टेलीकॉम रेगुलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया (TRAI) ने एक नंबर से दूसरे नंबर पर पोर्ट कराने की प्रक्रिया को पहले के मुकाबले आसान और तेज कर दिया है। इसका मतलब है कि अगर आप एक टेलीकॉम कंपनी की सेवाएं छोड़कर दूसरी कंपनी के नेटवर्क में जाना चाहते हैं तो यह अब आपके लिए काफी आसान प्रकिया होने वाली है। इस काम में दो दिन से ज्यादा का समय नहीं लगेगा। सीधे शब्दों में कहें तो अब एक सर्किल के अंदर दो दिन में नंबर पोर्ट हो जाएगा। इसके लिए TRAI ने मोबाइल नंबर पोर्टेबिलिटी (MNP) में सातवां संशोधन किया है। अभी आप नंबर पोर्ट कराने के लिए एसएमएस के जरिए निवेदन भेजते हैं तो एक यूनिक पोर्टिंग कोड (UPC) जनरेट होगा। इसके बाद आपको ऑपरेटन को आवेदन करने की जरुरत होगी कि आपको एक निर्धारित समय के भीतर नेटवर्क छोड़ना है।

इसके बाद नया ऑपरेटर पुराने ऑपरेटर से अनुमति लेगा और MNP सर्विस प्रोवाइडर को इसकी जानकारी देगा। इसके बाद पुराना ऑपरेटर अपने सेवाएं वापस ले लेगा और MNPSP को इसकी जानकारी देगा। इसके बाद नया ऑपरेटर उक्त नंबर पर अपना दावा कर सकता है और नए नंबर पर अपनी सर्विस शुरू कर सकता है। इस प्रकिया के तहत नई सिम प्राप्त करने में आमतौर पर सात दिन लगते हैं। हालांकि अब ट्राई का दावा है कि इस काम में दो दिन से ज्यादा का वक्त नहीं लेगा। नई प्रक्रिया के साथ ट्राई का दावा है, एक ही नेटवर्क सर्कल में होने वाली पोर्टिंग प्रक्रिया के लिए 2 दिनों से अधिक समय नहीं लगेगा।

नए नियमों के मुताबिक TRAI पोर्टिंग आवेदन को गलत कारणों से खारिज करने पर मोबाइल ऑपरेटर पर 10,000 रुपए तक का जुर्माना लगाया जा सकता है। नए नियमों के तहत ट्राई ने कॉरपोरेट पोर्टिंग को भी आसान किया है। अब सिंगल अथॉराइजेशन लेटर का इस्तेमाल करके एक साथ 100 मोबाइल नंबर पोर्ट कराए जा सकेंगे। पहले यह लिमिट 50 मोबाइल नंबर थी।