वैज्ञानिकों ने एक ऐसा कैमरा विकसित किया है, जिसके जरिये ‘समय को स्थिर’ कर पाना या यूं कहें समय को कैद करना संभव हो गया है। दरअसल इस कैमरे की मदद से प्रकाश की अत्यंत धीमी गति को कैद किया जा सकता है। दुनिया का सबसे तेज कैमरा कहा जाने वाला यह कैमरा प्रति सेकंड 100 खरब फ्रेम कैद करने में सक्षम है। अमेरिका स्थित कैलिफोर्निया इंस्टीट्यूट आॅफ टेक्नोलॉजी के वैज्ञानिकों के अनुसार, यह आधुनिक कैमरा प्रकाश और पदार्थ के बीच पारस्परिक प्रभाव को लेकर अब तक के अनछुए रहस्यों के बारे में अंत:दृष्टि दे सकता है। हाल के वर्षों में अरैखिक प्रकाश विज्ञान और छायांकन में नवोन्मेषों के बीच संयोजन से जीवविज्ञान एवं भौतिकी में गतिशील घटनाओं के माइक्रोस्कोपिक विश्लेषण के नवीनतम और अत्यधिक प्रभावी तरीकों के लिये नये द्वार खुले हैं।

कैल्टेक ऑप्टिकल इमेजिंग लेबोरेटरी (सीओआईएल) के निदेशक लिहोंग वांग ने कहा, “हम जानते थे कि केवल एक फेमटोसेकेंड स्क्रीट कैमरा का उपायोग करने से इमेज क्वालिटी सीमित रहेगी। इसलिए इमेज क्वालिटी में सुधार के हमने एक और कैमरा जोड़ा जो स्थिर छवि प्राप्त करता है। फेमटोसेकेंड स्क्रीट कैमरा द्वारा ली गई तस्वीर के साथ हम प्रति सेकंड दस ट्रिलियन फ्रेम रिकॉर्ड करते समय उच्च गुणवत्ता वाली तस्वीर को प्राप्त करने के लिए जो करते हैं, वह राडोन ट्रांसफार्मेशन कहलता है।”  रीयल-टाइम इमेजिंग स्पीड के लिए विश्व रिकॉर्ड बनाने वाले टी-क्यूप नामक कैमरा बायोमेडिकल, मेटिरयल साइंस और अन्य एप्लीकेशन के लिए उपयोग होने वाले माइक्रोस्कोप के न्यू जेनेरेशन को और अधिक पाॅवर देगा।

यह कैमरा एक फंडामेंटल शिफ्ट को दर्शाता है, जिससे प्रकाश और पदार्थ के बीच विश्लेषण करना संभव हो जाता है। पहली बार इसका इस्तेमाल किया जाने पर अल्ट्राफास्ट कैमरे ने वास्तविक समय में एक फेमटोसेकेंड लेजर पल्स के अस्थायी फोकस को कैप्चर कर नया रिकाॅर्ड कायम किया। इस प्रक्रिया को 400 फेमटोसेकेंड के अंतराल पर 25 फ्रेम में दर्ज किया गया था और इसमें प्रकाश के आकार, तीव्रता और झुकाव के कोण का डिटेल दिया गया। शोध में शामिल होने वाले सीओआईएल के एक अभियंता ज्युनैंग लिआंग ने कहा, “यह खुद में एक बड़ी उपलब्धि है, लेकिन हम प्रति सेकंड एक चौथाई फ्रेम तक की गति को बढ़ाने के लिए संभावनाएं देख चुके हैं।” (एजेंसी इनपुट के साथ)