Surya Grahan (Solar Eclipse) 2025 Date and Time Kab Hai in India: साल 2025 का आखिरी सूर्य ग्रहण कब है? क्या भारत में नजर आएगा आसमान में दिखने वाला अद्भुत नजारा? अगर आपके मन में भी साल के दूसरे व आखिरी सूर्य ग्रहण से पहले ऐसे ही सवाल हैं तो आज हम आपको बताने जा रहे हैं Solar Eclipse 2025 के बारे में सबकुछ।
साल 2025 का दूसरा सूर्य ग्रहण (Second Solar Eclipse 2025) सितंबर महीने में लगने वाला है। सूर्य ग्रहण एक महत्वपूर्ण खगोलीय घटना होती है, जिसका दुनियाभर के खगोलशास्त्री बेसब्री से इंतजार करते हैं। ऐसे में यह जानना जरूरी है कि सूर्य ग्रहण के दौरान कौन-कौन सी सावधानियां अपनानी चाहिए। आपको बता दें कि साल 2025 में कुल 2 सूर्य ग्रहण और 2 चंद्र ग्रहण लगेंगे।
सूर्य ग्रहण डेट और टाइम (Surya Grahan 2025 Date and Time)
साल 2025 के दूसरे और आखिरी सूर्य ग्रहण की शुरुआत 21 सितंबर को होगी। Solar Eclipse की शुरुआत रात 11 बजे से होगी। ग्रहण 22 सितंबर की सुबह 3 बजकर 24 मिनट तक चलेगा। यानी सूर्य ग्रहण की कुल अवधि 4 घंटे 24 मिनट तक होगी। आपको बता दें कि यह एक आंशिक सूर्य ग्रहण (Partial Solar Eclipse 2025) होगा।
हिंदू कैलेंडर के मुताबिक, साल का दूसरा सूर्य ग्रहण आश्विन माह के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि को लग रहा है। आपको बता दें कि यह एक आंशिक सूर्य ग्रहण (Partial Solar Eclipse) होगा।
कहां-कहां दिखाई देगा सूर्य ग्रहण?
साल का दूसरा सूर्य ग्रहण यूरोप, एशिया, अफ्रीका, नॉर्थ और साउथ अमेरिका व अटलांटिक और आर्कटिक महासागर के कुछ हिस्सों में दिखाई देगा।
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क्या भारत में दिखाई देगा सूर्य ग्रहण 2025: (Solar Eclipse 2025 Be Visible in India?)
साल के पहले सूर्य ग्रहण की तरह ही दूसरा सूर्य ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा। भारत में ग्रहण दिखाई ना देने के चलते हिंदू कैलेंडर में माने जाने वाला सूतक काल भी मान्य नहीं होगा।
कब लगता है सूर्य ग्रहण?
गौर करने वाली बात है कि हिंदू कैलेंडर के मुताबिक, सूर्य ग्रहण की घटना केवल अमावस्या के दिन ही होती है। इस दौरान सूर्य, चंद्रमा और पृथ्वी एक सीध में होते हैं। साल 2025 में दो सूर्य ग्रहण लग रहे हैं। साल का पहला सूर्य ग्रहण नजदीक है और 29 मार्च को लगेगा वहीं साल का दूसरा सूर्य ग्रहण 21 सितंबर को लगेगा।
क्या होता है आंशिक सूर्य ग्रहण (What is Partial Solar eclipse?)
बता दें कि आंशिक सूर्य ग्रहण के दौरान जब चंद्रमा, पृथ्वी और सूर्य के बीच से गुजरता है और धरती के कुछ हिस्सों पर उसकी छाया पड़ती है जिसके चलते सूर्य की रोशनी नहीं आ पाती। इस स्थिति में चंद्रमा, सूर्य को पूरी तरह से नहीं ढक पाता और एक सूर्य के कुछ हिस्से की रोशनी पृथ्वी पर आती है। इस खगोलीय स्थिति को वैज्ञानिकों ने आंशिक सूर्य ग्रहण का नाम दिया है।
सूर्य ग्रहण देखते समय बरतें ये सावधानियां (Surya Grahan Safety Tips)
चंद्र ग्रहण के विपरीत, जिसे नग्न आंखों से देखना सुरक्षित होता है, सूर्य ग्रहण को सीधे देखने की सलाह नहीं दी जाती है, क्योंकि इससे रेटिना में जलन हो सकती है और आंखों की स्थायी क्षति हो सकती है। सूर्य ग्रहण देखते समय हमेशा आई प्रोटेक्शन का इस्तेमाल करें।
उचित सौर फिल्टर के बिना कैमरे, स्मार्टफोन या दूरबीन के जरिए ग्रहण देखने से डिवाइस को नुकसान हो सकता है और आपके विज़न को ख़तरा हो सकता है। सुनिश्चित करें कि आपके पास सुरक्षित देखने के लिए सही उपकरण हैं।
सूर्य ग्रहण के प्रकार
- पूर्ण सूर्य ग्रहण (Total Solar Eclipse)
जब चंद्रमा सूर्य को पूरी तरह ढक लेता है और धरती की किसी जगह से सूर्य का कोई हिस्सा दिखाई नहीं देता, तो इसे पूर्ण सूर्य ग्रहण कहते हैं। यह दृश्य केवल पृथ्वी के एक संकीर्ण क्षेत्र से ही दिखता है।
- आंशिक सूर्य ग्रहण (Partial Solar Eclipse)
इसमें चंद्रमा सूर्य का कुछ हिस्सा ही ढकता है। सूर्य का एक भाग अब भी चमकता रहता है।
वलयाकार सूर्य ग्रहण (Annular Solar Eclipse)
जब चंद्रमा सूर्य के केंद्र को ढकता है लेकिन किनारों से सूर्य की एक चमकीली रिंग (अंगूठी) दिखाई देती है, तो उसे वलयाकार ग्रहण कहते हैं। इसे “Ring of Fire” भी कहते हैं।
- संकर सूर्य ग्रहण (Hybrid Solar Eclipse)
यह एक दुर्लभ ग्रहण है जिसमें कुछ स्थानों से पूर्ण ग्रहण और कुछ से वलयाकार ग्रहण दिखाई देता है।