आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस ने दुनिया को एक तरह से बदलकर रख दिया है। AI के आने से जहां कई काम आसान हुए तो वहीं कई सारे सेक्टरों में नौकरियां खत्म होने के खतरे की घंटी बज गई। लेकिन इन सबके बीच जब एआई के गॉडफादर तेजी से विकसित हो रही आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस को लेकर चेतावनी देते हैं, तो दुनिया को उस पर ध्यान देना चाहिए। कंप्यूटर साइंस के जाने-माने वैज्ञानिक ज्योफ्री हिंटन (Geoffrey Hinton) ने इस बारे में अपने विचार साझा किए हैं कि भविष्य के एआई चैटबॉट्स को किस तरह प्रशिक्षित किया जाना चाहिए।
एक नए प्रस्ताव में, हिंटन ने सुझाव दिया है कि एडवांस्ड एआई सिस्टम (AI Systems) को “मातृत्व प्रवृत्तियों” (maternal instincts) के साथ डिजाइन किया जाना चाहिए। उनके पास इस विचार का समर्थन करने के मजबूत कारण भी हैं। हिंटन ने इशारा किया है कि एआई भविष्य में अपने इंटेलिजेंट समकक्षों पर हावी होने की क्षमता हासिल कर सकता है।
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लास वेगास में एआई4 सम्मेलन में बोलते हुए, हिंटन ने नियंत्रण यानी कंट्रोल और दमन यानी सप्रेसन के माध्यम से एआई पर प्रभुत्व बनाए रखने के प्रयास के दृष्टिकोण को खारिज कर दिया। उन्होंने तर्क दिया कि AI की तेजी से हो रहे एडवांसमेंट को देखते हुए यह रणनीति निरर्थक है। इसके बजाय, उन्होंने एक नया कॉन्सेप्ट पेश किया जिसमें सुझाव दिया गया कि मानव-एआई संबंध (human-AI relationship) को एक मां और उसके बच्चे के अनुसार बनाया जाना चाहिए।
उन्होंने आगे समझाया, ‘सही मॉडल हमारे पास एकमात्र मॉडल है जिसमें एक अधिक बुद्धिमान चीज को कम बुद्धिमान चीज द्वारा कंट्रोल किया जा रहा है, जो कि एक मां है और उसे, उसके बच्चे द्वारा नियंत्रित किया जा रहा है।” उन्होंने कहा, “अगर यह मेरा पालन-पोषण नहीं कर रहा है, तो यह मेरी जगह ले लेगा।’
इस आइडिया का मतलब यह है कि जिस तरह एक शिशु अपनी सीमित बुद्धिमत्ता के बावजूद अपनी मां से मार्गदर्शन और देखभाल प्राप्त करता है, उसी तरह मानवता की देखभाल भी एक सुपरइंटेलिजेंट AI द्वारा की जा सकती है।
पहले भी हिंटन दे चुके हैं चेतावनी
गौर करने वाली बात है कि हिंटन अपने इस नए सुझाव से पहले भी AI पर लगातार कई चेतावनियां दे चुके हैं। वर्ष 2023 में वे सुर्खियों में तब आए जब उन्होंने गूगल में अपने लंबे समय से संभाले पद से इस्तीफा दे दिया, ताकि वे उस तकनीक के संभावित खतरों पर खुलकर बोल सकें, जिसकी नींव रखने में उनका अहम योगदान रहा है।
न्यूरल नेटवर्क्स और डीप लर्निंग पर हिंटन के बुनियादी काम ने उन्हें प्रतिष्ठित Turing Award दिलाया और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की नींव रखी। लेकिन आज वही हिंटन एआई के खतरों को लेकर दुनिया को चेतावनी दे रहे हैं।
CBS News को दिए एक इंटरव्यू में उन्होंने AI के डिवेलपमेंट की तुलना एक ‘बाघ के प्यारे से बच्चे’ से की और चेतावनी दी कि यह एक दिन बड़ा होकर घातक हो सकता है। वह Artificial General Intelligence (एजीआई को 30-50 साल से घटाकर पांच से 20 साल के अधिक “उचित दांव” तक) के उद्भव के लिए अपनी भविष्यवाणी को अपडेट करते हुए, समयरेखा के बारे में भी खुला है। हिंटन ने यह भी अनुमान लगाया है कि “10 से 20 प्रतिशत” संभावना है कि एआई मानवता को विस्थापित कर सकता है या मिटा भी सकता है। उन्होंने आर्टिफिशियल जनरल इंटेलिजेंस (AGI) को लेकर अपनी टाइमलाइन भी साफ तौर पर साझा की है। पहले जहां उनका अनुमान था कि AGI आने में 30 से 50 साल लग सकते हैं, अब उन्होंने इसे घटाकर सिर्फ 5 से 20 साल का “यथार्थवादी अनुमान” बताया है।
हिंटन का यह भी मानना है कि 10 से 20 प्रतिशत संभावना है कि एआई मानवता को विस्थापित कर दे या फिर उसे पूरी तरह समाप्त कर दे।
“मातृत्व प्रवृत्ति” समाधान
मानवता के लिए AI को सुरक्षित रखने के लिए हिंटन का सुझाव है कि हमें केवल एआई को और स्मार्ट बनाने पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए, लेकिन इसके साथ ही उसे ऐसा “मातृत्व प्रवृत्ति” (maternal instinct) भी देनी होगी जिससे वह वास्तव में हमारी परवाह करे, जैसे एक मां अपने बच्चों की करती है।
उनका कहना है कि यही एक ऐसा एरिया है जहां सच्चा अंतरराष्ट्रीय सहयोग संभव है क्योंकि सभी देशों की साझा रुचि इस बात में है कि एआई मानवता पर नियंत्रण न पा ले। हिंटन का तर्क है कि हमें “एआई असिस्टेंट” नहीं, बल्कि “एआई मदर” चाहिए। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा, “असिस्टेंट वह होता है जिसे आप निकाल सकते हैं, लेकिन अपनी मां को आप कभी नहीं निकाल सकते, शुक्र है।”