New E-Commerce Rules:भारत में बीते सप्ताह ईकॉमर्स क्षेत्र के लिए कुछ नए प्रस्तावों की घोषणा की है। इन नए नियमों में कुछ ऐसे बदलाव किए गए हैं, जिसके चलते कई ईकॉमर्स कंपनियों को अपनी पॉलिसी में बदलाव करने पड़ सकते हैं। इतना ही कंपनियां फर्जी डिस्काउंट और प्रोडक्ट संबंधी गलती जानकारी नहीं दे पाएंगे। आइये जानते हैं इन नए प्रस्तावित नियम व कानून के बारे में।

विज्ञापन का डिस्प्ले और उनका प्रमोशन

ईकॉमर्स कंपनियां को प्रोडक्ट की जानकारी, कीमत, क्वालिटी और गारंटी- वारंटी को लेकर गुमराह करने वाले विज्ञापनों को अनुमति नहीं मिलनी चाहिए। कई बार यूजर्स को गलत जानकारी देकर गुमराह किया जाता है, जिसके बाद कुछ खरीददार को परेशानी होती है।

आयात माल व सेवाओं पर सेलर्स की जानकारी और घरेलू विकल्प भी

ईकॉमर्स कंपनियों को यह देखना होगा कि उनके प्लेटफॉर्म पर लिस्टेड प्रोडक्ट के ओरिजन की  जानकारी भी होनी चाहिए, जिसका मतलब है कि वह किस देश में बनाया गया है। विदेशी प्रोडक्ट के साथ ईकॉमर्स प्लेटफॉर्म को उसका घरेलू विकल्प भी दिखाना होगा।

कैंसिलेशन चार्ज और ग्राहक मंजूरी

ईकॉमर्स प्लेटफॉर्म पर कुछ लिस्टेड प्रोडक्ट पर रिटर्न पॉलिसी की जानकारी नहीं होती है। लेकिन कंज्यूमर से इस बारे में स्पष्ट मंजूरी लेना चाहिए, ताकि उसके शॉपिंग का अनुभव बेहतर बनाया जा सके।

सर्च में किसी एक को प्राथमिकता नहीं देनी चाहिए

ईकॉमर्स प्लेटफॉर्म अमेजॉन इंडिया और फ्लिपकार्ट पर भारत में अक्सर आरोप लगते हैं कि वह अपने ब्रांड और सेलर्स का प्रमोशन करते हैं। हालांकि ज्यूरी अभी यह नहीं जान पाई है कि भारत में और विदेशों में ऑनलाइन मार्केटप्लेस में ये एल्गोरिद्म कैसे काम करता है।

फ्लैश सेल पर बैन

ईकॉमर्स कंपनियों की तरफ से बार-बार होने वाली छूट पर सरकार ने स्पष्टीकरण जारी किया है कि ईकॉमर्स प्लेटफॉर्म उपभोक्ताओं को अधिकतम प्रोफिट देने वाली कन्वेंशनल फ्लैश सेल कर सकती है। लेकिन बार-बार होने वाले सेल या फ्लैश सेल की अनुमति नहीं है। हालांकि अभी तक यह साफ नहीं है कि कन्वेंशनल फ्लैश सेल क्या है।