Surya Grahan 2025 Date Time in India Live Updates: साल 2025 का पहला सूर्य ग्रहण (First Solar Eclipse 2025) आखिरकार लग गया है। आज (29 मार्च 2025) को आसमान में ग्रहण का अद्भुत नजारा दिखाई दिया। सूर्य ग्रहण के दौरान चंद्रमा, सूर्य को ढक लेता है जिसके चलते पृथ्वी पर सूर्य की रोशनी नहीं आ पाती। आम लोगों के साथ-साथ खगोलविद भी साल 2025 का पहला सूर्यग्रहण देखने के लिए इंतजार कर रहे थे। आपको बता दें कि आज लग रहा ग्रहण एक आंशिक सूर्य ग्रहण (Parial Solar Eclipse) होगा। साल 2024 के दोनों सूर्य ग्रहण की तरह ही भारत में आज दिखने वाला Solar Eclipse भी दिखाई नहीं देगा। हम आपको बता रहे हैं हर वह जानकारी जो आने वाले सूर्य ग्रहण के बारे में आपको जाननी चाहिए। अगर आप उन जगहों पर हैं जहां ग्रहण लग रहा है, वहां कैसे देखें सूर्य ग्रहण? जानिए सूर्य ग्रहण 2025 से जुड़ी हर अपडेट लाइव…
Surya Grahan 2025 Live Streaming
उत्तरी यूएस में सूर्योदय के साथ आंशिक सूर्य ग्रहण
#DYK there’s going to be a partial solar eclipse on March 29?
— NASA Sun & Space (@NASASun) March 27, 2025
During sunrise in the Northeastern U.S., the Moon will partially block the Sun from view. Coverage ranges from as little as 1% in Washington, D.C. to 64% in Portland, Maine.
Find info for your location:… pic.twitter.com/OnfuRL7QXP
भारतीय समयानुसार, आंशिक सूर्य ग्रहण 29 मार्च को दोपहर 2:20:43 बजे शुरू होगा, शाम 4:17:27 बजे अपने अधिकतम ग्रहण तक पहुंचेगा और शाम 6:13:45 बजे समाप्त होगा। ग्रहण का पूरा कार्यक्रम करीब चार घंटे तक चलेगा।
हमेशा सुरक्षात्मक गियर का उपयोग करें, जैसे कि सूर्य ग्रहण चश्मा या हाथ में पकड़ने वाला सौर दर्शक जिसमें हानिकारक किरणों को रोकने के लिए डिज़ाइन की गई एक पतली फिल्म होती है।
यदि आप उन लोगों में से हैं जिन्हें ग्रहण देखने का मौका मिल रहा है, तो याद रखें कि ग्रहण के दौरान सीधे सूर्य की ओर न देखें, क्योंकि यह आपकी दृष्टि यानी विजन को स्थायी रूप से नुकसान पहुंचा सकता है।
साल 2024 का पहला सूर्य ग्रहण 54 सालों में लगा अपनी तरह का पहला पूर्ण सूर्य ग्रहण था। साल का सबसे बड़ा सूर्य ग्रहण भी था।
सूर्य ग्रहण को नग्न आंखों से देखने से आखों को नुकसान हो सकता है। वैज्ञानिकों के मुताबिक, सूर्य ग्रहण देखने के लिए स्पेशल ग्लासेज का इस्तेमाल करें। इसके अलावा काले चश्मे को भी यूज किया जा सकता है।
हिंदू धर्म में ग्रहण के दौरान पूजा-पाठ नहीं करने के पीछे धार्मिक और ज्योतिषीय मान्यताएं हैं। ऐसा माना जाता है कि इस समय वातावरण में नेगेटिव एनर्जी बहुत ज्यादा एक्टिव रहती है जिससे पॉजिटिव शक्तियां कमजोर हो जाती हैं। इस वजह से पूजा-पाठ का उचित फल नहीं मिलता। धार्मिक ग्रंथों में बताया गया है कि जब सूर्य या चंद्रमा, ग्रहण के प्रभाव में होते हैं, तो उनकी शक्ति कम हो जाती है, और इस दौरान की गई पूजा निष्फल हो सकती है। इसी वजह से हिंदू धर्म में ग्रहण काल को अशुभ माना गया है।
साल का पहला सूर्य ग्रहण भारत में नजर नहीं आएगा। लेकिन ये ग्रहण बरमूडा, बारबाडोस, डेनमार्क, जर्मनी, फ्रांस, हंगरी, आयरलैंड, मोरक्को, ग्रीनलैंड, कनाडा का पूर्वी भाग, लिथुआनिया, ऑस्ट्रिया, बेल्जियम, उत्तरी ब्राज़ील, फिनलैंड, हॉलैंड, पुर्तगाल, उत्तरी रूस, स्पेन, नॉर्वे, यूक्रेन, स्विट्जरलैंड, सूरीनाम, स्वीडन, पोलैंड, पुर्तगाल, इंग्लैंड और अमेरिका के पूर्वी क्षेत्र में नज़र आएगा।
सूर्य ग्रहण चार प्रकार के होते हैं। पहला- पूर्ण सूर्य ग्रहण यानी जब चंद्रमा पूरी तरह से सूरज को ढक लेता है। दूसरा- आंशिक सूर्य ग्रहण, तीसरा वलयाकार सूर्य ग्रहण और हाइब्रिड सूर्य ग्रहण।
रॉयल म्यूजियम ग्रीनविच के मुताबिक, एक बार जब धरती पर किसी भी जगह पूर्ण सूर्य ग्रहण होता है तो उस हिस्से में अगला सूर्यग्रहण लगने में करीब 400 साल लग जाते हैं।
जब चंद्रमा, सूर्य और पृथ्वी के बीच आ जाता है और सूरज की रोशनी आनी बंद हो जाती है लेकिन चंद्रमा सूर्य को पूरी तरह नहीं ढक पाता घटना को आंशिक सूर्य ग्रहण कहा जाता है।
आपको बता दें कि हिंदू धर्म में ग्रहण का अपना महत्व है। और हर बार ग्रहण लगने पर 12 घंटे पहले सूतक लगते हैं। लेकिन भारत में इस बार सूर्य ग्रहण नहीं लग रहा है जिसका मतलब है कि सूतक काल भी मान्य नहीं होगा।
NASA के मुताबिक, कुछ जगहों पर ग्रहण के दौरान सूर्य का 93 प्रतिशत तक हिस्सा, चंद्रमा द्वारा ढक लिया जाएगा यानी इन जगहों पर दिन में अंधेरा छा जाएगा।
2025 का दूसरा सूर्य ग्रहण 21 सितंबर 2025 को पड़ेगा।
साल 2025 का पहला सूर्य ग्रहण आज दोपहर लगेगा। यह एक आंशिक सूर्य ग्रहण होगा।
साल 2026 में भी 2024 और 2025 की तरह दो सूर्य ग्रहण लगेंगे।
साल 2026 में पहला सूर्य ग्रहण फरवरी महीने की 17 तारीख को लगेगा।
सूर्य, चंद्रमा और पृथ्वी के एक सीध में आने की यह घटना (सूर्य ग्रहण) न्यू मून के दौरान होती है। हिंदू कैलेंडर में अमावस्या तिथि को सूर्य ग्रहण लगता है।
आंशिक सूर्य ग्रहण- जब चंद्रमा की परछाई सूर्य के पूरे हिस्से को न ढक कर सिर्फ थोड़े से हिस्से को ढक लेता है तो आंशिक ग्रहण लगता है।
1971 में जब सूर्य ग्रहण लगा था जब चंद्रमा ने पूरी तरह से सूरज को ढक लिया था और धरती पर करीब 7.5 मिनट तक पूरी तरह से अंधेरा हो गया था और दिन में ही रात जैसा नजारा देखने को मिला था।
साल 2025 का पहला सूर्य ग्रहण कल यानी 29 मार्च को लगेगा। कल लगने वाला सूर्य ग्रहण भारतीय समयानुसार दोपहर 2 बजकर 20 मिनट से शुरु होगा।
सूर्य ग्रहण केवल अमावस्या के दौरान देखा जाता है । यानी जब चंद्रमा और सूर्य, पृथ्वी के एक ही तरफ होते हैं। एक अमावस्या लगभग 29.5 दिनों में पूरी होती है क्योंकि चंद्रमा को पृथ्वी की परिक्रमा करने में इतना ही समय लगता है। लेकिन ध्यान रहे कि हर अमावस्या को ग्रहण नहीं होता है। साल में न्यूनतम दो और अधिकतम 5 बार सूर्य ग्रहण होता है।
गौर करने वाली बात है कि पिछले साल यानी साल 2024 में लगा पहला सूर्य ग्रहण एक पूर्ण ग्रहण था। यह ग्रहण भी भारत में नहीं दिखाई दिया था।
अगर आप ऐसे इलाके में हैं जहां सूर्य ग्रहण को सीधे देखना संभव नहीं है जैसे कि भारत, तो टेंशन की बात नहीं है। आप घर बैठे लाइव स्ट्रीमिंग के जरिए आंशिक सूर्य ग्रहण के अद्भुत नजारे को देख पाएंगे।
timeanddate.com अपने यूट्यूब चैनल पर सूर्य ग्रहण 2024 को लाइव स्ट्रीम करेगा।
साल 2025 का दूसरा सूर्य ग्रहण 21 सितम्बर को लगेगा। साल के पहले Solar Eclipse की तरह यह भी एक आंशिक सूर्यग्रहण होगा।
हिंदू कैलेंडर और ज्योतिष शास्त्र के अनुसार ग्रहण शुरु होने के करीब 12 घंटे पहले सूतक काल शुरु हो जाता है। लेकिन भारत में सूर्य ग्रहण का नजारा नहीं दिखेगा। इसलिए सूतक काल भी मान्य नहीं होगा।
आसमान में दिखने वाले इस आंशिक सूर्य ग्रहण के दुर्लभ नजारे का दुनियाभर के खगोलविदों को बेसब्री से इंतजार है और उनके लिए इस आकाशीय घटना को समझने का यह शानदार मौका होगा।
हिंदू कैलेंडर के मुताबिक, सूर्य ग्रहण अमावस्या तिथि को लगता है।
सूर्य ग्रहण तीन तरह के होते हैं- पूर्ण सूर्य ग्रहण, वलयाकार सूर्य ग्रहण और आंशिक सूर्य ग्रहण
सूर्य ग्रहण को कभी भी नग्न आंखों से नहीं देखना चाहिए। स्पेशल सन ग्लासेज या दूरबीन से भी सीधे सूर्य ग्रहण को देखने से आंखों को नुकसान पहुंच सकता है।
