अर्जेंटीना की नेशनल काउंसिल फॉर साइंटिफिक एंड टेक्निकल रिसर्च (CONICET) इस साल की कई रोमांचक वैज्ञानिक खोजों में अहम भूमिका निभा रही है। कुछ महीने पहले, उन्होंने एक पनडुब्बी अभियान (submarine expedition) चलाया था जो तुरंत ही वायरल हो गया और लाखों लोगों ने समुद्र की गहराई में मौजूद जीवों पर आधारित लाइवस्ट्रीमिंग देखी। अब, उन्होंने एक ऐसी खोज की है जो डायनासोर के बारे में हमारी समझ को बदल सकती है। CONICET के पुरातत्व वैज्ञानिकों (palaeontologists) ने लगभग 7 करोड़ साल पुराना डायनासोर का अंडा खोजा है जो लगभग पूरी तरह सुरक्षित स्थिति में मिला है।
डायनासोर के अंडे (egg) को डॉ. फेडेरिको एग्नोलिन ने खोजा जो अर्जेंटीना के नेचुरल साइंसेज़ म्यूज़ियम टीम के प्रमुख हैं। यह खोज रियो नेग्रो प्रांत में की गई जो पटागोनिया के दक्षिणी हिस्से में स्थित है। हालांकि अर्जेंटीना में पहले भी डायनासोर के अंडे मिल चुके हैं लेकिन इस जीवाश्म (fossil) की तरह इतनी बढ़िया और सुरक्षित स्थिति में अब तक कोई अंडा नहीं पाया गया था।
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शोधकर्ताओं का मानना है कि इस अंडे में भ्रूण (embryonic) के अवशेष मौजूद हो सकते हैं। अगर यह सच साबित होता है तो यह खोज पैलियॉन्टोलॉजी (पुराजीव विज्ञान) के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित होगी। इससे वैज्ञानिकों को यह समझने में मदद मिल सकती है कि डायनासोर कैसे विकसित और मैच्योर हुए। इसके अलावा, यह अंडा उनके उत्पत्ति (origin) से जुड़ी नई जानकारियां भी उजागर कर सकता है।
करीब से जांच करने पर वैज्ञानिकों ने पाया कि यह एक जीवाश्मी अंडा (fossilised egg) है जो बोनापार्टेनाइकस (Bonapartenykus) नामक एक छोटे मांसाहारी डायनासोर का था जो लाखों साल पहले अर्जेंटीना के दक्षिणी हिस्से में रहता था। यह खोज इसलिए भी चौंकाने वाली है क्योंकि मांसाहारी डायनासोरों के अंडे आमतौर पर बहुत नाज़ुक होते हैं और उनकी बाहरी परत पतली होने के कारण ऐसे अंडों का जीवाश्म रूप में मिलना बेहद दुर्लभ होता है।
यह अंडा प्राचीन सरीसृपों (reptiles) और स्तनधारियों (mammals) के जीवाश्म अवशेषों से घिरा हुआ पाया गया जिसके चलते वैज्ञानिकों की टीम ने इस जगह को ‘प्रागैतिहासिक जीवों की नर्सरी’ (nursery for prehistoric animals) कहा। माना जा रहा है कि यह जगह इस बात की भी जानकारी दे सकती है कि डायनासोर अपने बच्चों की देखभाल कैसे करते थे और उनके व्यवहार (behaviour) के अन्य पहलू क्या थे।
डॉ. एग्नोलिन ने स्पेनिश समाचार संगठन El País से बात करते हुए कहा, “बाकी अंडे बहुत ज़्यादा टूटे हुए हैं क्योंकि क्षरण (erosion) ने उनमें से कई को नष्ट कर दिया। शायद कुछ अंडे अब भी सही सलामत हों लेकिन किसी चट्टान के अंदर दबे हों। इस अंडे के मामले में हुआ कि यह बाहर निकल आया, बारीक रेत के बीच लुढ़कता हुआ यहीं टिक गया और इसी वजह से यह टूटा नहीं। यह किसी चमत्कार से कम नहीं है। अगर उस वक्त बारिश हुई होती या कुछ और हुआ होता तो यह नष्ट हो जाता। यही वजह है कि यह खोज इतनी रोमांचक है। यह ऐसा लग रहा था जैसे किसी ने जानबूझकर इसे वहां रख दिया हो। जब मैंने इसे देखा तो मुझे यकीन ही नहीं हुआ कि यह एक जीवाश्म है। यह बस यूं ही पड़ा था जैसे किसी ने इसे वहीं छोड़ दिया हो।”
शोधकर्ताओं ने यह भी बताया कि वे अंडे की आगे जांच एक लाइव प्रसारण (broadcast) के जरिए करने पर विचार कर रहे हैं ताकि उनके साथ आम लोग भी यह जान सकें कि इसके अंदर क्या है और इसे लेकर उत्साह या निराशा महसूस कर सकें। इसके बाद यह अंडा पटागोनिया के एक संग्रहालय (museum) को सौंपा जाएगा ताकि स्थानीय लोग इस ऐतिहासिक महत्व के जीवाश्म को करीब से देख सकें।
