आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस ने पहले ही नौकरियों पर असर डालना शुरू कर दिया है। अलग-अलग इंडस्ट्री में लोग AI के चलते अपनी नौकरियां खो रहे हैं। हालांकि, ऐसे समय में जबकि अधिकतर टेक एक्सपर्ट्स, व्हाइट कॉलर जॉब में बड़ी छंटनी का अनुमान लगा रहे हैं। गूगल क्लाउड (Google Cloud) के CEO थॉमस कुरियन का कहना है कि एआई, नौकरियों के लिए खतरा नहीं है।

हालांकि जैसे-जैसे आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) डिवेलप होता जा रहा है, नौकरी छूटने की चिंताएं पहले से कहीं अधिक तेज़ और ज़ोरदार हो रही हैं। लेकिन थॉमस कुरियन एक अलग नजरिया पेश करते हैं। उनका कहना है कि AI लोगों को उनके काम को बेहतर तरीके से करने में मदद करने के लिए आया है। उन्होंने अपने तर्क को सपोर्ट करने के लिए पॉडकास्ट में कई बिंदुओं का उल्लेख किया।

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एआई नहीं लेगा इंसानों की जगह?

हाल ही में “The Big Technology Podcast” में थॉमस कुरियन ने ज़ोर देकर कहा कि AI के बढ़ने का मतलब यह नहीं है कि रोजगार के लिए खतरा है। इसके बजाय वह AI को एक सहयोगी टूल के रूप में देखते हैं जो इंसानों की प्रोडक्टिविटी को बढ़ाने का साधन है न कि इसे खत्म करने का। उनके अनुसार, सबसे प्रभावी AI सॉल्यूशन वे हैं जो कर्मचारियों को उनके मौजूदा काम में मदद करते हैं। दोहराए जाने वाले और साधारण कार्यों को संभालकर, AI लोगों को हाई-लेवल सोच, रचनात्मकता और डिसीजन-मेकिंग जैसे क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित करने की सुविधा देता है जहां मानव का फैसला सबसे महत्वपूर्ण होता है।

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वर्कप्लेस में AI मानव क्षमता को बढ़ा रहा है?

थॉमस कुरियन ने बताया कि आज जो कंपनियां AI अपना रही हैं, वे अपने कर्मचारियों की संख्या को अपने-आप कम नहीं कर रही हैं। वास्तव में, कई ऑर्गनाइजेशन AI सिस्टम लागू करने के बाद कर्मचारियों को अधिक प्रभावशाली भूमिकाओं में दोबारा असाइन कर रहे हैं। उन्होंने उदाहरण के तौर पर गूगल के AI-इनेबल कस्टमर सर्विस सॉल्यूशन्स का ज़िक्र किया। एडवांस्ड AI टूल्स रूटीन क्वेरीज का अपने आप जवाब दे सकते हैं, जिससे मानव एजेंट्स के पास मुश्किल या संवेदनशील मुद्दों को संभालने का अधिक समय मिलता है। थॉमस कुरियन के अनुसार, AI ग्राहक सेवा कर्मचारियों को बदलने के बजाय उन्हें बेहतर ग्राहक अनुभव देने में मदद करता है।

AI से स्मार्ट वर्कफ़्लो को बढ़ावा?

एक असली उदाहरण देते हुए थॉमस कुरियन ने बताया कि कैसे AI दोहराए जाने वाले कार्यों को संभालकर स्मार्ट वर्कफ्लो पैदा करता है। इनमें पासवर्ड रिसेट या बेसिक अकाउंट क्वेरीज शामिल हैं। हर बार इन कामों को व्यक्ति द्वारा संभालने के बजाय, AI इन्हें संभाल सकता है जिससे तेज समाधान मिलता है और सपोर्ट टीम्स में बर्नआउट कम होता है। यह तरीका न केवल कार्यक्षमता बढ़ाता है, बल्कि कंपनियों में कर्मचारियों को बनाए रखते हुए उनकी भूमिकाओं में सुधार करने की सुविधा भी देता है।

गूगल के AI Vision से कितने मिलते हैं कुरियन के विचार?

थॉमस कुरियन के विचार Google के CEO सुंदर पिचाई के दृष्टिकोण से मिलते-जुलते हैं। सुंदर पिचाई ने हाल ही में कहा था कि AI ने इंटरनल प्रोडक्टिविटी को 10% तक बढ़ाया है। उन्होंने जोर देकर कहा कि AI का इस्तेमाल केवल रूटीन कामों को ऑटोमेट करने के लिए होना चाहिए न कि नौकरियों को कम करने के लिए। उन्होंने यह भी जिक्र किया कि AI के विकास के बावजूद Google अभी भी अधिक टैलेंट को हायर करने की योजना बना रहा है। दोनों नेता इस बात पर जोर देते हैं कि AI का इस्तेमाल अधिक अर्थपूर्ण और मूल्य-आधारित काम पैदा करने के लिए किया जाना चाहिए न कि कार्यबल को बदलने के लिए।

थॉमस कुरियन का संदेश स्पष्ट है कि AI नौकरियों को खत्म करने वाला नहीं बल्कि उन्हें ट्रांसफॉर्म करने वाला है। इसकी असली क्षमता लोगों को ज्यादा काम करने, बड़ा सोचने और स्मार्ट तरीके से काम करने में सक्षम बनाने में निहित है। जैसे-जैसे ऑर्गनाइजेशन AI को अपने ऑपरेशन्स में इंटिग्रेट करते हैं, ध्यान कर्मचारियों को सशक्त बनाने पर होना चाहिए, उन्हें बदलने पर नहीं। सोच-समझकर लागू किए जाने पर, AI एक ऐसे भविष्य की राह खोल सकता है जहां तकनीक और मानव प्रतिभा साथ-साथ फलती-फूलती हैं।