Explained: महापरिनिर्वाण दिवस: अंबेडकर क्यों मानते थे बौद्ध धर्म को मार्क्सवाद से बेहतर?
6 दिसंबर को डॉ. बी.आर. अंबेडकर की पुण्यतिथि मनाई जाती है। अंबेडकर ने बौद्ध धर्म और मार्क्सवाद के बीच समानताएं देखीं, दोनों का लक्ष्य न्यायपूर्ण समाज था। उन्होंने बुद्ध के नैतिक तरीकों को मार्क्स के हिंसात्मक तरीकों से बेहतर माना। अंबेडकर का मानना था कि बौद्ध धर्म, कम्युनिज्म को बनाए रखने में मददगार हो सकता है, क्योंकि यह बिना तानाशाही के समानता और भाईचारे पर जोर देता है।