Oskar Schlemmer Google Doodle: Google आज मशहूर जर्मन पेंटर, मूर्तिकार, डिजाइनर और कोरियोग्राफर ऑस्कर श्लेमर का 130वां जन्मदिन सेलिब्रेट कर रहा है। आज गूगल का होमपेज खोलने पर आपको कुछ मैकेनिकल आकृतियां और एक मैटेलिक मास्कर पहने बैले करती हुए एक तस्वीर दिखाई देगी। दरअसल ये तस्वीर ऑस्कर श्लेमर की उपलब्धियों का प्रतिबिंब है, जिन्होंने मानवीय संवेदनाओं की एक नई परिभाषा गढ़ी। ऑस्कर श्लेमर अपने खास Triadisches Ballet के लिए जाने जाते हैं। इस शैली में व्यक्ति को त्रिकोणमितीय आकृतियों के रुप में सजाकर स्टेज पर विभिन्न मनोभावों का मंचन किया जाता है। इस शैली को परफॉर्म करने के लिए 3 डांसर होते हैं, जो कि त्रिकोणमितीय आकार की 18 कॉस्टयूम बदलकर 12 अलग-अलग तरह के मूवमेंट करते हैं। इस शैली में मानवीय शरीर और स्पेस के रिश्ते को दिखाया गया है। हालांकि उनका यह आइडिया काफी जटिल था।

ऑस्कर श्लेमर Bauhaus School of Arts के साथ लंबे समय तक जुड़े रहे। ऑस्कर श्लेमर ने अपनी रचनाओं में पूर्ण सार (Absolute Abstract) की परिकल्पना को पूरी तरह से नकारा और विषयों में एक मानवीय संवेदना लेकर आए। 1888 में जन्में ऑस्कर शेलमर 6 भाई-बहनों में सबसे छोटे थे। कला की तरफ उनका शुरु से ही काफी रुझान था। इसी के चलते उन्होंने Bauhaus School of Arts ज्वॉइन किया। यहां ऑस्कर श्लेमर स्टेज रिसर्च और प्रोडक्शन के डायरेक्टर रहे। ऑस्कर श्लेमर ने पेंटिंग्स और मूर्तिकला के भी गजब के जानकार थे। अपनी पेंटिंग्स में श्लेमर ने मानवीय शरीर के हर दिव्य पहलू उसके मूवमेंट को अपनी कला में उतारा। उनकी चेतना का आधार मानव शरीर और आकाश रहा, जिसकी सूक्ष्म बारीकियों को उन्होंने अपनी रचना “Party of form and color” में बखूबी प्रदर्शित किया।

ऑस्कर शेलमर का मानना था कि कोई भी परफॉर्मेंस “कलात्मक आध्यात्मिक गणित” होती है, जो कि भौतिक सौंदर्शशास्त्र के रुप में एकदम शुद्ध है और यह भावनाओं के ब्रह्मंड में ज्यादा देर तक नहीं टिकती। एक बार ऑस्कर श्लेमर ने व्याख्या करते हुए कहा था कि मनुष्यों का स्पेस में चलना, बैठना, लेटना या खड़े रहना इतना ही आसान है, जितना कि वो सार्वभौमिक रुप से वैध हैं।