घर हो या दफ्तर लैपटॉप के बिना दफ्तर और मनोरंजन संबंधी काम होने में मुश्किल होती है। आप अपने इस इलेक्ट्रिक डिवास के जरिए कितने काम लेते हैं लेकिन क्या आपको पता है कि आपके चार्जर के जरिए भी आपका लैपटॉप हैक हो सकता है। जी हां, लैपटॉप यूजर्स के लिए यह काफी काम की खबर है। अगर आप अपने लैपटॉप को सुरक्षित रखना चाहते हैं और हैकर्स की पहुंच से भी दूर होना चाहते हैं तो आपको अपने लैपटॉप के चार्जर को लेकर भी सतर्क होना होगा। कैंम्ब्रिज यूनिवर्सिटी और राइस यूनिवर्सिटी के एक अध्ययन के मुताबिक प्लग इन डिवाइस चार्जर और पेनड्राइव जैसी चीजों से हैकिंग का खतरा बढ़ा है।
अध्ययन में पाया गया कि विंडोज, मैकओएस, लाइनक्स और फ्रीबीएसडी वाले और थंडरबोल्ट पोर्ट्स वाले कम्प्यूटर्स में प्लग इन डिवाइस के जरिए हैकिंग की जा सकती है। थैंडरक्लैप नामक एक ओपन सोर्स प्लटैफॉर्म के जरिए इसका पता लगाया गया है। मौजूदा समय में इस्तेमाल होने वाले डेस्कटॉप और मॉर्डन लैपटाप को इससे ज्यादा खतरा है।
इसके अलावा प्लग इन डिवाइस जैसे नेटवर्क कार्ड ग्राफिक्स कार्ड और प्रोजेक्टर से भी खतरा रहता है। नेटवर्क कार्ड और ग्राफिक कार्ड में डायरेक्ट मेमोरी एक्सेस होता है जो ऑपरेटिंग सिस्टम की प्रोटेक्टिंग पॉलिसी को बाईपास करता है।अध्ययन में यह भी कहा गया है कि इनपुट-आउटपुट मेमोरी मैनेजमेंट यूनिट्स (IOMMUs)के सक्रिय रहने के बाद भी सिस्टम से छेड़छाड़ की जा सकती है। कंपनियां इन खामियों को दूर करने के लिए काम कर रही हैं और ज्यादातर इसके लिए सीधा तरीका हार्डवेयर अपग्रेड करने का अपना रही हैं।
रिसर्च का मूल मकसद है कि तकनीकि रूप से कंपनियों और इस्तेमाल कर रहे लोगों को इस खतरे के बारे में पता चल सके। इसके अलावा टेक्नोलॉजी वाली कंपनियां इसपर काम कर सकें और इसके संदर्भ में आगे कोई कदम उठा सकें।बता दें कि इस परेशानी के बारे में साल 2016 में पता चला था। शोधकर्ता एप्पल , माइक्रोसॉफ्ट और इंटेल जैसी कंपनियों के साथ मिलकर कर इससे होने वाली परेशानियों के बारे में पता लगाने के लिए काम कर रही हैं।