Infosys के को-फाउंडर एन.आर. नारायण मूर्ति ने AI (Artificial Intelligence) की बदलाव लाने वाली क्षमता खासतौर पर नौकरियों को खत्म करने की चिंताओं के बीच सेक्टर में विकास में तेजी लाने पर एक आशावादी रुख जाहिर किया है। अकसर ही अलग-अलग मुद्दों पर अपनी राय रखने के लिए मशहूर नारायण मूर्ति ने AI टूल्स को व्यक्तिगत तौर पर अपनाने से जुड़ा एक बड़ा खुलासा किया। खासतौर पर उन्होंने कहा कि वह OpenAI के ChatGPT को स्पीच ड्राफ्ट करने और लेक्चर तैयार करने के लिए इस्तेमाल करते हैं।
उन्होंने रेखांकित किया कि कैसे इस जेनरेटिव एआई टूल ने उनकी तैयारी प्रक्रिया को महत्वपूर्ण रूप से सुव्यवस्थित किया है। मूर्ति ने अपनी व्यक्तिगत उत्पादकता में पांच गुना की उल्लेखनीय वृद्धि पर प्रकाश डालते हुए कहा, “पहले…एक व्याख्यान तैयार करने में…लगभग 25-30 घंटे लगते थे…लेकिन चैटजीपीटी के साथ…पांच घंटे में, मैं ड्राफ्ट में सुधार कर सकता था।”
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AI ने कैसे की नारायण मूर्ति की मदद
मूर्ति ने बताया कि कैसे इस जेनरेटिव AI टूल ने उनकी तैयारी करने की प्रक्रिया को महत्वपूर्ण तरीके से स्ट्रीमलाइन किया है। मूर्ति ने अपनी पर्सनल प्रोडक्टिविटी में 5 गुना की बड़ी वृद्धि पर जोर डालते हुए कहा, ‘पहले…एक लेक्चर की तैयारी करने में…करीब 25-30 घंटे लगते थे…लेकिन चैटजीपीटी के साथ…पांच घटे में, मैं ड्राफ्ट में सुधार कर सकता हूं।’
दुनियाभर में रोजगार पर AI के प्रभाव को लेकर फैली चिंता पर मूर्ति ने कहा, ‘यह पूरा डर कि टेक्नोलॉजी नौकरियां छीन लेगी, सही नहीं है। यह एक अलग तरह की नौकरी पैदा करेगा।” उन्होंने चैटजीपीटी के साथ अपने अनुभव के बारे में विस्तार से बताते हुए कहा, ‘उदाहरण के लिए, मैंने अपने भाषणों के लिए चैटजीपीटी का इस्तेमाल करने में जो पाया वह था- स्मार्टनेस मेरे भाषण के लिए जरूरी परिभाषा मुहैया कराने में है। बुद्धिमानी सही प्रश्न पूछने में है।’
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AI प्रोफेशनल्स को बनाएगा और स्मार्ट
उनका मानना है कि AI, पेशेवरों को अधिक जटिल चुनौतियों से निपटने के लिए सशक्त बनाएगा। उन्होंने कहा, ‘तो, भविष्य में क्या होगा कि हमारे प्रोग्रामर और ऐनालिस्ट बेहतर, और ज्यादा बेहतर जरूरतों, अधिक जटिल आवश्यकताओं को परिभाषित करने में अधिक स्मार्ट हो जाएंगे। वे बड़ी समस्याओं, अधिक जटिल समस्याओं का समाधान करेंगे। इसलिए, मैं इस बारे में बहुत सकारात्मक हूं कि एआई कैसे केवल हमारे उद्योग की विकास दर को बढ़ाएगी।’
मूर्ति ने कहा कि AI को ऑग्युमेंटिव टूल के रूप में देखा जाना चाहिए, जो मानवीय क्षमताओं को पूरी तरह से बदलने के बजाय उन्हें बढ़ाने में सक्षम है। उनका मानना है कि अगर लीडर्स, उत्पादकता और गुणवत्ता में सुधार के लिए AI को रणनीतिक रूप से इंटिग्रेट करते हैं तो सॉफ्टवेयर इंडस्ट्री की ग्रोथ तेज हो जाएगी।
मूर्ति ने याद की पुरानी बातें
1970 के दशक के आखिर में reusable code skeletons के निर्माण के अपने शुरुआती करियर को याद करते हुए, मूर्ति ने कहा कि एआई अब प्रोग्रामर्स को बड़े पैमाने पर समान फ्रेमवर्क को ऑटोमेट करने में सक्षम बनाता है। उन्होंने कहा, “एक बार जब skeletons एआई द्वारा निर्मित हो जाते हैं, तो बड़े पैमाने पर प्रोग्रामर के लिए, बड़ी संख्या में प्रोग्रामर के लिए, उच्च गुणवत्ता वाले कोड, हाई क्वॉलिटी वाले प्रोग्राम को प्रोड्यूस करना बेहद आसान हो जाता है।”
मूर्ति ने 1970 के दशक में ब्रिटेन के बैंकिंग क्षेत्र में कंप्यूटर की शुरूआत की तुलना की, जिसे शुरू में यूनियन हड़तालों के विरोध का सामना करना पड़ा था। उन्होंने बताया कि कैसे, यूनियन नेताओं और विशेषज्ञों के बीच चर्चा के बाद, यह समझाया गया कि कंप्यूटर उत्पादकता को बढ़ाएंगे, जिससे कर्मचारी कुशलतापूर्वक काम पूरा कर सकेंगे और उनके वर्क-लाइफ बैलेंस में सुधार होगा। उन्होंने कहा कि इस बदलाव के कारण आखिरकार यूके और यूएस दोनों में बैंकिंग क्षेत्र में नौकरियों में 40 से 50 गुना वृद्धि हुई। उन्हें उम्मीद है कि एआई इस सदी में भी ऐसा ही करेगी।