Google ने अपने क्रोम ब्राउज़र में एक नया फीचर पेश किया है जिसका मकसद विभिन्न वेबसाइट से आने वाली नोटिफिकेशन को कम करना है। इस अपडेट के तहत, ब्राउज़र उन वेबसाइट्स की नोटिफिकेशन परमिशन अपने-आप हटा देगा जिनसे यूज़र्स अब इंटरैक्ट नहीं करते हैं। इससे ब्राउज़िंग अनुभव को बेहतर बनाने और फालतू की चीजों को हटाने में मदद मिलेगी।

नोटिफिकेशन ओवरलोड से निपटना

वेबसाइट नोटिफिकेशन इस मकसद से बनाए गए थे कि यूजर्स तक महत्वपूर्ण जानकारी समय पर पहुंच सके। लेकिन पिछले कुछ समय से ये एक परेशानी बन गए हैं जो लोगों को अनचाही सूचनाएं भेजकर लगातार परेशान करते हैं। कई वेबसाइट्स नोटिफिकेशन भेजने की अनुमति तो मांगती हैं, लेकिन बदले में शायद ही कभी कोई उपयोगी जानकारी देती हैं।

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इस समस्या को ध्यान में रखते हुए, गूगल ने पाया कि 1% से भी कम यूज़र्स वास्तव में इन नोटिफिकेशन प्रॉम्प्ट्स के साथ इंटरैक्ट करते हैं। इसलिए, इस झंझट को कम करने के लिए अब क्रोम अपने-आप उन वेबसाइट्स की नोटिफिकेशन को डिसेबल कर देगा, जिन्हें यूज़र्स ने लंबे समय से विजिट नहीं किया है।

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कैसे काम करता है यह फीचर?

नया फीचर क्रोम के डेस्कटॉप और ऐंड्रॉयड दोनों वर्जन पर काम करता है। जबक किसी वेबसाइट की नोटिफिकेशन को यूजर्स लंबे समय तक नहीं देखते हैं, तो Chrome उस वेबसाइट की परमिशन को ऑटोमैटिकली हटा देगा। इसके बाद यूजर को यह जानकारी मिलेगी कि साइट की परमिशन को हटा दिया गया है।

अगर यूजर किसी खास वेबसाइट की नोटिफिकेशन को रिसीव करते रहना चाहते हैं तो अपने ब्राउजर के Safety Check या मैनुअली सेटिंग्स को एडजस्ट करके रीस्टोर कर सकते हैं।

यूजर्स और डिवेलपर्स पर क्या होगा नए फीचर का असर?

गूगल की इंटरनल टेस्टिंग में इस फीचर को लेकर बढ़िया रिजल्ट दिखे हैं। बहुत ज्यादा नोटिफिकेशन कम करने से यूज़र्स को ध्यान भटकने की समस्या कम हुई। दिलचस्प बात यह है कि जो वेबसाइट्स कम लेकिन प्रासंगिक (relevant ) नोटिफिकेशन भेजती हैं, उन्होंने यूज़र एंगेजमेंट में हल्का बढ़ावा देखा- जैसे कि अलर्ट्स पर क्लिक बढ़ना। इसका मतलब है कि कम नोटिफिकेशन भेजना बेहतर परिणाम दे सकता है और डेवलपर्स को नोटिफिकेशन की संख्या के बजाय क्वालिटी पर ध्यान केंद्रित करने के लिए प्रोत्साहित करता है।

इस फीचर से यूजर्स को होगा क्या फायदा?

क्रोम के इस नए फीचर से यूजर को कई सारे बेनिफिट मिलने की उम्मीद है:

-क्रोम सेफ़्टी चेक (Chrome Safety Check) में रिवोक की गई परमिशन्स का रिव्यू

-उन वेबसाइट्स की नोटिफिकेशन को फिर से एक्टिव करना जिन पर आप भरोसा करते हैं या जिनकी आपको जरूरत है।

-यदि आप सब कुछ मैनुअली मैनेज करना पसंद करते हैं तो ऑटो-रिवोकेशन को डिसेबल करें।

-नोटिफिकेशन के व्यवहार पर ध्यान दें ताकि आपका ब्राउज़िंग अनुभव और सहज रहे।

गूगल का नया अपडेट एक अधिक यूज़र-फ्रेंडली ब्राउज़र बनाने की दिशा में एक कदम है। अनयूज़्ड परमिशन्स को अपने-आप क्लीनअप करके, क्रोम यूज़र्स के ध्यान भटकने को कम करने में मदद करता है और वेबसाइट्स को अपने नोटिफिकेशन के प्रति अधिक सोच-समझकर व्यवहार करने के लिए प्रेरित करता है।