Kabali Review: कबाली का रजनीकांत किसी मिशन पर लगे एक आदमी की कहानी है। कई साल पहले कबालीस्वरम के साथ कुछ गलत होता है। इसी का बदला लेने के लिए वो कबाली बन जाता है। लेकिन इससे पहले कि वो बदला लेता है, दर्शकों को ढाई घंटे का फुल रजनीकांत क्लासिक मूव्स, डायलॉग्स और डांस स्टेप्स देखने को मिलते हैं। कबाली के प्लॉट की बात की जाए तो कबाली एक वर्कर है जो अपनी वाइफ (राधिका आप्टे) और बेटी के साथ खुशी-खुशी रहता है। लेकिन खुशी ज्यादा दिन नहीं चलती। धीरे-धीरे दिन बदलते हैं। कामकाजी और ईमानदार कबाली सब कुछ गंवाने लगता है। फिर खुद को और मलेशिया में अत्याचार सह रहे दूसरे तमिल लोगों को बचाने के मिशन में लग जाता है।

फिल्म का बेस्ट पार्ट रजनीकांत हैं। उनका करिज्मा फिल्म को एक अलग ही लेवल पर ले जा रहा है। उनके फाइटिंग सीन्स से लेकर फ्लैशबैक सभी उनके फैन्स के लिए एक ट्रीट हैं। इस फिल्म में डॉन बने रजनीकांत अपने फैन्स को निराश होकर थिएटर से लौटने नगीं देंगें। फिल्म में कबाली टाइटल सॉन्ग भी बढ़िया जगह फिट किया गया है। फिल्म की दूसरी कास्ट भी फिल्म में चार चांद लगाने में कामयाब रही है। खास तौर पर राधिका आप्टे और धन्सिका। रजनीकांत के साथ राधिका की जोड़ी काफी अच्छी लग रही है। राधिका ने अपनी एक्टिंग से रोल में जान डालने का काम किया है। फिल्म में वो सीन्स आपको काफी पसंद आएंगे जिनमे रजनीकांत और राधिका लंबे अरसे के बाद मिलते हैं।

कबाली की एक कमी की अगर बात करें तो वो इसकी स्लो और पैची नैरेशन है। कुछ समय ऐसा आता है जब फिल्म लटकने लगती है। एक ये वजह है जिस कारण दुनियाभर में छाई ये फिल्म दर्शकों को निराश कर सकती है।