Solar Eclipse September 2025 Date Time in India: सूर्य ग्रहण सबसे बड़ी खगोलीय घटनाओं में से एक है। इसका सांस्कृतिक और वैज्ञानिक महत्व है। जबकि शोधकर्ताओं को सूर्य के कोरोना का अध्ययन करने और सापेक्षता सिद्धांतों का परीक्षण (relativity theories) करने का मौका मिलता है, वहीं अलग-अलग संस्कृतियों में इसे बदलाव के प्रतीक और एक शक्तिशाली घटना के रूप में देखा जाता है। साल 2025 का दूसरा सूर्य ग्रहण 4 घंटे 24 मिनट तक चलेगा। जानिए इसकी सही तारीख, भारत में कहां-कहां दिखेगा और किन जरूरी सावधानियों का रखना होगा ध्यान…
साल 2025 का पहला सूर्य ग्रहण 29 मार्च को लगा था। यह एक आंशिक सूर्य ग्रहण (partial solar eclipse)था। जबकि साल का दूसरा सूर्य ग्रहण 21 सितंबर को लगेगा। अगर आप भी आसमान में घटने वाले इस अद्भुत नजारे को देखने के लिए इंतजार कर रहे हैं तो चलिए आपको बताते हैं सूर्य ग्रहण की तारीख व समय (Surya Grahan Date and Time) के बारे में विस्तार से…
सूर्य ग्रहण डेट और टाइम (Surya Grahan 2025 Date and Time)
साल 2025 के दूसरे और आखिरी सूर्य ग्रहण की शुरुआत 21 सितंबर को होगी। Solar Eclipse की शुरुआत रात 11 बजे से होगी। ग्रहण 22 सितंबर की सुबह 3 बजकर 24 मिनट तक चलेगा यानी सूर्य ग्रहण की कुल अवधि 4 घंटे 24 मिनट तक होगी।
यह एक आंशिक सूर्य ग्रहण (Partial Solar Eclipse 2025) होगा।
सूर्य ग्रहण क्या होता है? (What is a solar eclipse?)
आपको बता दें कि जब सूर्य और पृथ्वी के बीच चंद्रमा आ जाता है और आंशिक या पूरी तरह से सूरज की रोशनी को पृथ्वी पर आने से रोक देता है। एक साल में सूर्य ग्रहण की यह दुर्लभ घटना दो बार होती है जब आकाशीय पिंड एक सीध में होते हैं।
सूर्य ग्रहण देखते समय बरतें ये सावधानियां
सूर्य ग्रहण को सुरक्षित रूप से देखने के लिए, हमेशा eclipse glasses या पिनहोल प्रोजेक्टर का इस्तेमाल करना चाहिए। एकमात्र अपवाद पूर्ण सूर्य ग्रहण की संक्षिप्त अवधि के दौरान है।
यह सलाह दी जाती है कि आंशिक या वलयाकार ग्रहण (partial or annular eclipses) के दौरान, या पूर्ण ग्रहण से पहले/बाद में, उचित सुरक्षा के बिना कभी भी सूर्य को सीधे न देखें।
क्या भारत में दिखाई देगा सूर्य ग्रहण 2025: (Solar Eclipse 2025 Be Visible in India?)
साल के पहले सूर्य ग्रहण की तरह ही दूसरा सूर्य ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा। भारत में ग्रहण दिखाई ना देने के चलते हिंदू कैलेंडर में माने जाने वाला सूतक काल भी मान्य नहीं होगा।
सूर्य ग्रहण के प्रकार
पूर्ण सूर्य ग्रहण (Total Solar Eclipse)
जब चंद्रमा सूर्य को पूरी तरह ढक लेता है और धरती की किसी जगह से सूर्य का कोई हिस्सा दिखाई नहीं देता, तो इसे पूर्ण सूर्य ग्रहण कहते हैं। यह दृश्य केवल पृथ्वी के एक संकीर्ण क्षेत्र से ही दिखता है।
आंशिक सूर्य ग्रहण (Partial Solar Eclipse)
इसमें चंद्रमा सूर्य का कुछ हिस्सा ही ढकता है। सूर्य का एक भाग अब भी चमकता रहता है।
वलयाकार सूर्य ग्रहण (Annular Solar Eclipse)
जब चंद्रमा सूर्य के केंद्र को ढकता है लेकिन किनारों से सूर्य की एक चमकीली रिंग (अंगूठी) दिखाई देती है, तो उसे वलयाकार ग्रहण कहते हैं। इसे “Ring of Fire” भी कहते हैं।
संकर सूर्य ग्रहण (Hybrid Solar Eclipse)
यह एक दुर्लभ ग्रहण है जिसमें कुछ स्थानों से पूर्ण ग्रहण और कुछ से वलयाकार ग्रहण दिखाई देता है।