आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) के युग में क्या आप कलम और कागज उठाकर पुराने ढंग से लिखना पसंद करते हैं? जोहो के को-फाउंडर श्रीधर वेम्बू इसको लेकर अपनी राय शेयर की है। वेम्बू, जो अक्सर AI और नई तकनीकों जैसे जेनरेटिव AI और एजेंटिक AI पर खुलकर बोलते हैं, अब उन्होंने हाथ से लिखने की कला पर टिप्पणी की है और बताया है कि इस युग में जहां कंप्यूटर हर जगह मौजूद हैं, यह कैसे अप्रचलित हो गया है।
असल में, उन्होंने यह तब कहा जब उन्हें एक हाथ से लिखा नोट पढ़ने में दिक्कत हुई। उनकी इस राय ने ऑनलाइन एक नई चर्चा शुरू कर दी है। जिसमें परंपरावादियों और भविष्यवादियों के बीच बहस छिड़ गई है।
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जोहो के सीईओ ने शेयर की हैंड रिटेन पर अपनी राय
जोहो के सीईओ ने वेम्बू ने X (Twitter) पर अस्पष्ट हैंड रिटेन नोट के साथ अपने हालिया अनुभव को शेयर किया और स्वीकार किया कि उन्हें खुद भी साफ-सुथरा लिखने में कठिनाई होती है। उनका यह डर कि कलम और कागज का युग लुप्त हो रहा है, कई लोगों को गहराई से प्रभावित कर रहा था।
वेम्बू ने लिखा, “मुझे आज एक हैंड रिटेन नोट मिला, जो अंग्रेजी में लिखा था – बस इतना अस्पष्ट था कि मुझे समझ नहीं आ रहा था कि उसमें क्या लिखा है और मुझे अपने दोस्त से समझाना पड़ा। मुझे भी लिखने में मुश्किल होती है – “कागज पर कलम” लिखने का रूप – जबकि मैं पढ़ने लायक लिखने की कोशिश कर रहा हूं। मुझे लगता है कि हैंड रिटेन एक लुप्त कला बनने जा रही है।”
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सोशल मीडिया यूजर्स की अलग-अलग प्रतिक्रिया
इस पर सोशल मीडिया यूजर्स की अलग-अलग प्रतिक्रियाएं आ रही है। कुछ लोग वेम्बू से सहमति जता रहे हैं तो कुछ लोग कीबोर्ड और टचस्क्रीन पर अपनी निर्भरता बता रहे हैं। उन्होंने डिजिटल उपकरणों की सुविधा की ओर इशारा किया और यह भी अनुमान लगाया कि एक दिन कीबोर्ड की जगह ब्रेन-कंप्यूटर इंटरफेस या एडवांस स्पीच-टू-टेक्स्ट टेक्नॉलाजी ले लेगी। कलम से स्क्रीन पर बदलाव कई लोगों के लिए कम्यूनिकेशन का एक स्वाभाविक विकास है।
दूसरी ओर, लोगों ने लेखन की कला का बचाव किया और बताया कि यह कैसे कम्यूनिकेट करने का एक बेहतरीन तरीका बना हुआ है। इन यूजर्स ने तर्क दिया कि यह सीखने, याद रखने और यहां तक कि एक कला का एक मूलभूत हिस्सा है। कुछ ने अपनी निजी कहानियां शेयर कीं कि कैसे वे अभी भी जानकारी को बेहतर ढंग से संसाधित करने के लिए नोट्स लिखते हैं, जबकि अन्य ने जोर देकर कहा कि वे बिना लिखे सीख नहीं सकते। उन्होंने कहा कि उपकरण भले ही बदल जाएं, लेकिन लिखने की प्रेक्टिस जारी रहेगी।