हटाने के लिए काफी है। इसका असर ये होता हे कि यह शरीर के आंतरिक कोशिकाओं को क्षतिग्रस्त करता है जो कि आगे चलकर कैंसर की वजह बनता है। दूसरे शब्दों में कहें तो आयनिंग रेडिएशन की वजह से कैंसर होने का खतरा रहता है। अब स्मार्टफोन से निकलने वाले रेडिएशन आयनिंग रेडिएशन के समीप आ रहे हैं। इसलिए, जब आप स्मार्टफोन रेडिएशन के बारे में सुनते हैं, तो आपको जो आखिरी काम करना चाहिए, वह है कैंसर के बारे में सोचना, लेकिन कुछ बातों को ध्यान में रखना चाहिए। हालांकि, कई सारे अध्ययन में यह बात भी कही गई है कि स्मार्टफोन रेडिएशन से इंसानों को ज्यादा खतरा नहीं होने जा रहा है।

इन सब के बावजूद तेजी से टेक्नोलॉजी का प्रयोग बढ़ रहा है। 2जी, 3जी, 4जी के बाद 5जी की शुरूआत हो रही है। स्मार्टफोन की संख्या दिनोंदिन बढ़ रही है, उस हालात में रेडिएशन से बचने के लिए निम्न कार्य करने चाहिए।
– फिजिकल रेडिएशन ब्लॉकर खरीदें।
– सोने के समय फोन को बंद कर दें।
– यात्रा के दौरान अपने फोन को शरीर से दूर रखने के लिए बैकपैक का इस्तेमाल करें।
– कॉलिंग के दौरान संभव हो तो ज्यादा से ज्यादा स्पीकरफोन का इस्तेमाल करें।

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First published on: 27-04-2019 at 17:36 IST