कुछ सीन्स लीक होने की वजह से लगातार सुर्खियों में बनी रहने वाली राधिका अप्टे की फिल्म फाइनली पर्दे पर आ गई है। फिल्म की डायरेक्टर लीना ने इस फिल्म में महिलाओं के यौन शोषण के साथ-साथ पुरुष प्रधान समाज में महिलाओं को एक इस्तेमाल की चीज समझने वाले नजरिए को बेहद बोल्ड अंदाज में पेश किया है। लीक से हटकर कंटेंट देखने वालों को यह फिल्म जरूर पसंद आएगी। पार्च्ड को कई विदेशी फिल्म फेस्टिवल में कई अवॉर्ड मिल चुके हैं।

पार्च्ड की कहानी गुजरात के कच्छ के एक दूरदराज बसे एक छोटे से गांव से शुरू होती है। गांव की पंचायत गांव की एक नवविवाहिता को अपने पति के घर लौटने का फैसला देती है, पंचायत पीड़ित महिला की बात नहीं सुनती, महिला अपने पति के घर वापस नहीं जाता चाहती, क्योंकि वहां उसका बूढ़ा ससुर उसका यौन शोषण करता है, महिला अपना यह दर्द अपनी मां के साथ भी बांटती है, लेकिन मां भी अपनी बेटी की बात नहीं सुनती। फिल्म इस गांव की चार महिलाओं की है। रानी (तनिष्ठा चटर्जी) की विधवा के रोल में हैं। एक ऐक्सिडेंट में उसके पति की मौत हो चुकी है। रानी अब अपने बेटे गुलाब सिंह (रिधि सेन) की शादी करना चाहती है ताकि उसके वीरान घर में बहू आ सके। गुलाब की मर्जी के खिलाफ रानी उसकी शादी कम उम्र की जानकी (लहर खान) से करती है। जानकी अभी स्कूल में पढ़ रही है, इस शादी से बचने के लिए जानकी अपने लंबे बाल तक काट लेती है, लेकिन इसके बावजूद जानकी की शादी गुलाब से होती है। शादी के बाद भी गुलाब अपनी पत्नी को पीटता है, रानी चाहकर भी कुछ नहीं कर पा रही। रानी की एक सहेली लाजो (राधिका आप्टे) है, लाजो शादी के बाद मां नहीं बन सकी तो उसका शराबी पति उसे रोजाना बुरी तरह से पीटता है, इसी गांव में चल रही एक नाटक मंडली में डांस करने वाली बिजली का किरदार सुरवीन चावला ने निभाया है। डांस ग्रुप में नाचने रानी, लाजो, बिजली और जानकी को मर्दों से नफरत है, हर राज पुरुष प्रधान समाज में कुचली जा रही इन चारों महिलाओं के इर्दगिर्द घूमती इस कहानी में इन चारों का मकसद पुरुषों की कैद से छुटकारा और उनसे मिलने वाली प्रताड़ना से आजादी हासिल करना है।

फिल्म में तनिष्ठा ने अपनी दमदार एक्टिंग से कैरेक्टर में जान डाल दी है। सुरवीन चावला भी अपने रोल से जस्टिस करने में कामयाब रही। राधिका के बोल्ड सीन जो लागातार सुर्खियों में रहे वह फिल्म की डिमांड थी। डायरेक्टर ने फिल्म के सब्जेक्ट स् ज्यादा छेड़ छाड़ ना करते हुए फिल्म को वास्तविकता के काफी करीब रखा है।

Read Also: Thodari Movie Review: पैंट्री बॉय बने धनुष और कीर्थी की केमिस्ट्री के साथ-साथ अच्छे Visuals की हो रही है तारीफ