Google Online Scams Advisory: गूगल दुनिया का सबसे बड़ा सर्च इंजन है। दुनियाभर में अरबों यूजर्स Google की अलग-अलग सर्विसेज का इस्तेमाल कर रहे हैं। लेकिन इतनी बड़ी संख्या में यूजर बेस होने के चलते ही फ्रॉड भी गूगल की इन सर्विसेज को अपना निशाना बनाते हैं। और ये स्कैमर्स अलग-अलग तरीकों से यूजर्स के डिजिटल अकाउंट्स और पैसे चोरी कर लेते हैं।
Google हमेशा ही ऑनलाइन और डिजिटल फ्रॉड रोकने के लिए अलग-अलग कदम उठा रहा है। इसके अलावा ऑनलाइन फ्रॉड को रोकने के लिए अलग-अलग टूल भी लॉन्च किए जा रहे हैं। Alphabet inc. के मालिकाना वाले Google ने ऑनलाइन फ्रॉड व स्कैम से यूजर्स को सुरक्षित और प्रोटेक्ट करने में मदद के लिए टिप्स शेयर किए हैं।
हम आपको बता रहे हैं ऑनलाइन स्कैम पहचानने और इससे बचाने में मदद करने वाले टॉप-5 टिप्स के बारे में…
डीपफेक-पावर्ड स्कैम: Deepfake-powered impersonation scams
गूगल ने यूजर्स को सलाह दी है कि पब्लिक फिगर के वीडियो और ऑडियो पर खास ध्यान दें। सबसे पहले यह देखें कि वीडियो में कोई पर्सनालिटी देखने और सुनने में जेनुइन हो, लेकिन इस बात की बड़ी संभावना हो सकती है कि वह कॉन्टेन्ट डीपफेक (deepfake) हो और इसे आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) का इस्तेमाल करके जेनरेट किया गया हो। स्कैमर्स इस तरह के कॉन्टेन्ट को चुनाव के दौरान प्रोपैगैंडा फैलाने और इन्वेस्टमेंट से जुड़े फ्रॉड के लिए लोगों को ललचाने में इस्तेमाल करते हैं।
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गूगल का कहना है कि यूजर्स को कॉन्टेन्ट में ऐसे हावभाव ढूंढना चाहिए जो नैचुरल ना हों। क्योंकि सबसे सॉफिस्टिकेटेड डीपफेक जेनरेटन भी चेहरे के साथ गलतियां कर देता है और सिंथेटिक यानी आर्टिफिशियल कॉन्टेन्ट के लिए यह पहला स्पष्ट संकेत है।
क्रिप्टो इन्वेस्टमेंट स्कीम: Crypto investment schemes
क्या आपको क्रिप्टो में निवेश करने पर गारंटी हाई रिटर्न वाला मैसेज या ईमेल मिला है? बहुत बड़ी संभावना है कि यह इन्वेस्टमेंट स्कैम हो। बता दें कि कम समय में कई गुना पैसे की गारंटी देने वाला ऐसा कोई असल प्लान या इन्वेस्टमेंट स्कीम नहीं है। और अगर ऐसा कोई ऑफर या डील है जो आपको बहुत अच्छी लग रही है, तो इसके स्कैम होने के चांस ज्यादा हैं।
क्लोन ऐप्स और वेबसाइट से अलर्ट रहें: Be aware of cloned apps and websites
बहुत सारे ऑनलाइन फ्रॉड अकसर निजी जानकारी चोरी करने के लिए फेक बैंकिंग ऐप्स और वेबसाइट का इस्तेमाल करते हैं। ये फर्जी पोर्टल देखने में एकदम ओरिजिनल हो सकते हैं और इनमें वो सारे फीचर्स होते हैं जो आप हमेशा से चाहते रहे हों।
इस बात का ध्यान रखें कि आप हमेशा भरोसेमंद सोर्से जैसे गूगल प्ले स्टोर या ऐप स्टोर से ही ऐप्स डाउनलोड करें। URL, फॉन्ट्स, लोगो और इमोजी में स्पेलिंग एरर पर ध्यान दें। ये सब पोर्टल या वेबसाइट के फेक होने के साइन होते हैं।
फेक लैंडिंग पेज: Fake Landing page
यह स्कैम काफी एडवांस्ड है जहां एक साइबरक्रिमिनल यूजर को वो कॉन्टेन्ट दिखा सकता है जो गूगल को दिखाया जाता है। किसी वेबसाइट का लैंडिंग पेज किसी जानी-मानी वेबसाइट की तरह दिखता है और यूजर्स यहां अपनी डिटेल्स जैसे लॉगइन आईडी और दूसरे क्रेडेन्शियल्स (यूजरआईडी और पासवर्ड) सबमिट कर देते हैं। इसके बाद स्कैमर्स इन डिटेल्स का इस्तेमाल इन अकाउंट्स का कंट्रोल अपने हाथों में ले लेते हैं और यूजर्स को पैसों की बड़ी चपत लग जाती है।
इस तरह की वेबसाइट को पहचानने का एक तरीका है कि यूआरएल को बेहद करीबी से जांचें और यह चेक करें कि रीडायरेक्ट होने पर भी वहीं यूआरएल रहे और यह बदले नहीं। Google Chrome पर प्रोटेक्शन इनेबल होने से भी इस तरह की वेबसाइट को पहचानने में मदद मिलती है।
बड़े इवेंट स्कैमर्स के लिए मौका:Exploitation of major events
बड़े ब्रैंड्स के लिए बड़े इवेंट्स पर माइक्रो वेब पेज बनाना बहुत आम बात है, और स्कैमर्स इसे एक अवसर के तौर पर लेते हैं। फ्रॉडस्टर्स बड़े इवेंट्स और कॉन्सर्ट से पहले इन वेब पेज की तरह दिखने वाले पेज बनाते हैं और यहां फेक मर्चेंडाइज, पास/टिकट बेचने के साथ-साथ डोनेशन कलेक्ट करते हैं।
जब भी आप कुछ ऑनलाइन खरीद रहे हैं तो यह सुनिश्चित करें कि वेबसाइट असली हो और पेमेंट करने से पहले सभी डिटेल्स क्रॉस-चेक कर लें।