कुछ अंतरराष्ट्रीय शोधकर्ताओं की एक टीम मिलकर ऐसा सॉफ्टवेयर बना रही है जिसकी मदद से स्मार्टफोन को आंखो से ऑपरेट किया जा सकेगा। इस टीम में भारतीय मूल के छात्र भी शामिल हैं। सॉफ्टवेयर की मदद से आंखो के मूवमेंट से फोन में गेम खेला जा सकेगा, साथ ही ऐप्स और अन्य चीजें भी चलाई जा सकेंगी।
मैसाचुसेट इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (MIT), यूनिवर्सिटी ऑफ जॉर्जिया और जर्मनी के मैक्स प्लैंक इस्टीट्यूट फॉर इन्फोर्मेटिक्स के छात्रों की यह टीम को सॉफ्टवेयर बनाने में काफी हद तक सफलता मिल चुकी है। उन्होंने सॉफ्टवेयर को इस हद तक ले आए है कि समझ सकता है कि व्यक्ति फोन या टेबलेट के किस हिस्से पर देख रहा है।
MIT के छात्र आदित्य खोसला ने बताया कि जल्द ही सॉफ्टवेयर ज्यादा बेहतर काम करने लगेगा। टीम ने मिलकर GazeCapture नाम की एक ऐप बनाई है। ऐप यह जानने में मदद करेगी कि लोग अलग अलग परिस्थितियों में अपने फोन पर किस तरह देखते हैं। ऐप फोन के फ्रंट कैमरे की मदद से लोगों की नजर को रिकॉर्ड करेगा। यह लोगों की नजर को dots (बिंदुओं) के रूप में स्क्रीन पर दिखाएगा।
इसके बाद ऐप से इकट्ठा की गई जानकारियों की मदद से iTracker नाम के इस सॉफ्टवेयर को तैयार किया जाएगा। यह सॉफ्टवेयर आईफोन में काम कर सकता है। फोन का कैमरा चेहरे को कैप्चर करेगा और सॉफ्टवेयर सिर और आंखों की पोजिशन से समझने की कोशिश करेगा कि व्यक्ति स्क्रीन के किस हिस्से पर देख रहा है।
आदित्य खोसला ने बताया कि करीब 1500 लोग इस ऐप को अभी तक यूज कर चुके हैं। उन्होंने बताया कि अगर शोधकर्ता करीब 10 हजार लोगों की जानकारी इकट्ठा कर पाते हैं तो सॉफ्टवेयर को बेहतर काम करने में मदद मिलेगी।