भारत में कोई ऐसा मुहल्ला या गांव नहीं होगा कि जहां कोई न कोई फिल्म में हीरो या हीरोइन बनने की चाहत न रखता है। लाखों लोग तो घर से भागकर और संपत्ति बेचकर मुंबई पहुंचते हैं ताकि किसी फिल्म में चांस मिल जाए। केडी सत्यम की फिल्म बॉलीवुड डायरीज इसी दीवानेपन को दर्शाती है। इसमें तीन चरित्र हैं। पहली है इमली (राइमा सेन) जो कोलकोता में सेक्स वर्कर है लेकिन फिल्म में हीरोइन बनने की तमन्ना रखती है। दूसरा है छत्तीसगढ़ के भिलाई का रहने वाला 50 वर्षीय विष्णु श्रीवास्तव (आशीष विद्यार्थी)। वो अपनी बेटी की शादी भी कर चुका है, फिर भी फिल्म लाइन में जाने का उसका शौक खत्म नहीं हुआ है। तीसरा किरदार है रोहित जो दिल्ली में एक कॉल सेंटर में काम करता है। क्या तीनों अपनी हसरतों को पूरा कर पाएंगे, यही इस फिल्म का मुख्य विषय है।
निर्देशक ने भारतीय समाज में व्याप्त फिल्म के असर को सामने लाने की कोशिश की है हालांकि तीनों कहानियां आपस में घुलमिल नहीं पाई हैं। फिल्म बेमेल खिचड़ी की तरह हो गई है।`बॉम्बे टाकीज’ में भी चार निर्दशकों ने मिलकर कुछ कुछ इसी विषय पर फिल्म बनाई थी। पर वहां विषय पर फोकस था पर सत्यम की इस फिल्म में नहीं। फिल्म का एक गाना `मन का मिरगा’ विषय से संबंधित है लेकिन दिलों को छू नहीं पाएगा। यदि निर्देशक ने स्क्रीनप्ले पर अधिक ध्यान दिया होता तो फिल्म और उम्दा बन सकती थी।
निर्देशक- केडी सत्यम
कलाकार- राइमा सेन, आशीष विद्यार्थी, सलीम दीवान, विनीत कुमार सिंह, करुणा पांडे

