शनि देव का राशि परिवर्तन ज्योतिष अनुसार काफी अहम माना जाता है। क्योंकि इसका प्रभाव सभी राशियों के जातकों पर पड़ता है। शनि अभी मकर राशि में गोचर हैं और 29 अप्रैल साल 2022 में ये कुंभ राशि में प्रवेश कर जायेंगे। शनि मकर और कुंभ दोनों ही राशियों के स्वामी हैं। वर्तमान में शनि के मकर में गोचर होने से धनु, मकर और कुंभ वालों पर शनि साढ़े साती तो मिथुन और तुला वालों पर शनि ढैय्या चल रही है। जानिए शनि का कुंभ राशि में गोचर किनकी बढ़ाएगा मुश्किलें…

शनि साढ़े साती: 29 अप्रैल 2022 में शनि के कुंभ राशि में प्रवेश करते ही मीन वालों पर शनि की साढ़े साती शुरू हो जाएगी। वहीं मकर वालों पर इसका अंतिम चरण तो कुंभ वालों पर इसका दूसरा चरण शुरू हो जाएगा। धनु जातकों को शनि साढ़े साती से मुक्ति मिल जाएगी। लेकिन साल 2022 में ही 12 जुलाई को शनि वक्री अवस्था में एक बार फिर से मकर राशि में गोचर करने लगेंगे जिससे धनु राशि वाले फिर से शनि साढ़े साती की चपेट में आ जायेंगे। शनि की मकर राशि में उपस्थिति 17 जनवरी 2023 तक रहेगी। यानी कुल मिलाकर धनु वालों को शनि साढ़े साती से पूर्ण रूप से मुक्ति साल 2023 में ही मिलेगी।

शनि ढैय्या: साल 2022 में शनि के कुंभ राशि में प्रवेश करते ही कर्क और वृश्चिक वालों पर शनि की ढैय्या शुरू हो जाएगी। वहीं मिथुन और तुला जातकों को इससे राहत मिलेगी। लेकिन 12 जुलाई 2022 में शनि के एक बार फिर से मकर में गोचर करने से मिथुन और तुला जातक एक बार फिर से शनि ढैय्या की चपेट में आ जायेंगे। शनि 17 जनवरी 2023 तक अपनी वक्री अवस्था में मकर राशि में रहेंगे। यानी इन दोनों राशियों को शनि की ढैय्या से पूर्ण रूप से मुक्ति साल 2023 में ही मिलेगी। शुक्र ग्रह के राशि परिवर्तन से 7 राशि वालों का होगा भाग्योदय, धन-संपत्ति में होगी बढ़ोतरी

2021 में ही शनि होने जा रहे हैं वक्री: 23 मई से शनि अपनी वक्री चाल चलेंगे और 11 अक्टूबर तक इसी अवस्था में रहेंगे। शनि की वक्री चाल से शनि साढ़े साती और शनि ढैय्या से पीड़ित जातकों के कष्ट बढ़ेंगे। महीने की इन तारीखों में जन्मे लोगों पर शुक्र का रहता है प्रभाव, इन्हें लाइफ में मिलते हैं सारे ऐशोआराम