भगवान हनुमान अत्यंत बलशाली थे जिन्हें भगवान शिव का 11वां अवतार माना जाता हैं किंतु बाल्यकाल में ऋषि अंगीरा व भृगु से मिले श्राप के कारण हनुमान अपनी शक्तियां भूल गये थे। कथावाचक प्रेम भूषण जी बताते हैं कि यह शक्तियां पुनः उन्हें तब याद आई थी जब माता सीता की खोज के लिए जाम्बवंत जी ने उन्हें याद दिलाई थी। इसके साथ ही उन्होंने बताया कि हनुमान जी की पूजा क्यों करनी चाहिए। आइए संक्षेप में जानते हैं-

कथावाचक प्रेम भूषण जी के मुताबिक जब हनुमान जी तेज गति से समुंद्र के ऊपर से उड़ रहे थे कि अचानक से एक भयानक मुहं वाली राक्षसी सुरसा प्रकट हो गई, हनुमान जी को भोजन स्वरूप खाने के लिए उसने कहा कि उसे भगवान ब्रह्मा का वरदान है कि कोई भी उसकी आज्ञा के बिना यहाँ से आगे नही जा सकता इसलिये उसे उसके मुख में आना ही होगा। यदि वह मुख से बचकर निकल जायेगा तो ब्रह्मा का वरदान पूरा माना जायेगा।

हनुमान जी की चतुराई: हनुमान तैयार हो गए सुरसा ने हनुमान को खाने के लिए अपना जबड़ा खोला, जैसे ही वह जबड़ा और खोलती हनुमान भी अपना शरीर और बड़ा कर लेते। जब सुरसा का जबड़ा पूरा खुल गया तब हनुमान जी ने तीव्र गति से अपना शरीर छोटा किया और सुरसा के मुंह के अंदर जाकर वापस बाहर आ गए। हनुमान की ऐसी चतुराई देखकर सुरसा बहुत प्रसन्न हुई व अपने असली रूप में आ गयी।

लंकिनी से युद्ध: ऐसे ही लंका में प्रवेश करने से पहले पर्वत पर काल से युद्ध में हनुमान जी विजयी होते हैं, उसके बाद लंका में प्रवेश करते ही लंकिनी लंका राज्य की सुरक्षा प्रभारी थी जो लंका नगर के प्रवेश द्वार पर पहरा देती थी। उसकी आज्ञा के बिना कोई भी नागरिक लंका के अंदर प्रवेश नही कर सकता था। वह अत्यंत शक्तिशाली व बलवान स्त्री थी। जिसे रावण ने मुख्यतया लंका की सुरक्षा का उत्तरदायित्व दिया था। हनुमान जी उसे भी हराकर अंततः लंका में प्रवेश करते हैं।

हनुमान जी की पूजा करने से क्या लाभ है?

मंगलवार और शनिवार के दिन हनुमानजी की विशेष रूप से पूजा का प्रावधान है। इनकी पूजा करने से सभी कष्ट दूर हो जाते हैं। सनातन धर्म में राम भक्त हनुमानजी को संकटों को हरने वाले देवता माना गया है क्योंकि कलयुग में पृथ्वी पर निवास करने वाले देवताओं में इन्हें माना गया है। साथ ही शनि की साढ़ेसाती और ढैय्या चल रहे जातकों को हनुमानजी की पूजा करने की सलाह दी जाती है।

हनुमान जी के भक्तों को क्या नहीं करना चाहिए?

धार्मिक कथाओं के अनुसार लालच करना बुरी आदत है। व्यक्ति को जीवन में कभी भी लालच नहीं करना चाहिए। हनुमान जी ऐसे भक्तों पर विशेष कृपा करते हैं जो लालच नहीं करते हैं।

मंगलवार के दिन हनुमान जी को क्या चढ़ाएं?

हिन्दू धर्म के शास्त्रों के मुताबिक हनुमान जी मंगलवार के दिन चोला चढ़ाएं, इसके अलावा संभव हो तो इस दिन सुंदरकांड का पाठ करें। ऐसा करने से बजरंगबली की कृपा बनी रहेगी। मंगलवार को राम रक्षा स्त्रोत्र का पाठ करना अधिक फलदायी साबित हो सकता है और भोग स्वरूप हनुमान जी को गुड़ और चने अर्पित करें।

हनुमान जी की पूजा मंगलवार को ही क्यों होती है?

स्कंद पुराण में बताया गया है कि मंगलवार के दिन ही हनुमानजी का जन्म हुआ था। इसलिए इस दिन को उनकी पूजा अर्चना के लिए समर्पित कर दिया गया। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार कठोर नियमपूर्वक बजरंगबली की पूजा करने से वे जल्दी प्रसन्न हो जाते हैं और भक्तों की समस्त मनोकामना को पूर्ण कर देते हैं।