19 मार्च 2024 को पारसी न्यू ईयर के तौर पर मनाया जाता है। गूगल ने अपने होमपेज पर पारसी नव वर्ष नौरोज़ (Nowruz) के मौके पर एक रंग बिरंगा डूडल बनाया है। Nowruz का अर्थ पारसी भाषा में ‘नया दिन’ होता है। नौरोज़ की सबसे खास अहमियत है कि इस दिन दिन और रात की लंबाई लगभग बराबर होती है। पारसी न्यू ईयर उत्तरी गोलार्ध में वसंत की शुरुआत का प्रतीक माना जाता है जो नवीनीकरण और पुनर्जन्म का प्रतीक है। गूगल डूडल (Google Doodle) बनाकर गूगल ने पारसी समुदाय को बधाई दी है।

कितना पुराना है नौरोज़ मनाने का इतिहास?

नौरोज़ जिसे नवरोज भी बोलते हैं। यह पारसी समुदाय के लिए आस्था का प्रतीक है। यह नव और रोज़- दो पारसी शब्दों से मिलकर बना है। नव का अर्थ नया और रोज का अर्थ दिन है। यानी नवरोज के बना नया दिन।

पारसी न्यू ईयर को मनाने का यह इतिहास 3000 सालों से भी ज्यादा पुराना है। नवरोज ईरानी नव वर्ष है जिसे अलग-अलग देश में अलग-अलग समय पर मनाया जाता है। नौरोज़ पर संयुक्त राष्ट्र में अंतरराष्ट्रीय अवकाश के तौर पर मान्यता दी गई है।

Bing Holi Image Creator: बिंग AI इमेज क्रिएटर के साथ चुटकियों में बनाएं Happy Holi 3D Photo, ऐसे करें डाउनलोड, पूरा तरीका जानें

कैसे मनाया जाता है नौरोज़?

पारसी लोग इस दिन अपने घर की साफ-सफाई करते हैं। नए कपड़े पहनते हैं और अपने उपासना स्थल यानी फायर टेंपल जाते हैं। इसके बाद वे ईश्वर के प्रति आभार व्यक्त करते हैं। उन्हें दूध, चंदन, फल, फूल आदि चढ़ाते हैं और प्रार्थना करते हैं। अपनी गलतियों के लिए माफी भी मांगते हैं और घरों के बाहर रंगोली बनाते हैं। घरों में तरह-तरह के पकवान बनते हैं। गरीबों को दान-पुण्य करने के साथ ही घर में मेहमान भी बुलाते हैं।

IPL 2024, CSK vs RCB Tickets Booking: आईपीएल ओपनिंग मैच के लिए टिकट की बिक्री शुरू, जानें कहां से करें ऑनलाइन बुक

राजा जमशेद की याद में मनाया जाता है नौरोज़

नौरोज़ को फारस के राजा जमशेद की याद में सेलिब्रेट किया जाता है। राजा जमशेद ने ही पारसी कैलेंडर बनाया था और सौर गणना की शुरुआत की थी। पारसी लोग इसी दिन राजा जमशेद को पूजते हैं और एक-दूसरे को नए साल की शुभकामनाएं देते हैं। पारसी समुदाय के लोग सबसे ज्यादा ईरान, इराक, अफगानिस्तान, तुर्की, सीरिया आदि देशों में हैं। भारत में भी बड़ी संख्या में पारसी समुदाय के लोग हैं।