भारत में लगातार बढ़ रहे साइबर क्राइम पर नकेल कसने के लिए भारत सरकार नए कदम उठा रही है। इसमें सबसे बड़ा हाथ उन स्कैमिंग ऐप्स (Scamming Apps) का है जो लोगों को लालच देकर या बेवकूफ बनाकर उनकी मेहनत कमाई लूट ले रहे हैं। अब सरकार ने ऐसे घोटालेबाज ऐप्स के खिलाफ कार्रवाई तेज कर दी है। राज्यसभा में सरकार ने जानकारी दी कि इंडियन साइबर क्राइम कॉर्डिनेशन सेंटर (भारतीय साइबर अपराध समन्वय केंद्र) (I4Cs) ने उन 379 वेबसाइट को बंद कर दिया है जो पिछले सात महीनों से गैरकानूनी लोन के लिए आवेदन दे रहे थे।
I4Cs द्वारा यह कार्रवाई अक्टूबर 2023 से मई 2024 के बीच किया गया है। बता दें कि साइबर क्राइम कॉर्डिनेशन सेंटर, गृह मंत्रालय के तहत काम करती है।
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गृह राज्य मंत्री बंदी संजय कुमार ने एक सवाल के जवाब में कहा कि कई दूसरे स्टेकहोल्डर्स के साथ मिलकर I4Cs ने 91 फिशिंग और फेक वेबसाइट पर भी निशाना साधा है। सरकार का इरादा साइबर अपराधियो पर नकेल कसना है।
बता दें कि ये प्रयास सरकार द्वारा National Internet Exchange of India (NIXI)के साथ साझेदारी में किए जा रहे हैं ताकि .in वाले डोमेन के गलत इस्तेमाल को रोका जा सके।
उन्होंने कहा, ‘अक्टूबर 203 और मई 2024 के बीच, 310 मैलिशियस/फिशिंग डोमे को NIXI की मदद से बंद किया गया। इसके अलावा, 91 फिशिंग/फेक वेबसाइट्स और 379 गैरकानूनी लोन/स्कैम ऐप्स को भी 14C ने दूसरे स्टेकहोल्डर्स की मदद से बंद किया है।’
साइबर क्राइम की शिकायत से 2400 करोड़ की बचत
राज्य मंत्री ने कहा कि 14C सिटीजन फाइनेंशियल साइबर फ्रॉड रिपोर्टिंग एंड मैनेजमेंट सिस्टम (Citizen Financial Cyber Fraud Reporting and Management System) लॉन्च किया है। यह एक ऐसा प्लेटफॉर्म है जिसे फाइनेंशियल फ्रॉड की तुरंत शिकायत करने और अपराधियों द्वारा फंड का इस्तेमाल ना कर पाने के इरादे से डिजाइन किया गया है।
इस सिस्टम ने पहले ही अपनी उपयोगिता साबित कर दी है और 7.6 लाख शिकायतकर्ताओं के 2400 करोड़ रुपये इससे बचे हैं।
राज्य मंत्री ने कहा कि 31 जनवरी से NCRP पर एक नया फीचर ‘Report Suspect’ जोड़ा गया है ताकि संदिग्ध वेबसाइट URLs के जरिए होने वाले साइबर अपराधों की झटपट शिकायत की जा सके।
