अगर आप भी Google Chrome इस्तेमाल करते हैं तो सावधान हो जाइये। भारत सरकार के इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के अंतर्गत आने वाली भारतीय कंप्यूटर इमरजेंसी रिस्पॉन्स टीम (CERT-In) ने Google Chrome यूजर्स के लिए नई सुरक्षा चेतावनी (High-Severity Security Alert) जारी की है। यह चेतावनी 30 अक्टूबर 2025 (गुरुवार) को जारी की गई जिसमें कहा गया है कि Google Chrome ब्राउजर में कई गंभीर सुरक्षा खामियां (vulnerabilities) पाई गई हैं।

इन खामियों का फायदा उठाकर अटैकर्स दूर बैठे ही सिस्टम की सुरक्षा को बायपास कर सकते हैं और टारगेट किए गए कंप्यूटर से संवेदनशील जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।

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CERT-In ने यूजर्स को सलाह दी है कि वे Google Chrome को तुरंत लेटेस्ट वर्जन पर अपडेट करें और संदिग्ध वेबसाइट्स या अनजान लिंक्स पर क्लिक करने से बचें। बता दें कि भारत में करोड़ों यूजर्स Chrome ब्राउजर का इस्तेमाल करते हैं जिससे यह एक महत्वपूर्ण साइबर सुरक्षा कदम माना जा रहा है।

चेतावनी में विस्तार से बताया गया है कि यूजर्स को किन समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। और किन Google Chrome यूजर्स को इस सुरक्षा खतरे को लेकर सतर्क रहने की ज़रूरत है। CERT-In के अनुसार, यह अलर्ट सभी एंड-यूजर ऑर्गनाइजेशन्स और इंडिविजुअल्स पर लागू होता है जो डेस्कटॉप पर Google Chrome का इस्तेमाल कर रहे हैं।

इसका मतलब है कि चाहे कोई व्यक्ति अपने निजी कंप्यूटर पर Chrome का इस्तेमाल कर रहा हो या कंपनी द्वारा दिए गए सिस्टम पर, सभी को तुरंत सिक्यॉरिटी अपडेट इंस्टॉल करने और ब्राउजर को अप-टू-डेट रखने की सलाह दी गई है। ताकि किसी भी संभावित साइबर हमले से बचाव किया जा सके।

क्या है खतरा?

CERT-In के मुताबिक, गूगल क्रोम में कई सारी खामियों की शिकायत मिली। जिनका फायदा उठाकर कोई रिमोट अटैकर सिस्टम पर मनमाना कोड (arbitrary code) चला सकता है।

-सुरक्षा प्रतिबंधों को बायपास कर सकता है,स्पूफिंग अटैक (धोखाधड़ी वाले हमले) कर सकता है या टारगेटेड सिस्टम से संवेदनशील जानकारी प्राप्त कर सकता है।

-इन कमजोरियों के कारण यूजर्स के डेटा और सिस्टम की सुरक्षा को गंभीर खतरा हो सकता है।

चेतावनी में कहा गया है कि Google Chrome में कई कमजोरियां (vulnerabilities) मौजूद हैं। इनका कारण- V8 इंजन में Type Confusion और V8, Extensions, App-Bound Encryption तथा Autofill में गलत इम्प्लीमेंटेशन, Media में object lifecycle issue, V8 और Storage में race condition, Omnibox, Fullscreen UI और SplitView में गलत सुरक्षा UI, Extensions में policy bypass, PageInfo और Ozone में use-after-free कमजोरियां और V8 तथा WebXR में out-of-bounds read की समस्या है।

किन-किन लोगों को है खतरा?

Linux, Windows और macOS पर क्रोम चला रहे यूजर्स को ब्राउज़र के इन वर्जन के बारे में चेतावनी दी गई है।

-Linux के लिए 142.0.7444.59 से पुराना क्रोम वर्जन
-Windows और Mac के लिए 142.0.7444.59/60 से पुराना गूगल क्रोम वर्जन
-Mac के लिए 142.0.7444.60 से पुराना गूगल क्रोम वर्जन

CERT-In ने अपनी चेतावनी में सलाह दी ही कि यूजर्स को ब्राउज़र का लेटेस्ट उपलब्ध वर्जन अपडेट करने के साथ ही जरूरी सिक्यॉरिटी अपडेट इंस्टॉल करने चाहिए।

Windows और macOS पर अपडेट करने के लिए सबसे पहले Chrome browser में ऊपर बने दांये कोने पर तीन डॉट पर जाएं। फिर Settings > About > Update Chrome ऑप्शन में जाएं।