गूगल आज (सात जून) वर्जिनिया अपगर को उनके 109वें जन्मदिन पर याद कर रहा है। अमेरिकी सर्च इंजन ने इसके लिए होमपेज पर खास डूडल बनाया, जिसमें वर्जीनिया की एनिमेटेड तस्वीर और डूडल नजर आया। वर्जिनिया मूल रूप से अमेरिका की एनेस्थिसियोलॉजिस्ट डॉक्टर थीं। उन्हें बच्चों को नया जीवन देने वाली महिला डॉक्टर के तौर पर भी जाना जाता हैं। कारण- उन्होंने अपगर स्कोर (Apgar Score) को बनाया था, जिसकी मदद से नवजात बच्चों की स्वास्थ्य के बारे में जानकारी जुटाई जाती है।

एनिमेटेड डूडल में वर्जीनिया सफेद रंग का कोट पहने दिख रही थीं। हाथ में एक लेटर पैड व पेन थामे थीं। अगल-बगल गूगूल रंग-बिरंगे ब्लॉक्स में लिखा थाा, जबकि बीच में प्ले का बटन था और उसके नीचे ऐपगर लिखा था। प्ले का बटन दबाने पर कुछ नवजात बच्चे नजर आते हैं। बिल्कुल किसी गेम की तरह। कभी कोई आंख मटकाता है, तो कोई खिलखिलाने लगता है। वहीं, वर्जीनिया इस दौरान नोटपैड पर कुछ लिखते हुई दिखाई गईं।

डूडल पर प्ले बटन क्लिक करने के बाद बीच में कुछ बच्चों की आकृतियां आने लगी थीं।

वर्जीनिया को जानें: महिला डॉक्टर का जन्म सात जून 1909 में हुआ था। उनका शुरुआती जीवन न्यू जर्सी में गुजरा। घर में ढेर सारी स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं का सामना करने के बाद उनका रुझान औषधि और विज्ञान के क्षेत्र की ओर बढ़ा, जिसके बाद उन्होंने 1949 में पढ़ाई खत्म की। वर्जीनिया कोलंबिया वि.वि के कॉलेज ऑफ फिजिशियंस एंड सर्जंस से प्रोफेसर बनने वाली पहली महिला थीं।

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मृत्यु दर बढ़ी तो हुईं सक्रिय: साल 1950 के आसपास देश में बच्चों की मृत्यु दर बढ़ रही थी, तब ऐपगर और उनके सहयोगियों ने मिलकर कई हजार बच्चों के स्वास्थ्य के बारे में जानकारी हासिल की थी। यह उनकी मेहनत और दिमाग का करिश्मा था कि 1960 आते-आते नवजात बच्चों के जन्म के 24 घंटे के भीतर उसके स्वास्थ्य की जानकारी जुटा ली जाने लगी।

अपगर का शुरुआती जीवन अमेरिका के न्यू जर्सी में बीता था। (फाइल फोटो)

किताब भी लिखी: वर्जीनिया ने इसके बाद 1972 में ‘इज माई बेबी ऑल राइट?’ लिखी, जिसमें जन्म के वक्त बच्चों को होने वाली समस्याओं और उनके हल के बारे में विस्तार से बताया गया था। दो साल बाद यानी कि 1974 में महिला डॉक्टर ने इस दुनिया को अलविदा कह दिया।

नहीं आता था खाना बनाना: अपगर भले ही विज्ञान और औषधि के क्षेत्र में स्कूल के दिनों से अव्वल रही हों, मगर घर के काम-काज में उनका मन नहीं लगता था। दोस्तों ने बताते हैं कि उन्होंने कभी भी खाना बनाना नहीं सीखा। वह मानती थीं कि बच्चियां जैसे ही मां की कोख से निकलती हैं, वे वैसे ही समय से मुक्त हो जाती हैं। यहां तक कि उनका महिला होना भी उनके करियर को नहीं सीमित कर पाता।

क्या है अपगर स्कोर?: यह एक किस्म का टेस्ट होता है, जो शरीर के कार्यों को मापता है। यह इसके साथ ही नवजात बच्चे के जन्म के 60 सेकेंड के भीतर डॉक्टर को बताने में मदद करता है कि बच्चे का स्वास्थ्य कैसा है। क्या वह जिएगा या नहीं। टेस्ट में दिल की धड़कन, सांस लेने की प्रक्रिया, मांसपेशियों की टोन, हिलना-डुलना और खाल का रंग जैसी चीजों पर गौर किया जाता है। अगर किसी नवजात की इस दौरान स्वास्थ्य स्थिति गड़बड़ पाई जाती है, तो उसके ऑक्सीजन की भाप दी जाती है।