Gauhar Jaan Songs, Biography in Hindi (गौहर जान गूगल डूडल): गौहर जान की आज 149वीं जयंती है। इसीलिए आज गूगल ने उन्हें याद करने के लिए एक डूडल बनाया है। गौहर जान पर बनाए गए गूगल के इस डूडल में गौहर जान के पीछे गूगल लिखा है। आगे गौहर जान खड़ी हैं। गौहर जान पहली ऐसी गायिका थीं जिनका म्यूजिक 78आरपीएम पर रिकॉर्ड किया गया था। इस रिकॉर्ड को भारत की प्रसिद्ध ग्रामोफोन कंपनी द्वारा रिलीज किया गया था। 26 जून को यूपी के आज़मगढ़ में एंजेलीना योवर्ड के रूप में जन्मी गौहर जान आर्मेनियन मूल की थीं। गौहर जान की मां विक्टोरिया हेम्मिंग्स का जन्म भारत में ही हुआ था वह बहुत अच्छी डांसर और सिंगर थीं।

अपने पति से तलाक के बाद, विक्टोरिया ‘खुर्शीद’ नाम के एक अमीर के साथ बनारस चली आईं। आठ साल की एंजेलीना भी अपनी मां के साथ इस शहर आ गईं। इसके बाद बनारस में गौहर जान की मां ने अपना नाम बदलकर मलका जान रख लिया और बेटी एंजेलीना का नाम भी बदलकर गौहर जान कर दिया।

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Gauhar Jaan 145th Birthday: Google Doodle Celebrates Indian singer and dancer Gauhar Jaan 145th Birthday with special doodle

Highlights

    14:43 (IST)26 Jun 2018
    बिल्ली की दावत में खर्च कर दिए थे 20 हजार रुपए

    गौहर जान को आलीशान जिंदगी के लिए पहचाना जाता है। यह बात उस दौर की है, जब पैसे की जबरदस्त वैल्यू हुआ करती थी, और तब के 20,000 रुपए आज के 20 लाख रुपए से ज्यादा के होंगे, लेकिन गौहर जान ने 20,000 रुपए सिर्फ अपनी बिल्ली के बच्चों के जन्म देने के मौके पर आयोजित की गई दावत पर ही खर्च कर दिए थे। इस बात की जानकारी कई जगहों पर मिलती हैं।

    13:23 (IST)26 Jun 2018
    इसलिए मिला पहली गायिका का दर्जा

    गौहर जान भारत की पहली गायिका थी, जिन्होंने भारतीय संगीत के इतिहास में अपने गाए गानों की रिकॉर्डिंग कराई थी। यही वजह है कि उन्हें 'भारत की पहली रिकॉर्डिंग सुपरस्टार' का दर्जा मिला।

    12:31 (IST)26 Jun 2018
    इनसे सीखा था गौहर ने कत्थक

    शास्त्रीय संगीत के पटियाला घराने की शुरुआत करने वाले कालू उस्ताद, रामपुर के उस्ताद वजीर खान, और उस्ताद अली बख्श से उन्होंने क्लासिकल की तालीम ली। गौहर जान ने कत्थक लीजेंड्री 'बृंदादीन महाराज' से सीखा जो बिरजू महाराज के दादाजी लगते थे। कीर्तन उन्होंने 'चरण दास' से सीखा।

    12:03 (IST)26 Jun 2018
    ये हैं गौहर जान के गाने

    गौहर के प्रसिद्ध गानों में 'मोरा नाहक लाए गवनवा', 'जब से गए मेरे सुर हुना लाइव', 'रस के भरे तोरे नैन मेरे दर्द-ए-जिगर' शामिल हैं। साथ ही उन्हें भजन गायन के लिए जाने जाते हैं।

    11:31 (IST)26 Jun 2018
    इसलिए मिला खास दर्जा

    26 जून 1893 को जन्मी भारतीय सिनेमा की मशहूर गायिका का असली नाम एंजलिना योवर्ड था। वह भारत की पहली गायिका थी, जिन्होंने भारतीय संगीत के इतिहास में अपने गाए गानों की रिकॉर्डिंग कराई थी। यही वजह है कि उन्हें 'भारत की पहली रिकॉर्डिंग सुपरस्टार' का दर्जा मिला।

    11:14 (IST)26 Jun 2018
    संघर्ष की कहानी है गौहर की

    भारतीय शास्त्रीय संगीत को शिखर पर पहुंचाने वाली गौहर असल जिंदगी में शोषण का शिकार रही थीं। इस सदमे से उबरते हुए गौहर संगीत की दुनिया में अपना सिक्का जमाने में कामयाब हुईं। गौहर की कहानी 1900 के शुरुआती दशक में महिलाओं के शोषण, धोखाधड़ी और संघर्ष की कहानी है।

    10:53 (IST)26 Jun 2018
    उन्हें बुलाना प्रतिष्ठा की बात हुआ करती थी

    1902 से 1920 के बीच 'द ग्रामोफोन कंपनी ऑफ इंडिया' ने गौहर के हिन्दुस्तानी, बांग्ला, गुजराती, मराठी, तमिल, अरबी, फारसी, पश्तो, अंग्रेजी और फ्रेंच गीतों के छह सौ डिस्क निकाले थे। उनका दबदबा ऐसा था कि रियासतों और संगीत सभाओं में उन्हें बुलाना प्रतिष्ठा की बात हुआ करती थी।

    10:23 (IST)26 Jun 2018
    20 भाषाओं में रिकॉर्ड किए थे ठुमरी और भजन

    गौहर जान ने 20 भाषाओं में ठुमरी से लेकर भजन तक गाए हैं। उन्होंने करीब 600 गीत रिकॉर्ड किए थे। यही नहीं, गौहर जान दक्षिण एशिया की पहली गायिका थीं जिनके गाने ग्रामाफोन कंपनी ने रिकॉर्ड किए।

    10:05 (IST)26 Jun 2018
    गौहर जान के आखिरी दिन

    अपने आखिरी दिनों में, गौहर जान मैसूर के कृष्ण राजा वाडियार चतुर्थ के बुलावे पर वहां चली गईं। जहां उन्हें शाही गायिका बना दिया गया, हालांकि वहां जाने के 18 महीने के अंदर ही 17 जनवरी, 1930 को उनका देहांत हो गया।

    09:46 (IST)26 Jun 2018
    'दिल्ली दरबार' में भी किया था परफॉर्म

    देशभर में इसके बाद से उन्होंने कई जगह परफॉर्म किया। उन्हें जॉर्ज पंचम के 'दिल्ली दरबार' में भी परफॉर्म करने को बुलाया गया। गौहर जान ने 'हमदम' नाम से कई गजलें भी लिखीं।

    09:32 (IST)26 Jun 2018
    1887 में दी थी अपनी पहली परफॉर्मेंस

    गौहर जान ने अपनी पहली परफॉर्मेंस 1887 में 'दरभंगा राज' में दी। जो आज बिहार में है। इसके बाद ही उन्हें वहां दरबारी संगीतकार बना दिया गया। 1896 से उन्होंने कलकत्ता में परफॉर्म करना शुरू कर दिया। तब तक उनके कई मुरीद हो चुके थे, और उनके रिकॉर्ड्स में उन्हें 'फर्स्ट डांसिंग गर्ल' का खिताब दिया जा चुका था।

    09:16 (IST)26 Jun 2018
    बिरजू महाराज के दादाजी से सीखा था कत्थक

    शास्त्रीय संगीत के पटियाला घराने की शुरुआत करने वाले कालू उस्ताद, रामपुर के उस्ताद वजीर खान, और उस्ताद अली बख्श से उन्होंने क्लासिकल की तालीम ली। गौहर जान ने कत्थक लीजेंड्री 'बृंदादीन महाराज' से सीखा जो बिरजू महाराज के दादाजी लगते थे। कीर्तन उन्होंने 'चरण दास' से सीखा।

    08:58 (IST)26 Jun 2018
    रवींद्र संगीत की भी थीं जानकार

    ये कलकत्ता ही था जहां गौहर जान ने और अच्छे से डांस और म्यूजिक सीखा और हिंदुस्तानी क्लासिकल म्यूजिक में एक्सपर्ट हो गईं। क्लासिक्ल के साथ ही उन्होंने कीर्तन और रवींद्र संगीत में भी सीखा।

    08:46 (IST)26 Jun 2018
    जब मलका जान नवाब वाजिद अली शाह के यहां कलकत्ता चली गईं थीं

    कुछ ही दिनों में 'मलका जान' बनारस की मशहूर हुनरमंद गायिका और कत्थक डांसर के तौर पर पहचानी जाने लगीं। कुछ ही वक्त बाद मलका जान अपनी बेटी के साथ कलकत्ता चली गईं और नवाब वाजिद अली शाह के दरबार में परफॉर्म करना शुरू कर दिया।