DeepSeek effect: भारत समेत दुनियाभर में DeepSeek का खुमार और तहलका मचा हुआ है। ऐसा नहीं है कि भारत को यूएस की तरह जागरुक होने के लिए किसी ‘डीपसीक मोमेंट’ की जरूरत है। लेकिन अब दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र ने आखिरकार यह दिखाना शुरु कर दिया है कि एक लक्ष्य और योजना के साथ कैसे स्थानीय स्तर पर AI में वह स्थानीय स्तर पर सफलता हासिल करेगा, जिससे ChatGPT, Gemini जैसी बड़ी कंपनियों और नए DeepSeek R1 जैसे नए दिग्गजों के पर निर्भरता कम होगी।

केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने गुरुवार (30 जनवरी 2025) को देश की AI महत्वाकांक्षाओं पर बात करते हुए कहा कि भारत आने वाले महीनों में अपना खुद का फंडामेंटल AI Large Lanuage मॉडल (short for LLM) तैयार करेगा। जो ChatGPT जैसे चैटबॉट को चलाने के लिए एक करेंसी की तरह है। उन्होंने कहा, ‘चैटजीपीटी के बारे में सोचें लेकिन कुछ ऐसा जो खासतौर पर भारत के लिए बनाया गया हो और ज्यादा स्थानीय हो।’ आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने एक महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट को हरी झंडी दिखाई जिसका इरादा भारत में अपना AI सिस्टम डिवेलप करने का है जो भारत के संस्कृति, भाषाओं और जरूरतों को समझता हो।

DeepSeek ने दुनियाभर में मचाया तहलका, ‘बर्बाद’ हुआ अमेरिका, जानें क्या है चीन का AI मॉडल, ऐसे करें डाउनलोड व इस्तेमाल

दूसरे शब्दों में कहें तो दूसरे देशों में डिवेलप किए गए AI मॉडल्स के भरोसे रहने की जगह भारत अपना एआई सिस्टम बना रहा है जो किसी तरह के पक्षपात से मुक्त हो और देश की विविधता को सही तौर पर दिखा सके।

DeepSeek के फाउंडर लियांग वेनफेंग की नेट वर्थ पता है? जानें कितनी है संपत्ति, 24 घंटे में AI इंडस्ट्री में मचाया बवाल

अश्विनी वैष्णव ने कॉमन कंप्यूटिंग सुविधा के तहत 18,693 ग्राफिक्स प्रोसेसिंग यूनिट (जीपीयू) को तैनात करने की घोषणा की। वैष्णव ने भारत को वैश्विक एआई केंद्र में लाने का वादा करते हुए कई घोषणाएं की और कहा कि एक एआई सुरक्षा संस्थान शुरू किया जाएगा। आईटी मंत्री वैष्णव ने कहा, ”आधुनिक तकनीक को सभी के लिए सुलभ बनाना, यही हमारे प्रधानमंत्री की आर्थिक सोच है… इस समय हमारे पास सबसे सस्ती कंप्यूटिंग सुविधा है।”

डीपसीक को लेकर गोपनीयता संबंधी चिंताओं के बारे में पूछने पर उन्होंने कहा कि भारत गोपनीयता संबंधी चिंताओं को दूर करने के लिए इसे भारतीय सर्वर पर होस्ट करेगा।