2025 में आप अभी भी सिर्फ गूगल करते हैं या ChatGPT का भी इस्तेमाल कर रहे हैं? एक समय था जब हर सवाल का जवाब जानने के लिए हम झट से Google के पास पहुंच जाते हैं। लेकिन अब ऐसा लगता है कि दुनिया के सबसे बड़े टेक दिग्गज गूगल का दबदबा कम होने लगा है और इसकी वजह है Artifical Intelligence (AI)। जी हां टेक्नोलॉजी के इस युग में लोग सवालों, जवाबों, दुविधा के लिए पुराने गूगल से ज्यादा अब ChatGPT को तरजीह दे रहे हैं।
OpenAI से मिले डेटा के आधार पर कहें तो ChatGPT चैटबॉट को हर दिन 2.5 बिलियन प्रॉम्प्ट्स मिल रहे हैं। जी हां, इतनी बड़ी संख्या में चैटजीपीटी डेली प्रॉम्प्ट को प्रोसेस कर रहा है। आपको बता दें कि यह डेटा महज 8 महीने में दोगुना हो गया है। इससे संकेत मिलते हैं कि दुनिया का सबसे पॉप्युलर चैटबॉट धीरे-धीरे Google Search की जगह ले सकता है।
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OpenAI डेटा के अनुसार, इनमें से लगभग 330 मिलियन डेली प्रॉम्प्ट अकेले संयुक्त राज्य अमेरिका से आते हैं। यह दुनिया भर में डेली डिजिटल रुटीन में चैटबॉट के डीप इंटिग्रेशन का संकेत देता है। दिसंबर 2024 में, OpenAI के CEO सैम ऑल्टमैन ने बताया था कि ChatGPT 1 बिलियन से ज्यादा डेली सवालों को हैंडल कर रहा था। सात महीनों में 1 बिलियन से 2.5 बिलियन डेली सर्च तक, ChatGPT में बड़ी बढ़ोत्तरी देखी गई है।
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ChatGPT ने दी Google को मात?
ChatGPT की हर दिन 2.5 बिलियन सर्च की बड़ी उपलब्धि के बावजूद, यह Google के डेली सर्चेज से बहुत पीछे है। Google अनुमानित 13.7 बिलियन से 16.4 बिलियन डेली सर्च को संभालता है (5 ट्रिलियन सर्च के ऐनुअल डिस्क्लोजर के आधार पर), जो इसे चैटजीपीटी के डेली सर्च डेटा से काफी आगे रखता है।
हालांकि, इस डेटा को एक अलग नजरिए से देखें तो चैटजीपीटी अब तीन साल से कम पुराना होने के बावजूद Google की डेली क्वरी वॉल्यूम का लगभग पांचवां हिस्सा प्रोसेस कर रहा है। जबकि Google कई दशकों से मौजूद है।
दुनियाभर में इंटरनेट सर्च पर ChatGPT का असर साफ देखा जा सकता है। जबकि गूगल भी अपने सर्च रिजल्ट्स में अब AI मोड को लागू कर रहा है। Google का AI मोड सवालों और जटिल प्रश्नों के कन्वर्सेशनल जवाब देने की कोशिश करता है। इसी तरह, Perplexity AI भी ज्यादा रिसर्च-सेंट्रिक AI सर्च इंजन के रूप में लोकप्रियता हासिल कर रहा है।
Bharti Airtel के साथ Perplexity की डील के तहत ग्राहकों को Perplexity Pro का एक साल का सब्सक्रिप्शन फ्री ऑफर किया जा रहा है। इसका मकसद भरोसेमंद और विश्वसनीय एआई सर्च इंजन चाहने वाले भारतीयों के बीच इसे और अधिक पॉप्युलर बनाना है। यह कोशिश सफल होती भी दिख रही है क्योंकि Perplexity का ऐप भारत में ऐप्पल के ऐप स्टोर पर नंबर 1 AI App बन गया है।
ChatGPT बनेगा और ज्यादा पावरफुल
ओपनएआई की रफ्तार अभी रुकने वाली नहीं है। रिपोर्ट्स से संकेत मिलते हैं कि सैम ऑल्टमैन की लीडरशिप वाली कंपनी AI-पावर्ड वेब ब्राउजर पर काम कर रही है जो सीधे Google Chrome को टक्कर देती है। इसने ChatGPT Agent भी लॉन्च किया है जो किसी यूजर की ओर से टास्क परफॉर्म करता है।
इंडस्ट्री एक्सपर्ट्स का कहना है कि भले ही ChatGPT अभी पूरी तरह से Google की जगह नहीं ले रहा है, लेकिन यह यूजर्स को सर्च, यूटिलाइज करने और यहां तक कि जानकारी पर भरोसा करने के तरीके में सुधार कर रहा है।