महाकुंभ में मकर संक्रांति केवल एक दिन नहीं, बल्कि जीवन के नए अध्याय का आरंभ है…
मकर संक्रांति और महाकुंभ के संगम में, गंगा स्नान आत्मा को शुद्ध करता है और जीवन को मोक्ष की ओर ले जाता है। सूर्य की उत्तरायण यात्रा सकारात्मकता और प्रकाश का प्रतीक है, जबकि दान और सेवा दूसरों के लिए जीने का महत्व सिखाती है। महाकुंभ में नागा साधुओं की पहली डुबकी गंगा को पवित्र करती है, और पतंगें जीवन की ऊंचाइयों को दर्शाती हैं।